“स्वर्ण भस्म” भाग -4
स्वर्ण भस्म का आज हम 4th भाग आपसे शेयर करने जा रहे हैं। यह रसायन स्वर्ण भस्म युक्त है। जिसका नाम है।
“चतुर्मुख रस”
गुण और उपयोग:-
स्वर्ण, अभ्रक, कज्जली आदि के योग से बनने वाली यह दवा वातज रोगों के लिये बहुत फायदेमन्द है।
मूर्च्छा, हिस्टीरिया, मृगी और उन्माद रोग पर इस दवा का अच्छा असर होता है।
हृदय की बीमारियों को दूर करके हृदय को मजबूत करना इस रसायन का खास गुण है।
क्षय, खाँसी, अम्लपित्त, पाण्डु और प्रसूत-ज्वर या प्रसूत के बाद होने वाली कमजोरी में इस दवा का प्रयोग करके लाभ उठाना चाहिए।
यह पौष्टिक और रसायन भी है। इसलिये किसी बीमारी के बाद की कमजोरी या साधारणतया होने वाली कमजोरी में इस दवा से अच्छा लाभ होता है।
क्षय रोग के लिए इस दवा का सेवन आप कर सकते हैं।
इस रसायन का प्रमुख कार्य शारीरिक निर्बलता दूर करके सप्तधातुओं को पुष्ट करके शरीर को हष्ट-पुष्ट बनाना है।
पाचन , पेट की गड़बड़ी,भूख न लगना, पाचन हमेशा खराब रहना , ज्वर बने रहना ऐसी समस्याएं इस रसायन के सेवन से ठीक होती है।
बिमारी रहने के कारण रोगी कांतिहीन हो जाता है। उठने बैठने बोलने की शक्ति कम हो जाती है , ऐसे रोगियों के लिए भी यह रसायन वरदान साबित होता है।
मानसिकत रोग, दिमाग़ी कमजोरी, bipolar disorder, पागलपन आदि के लिए यह रसायन बहुत लाभदायक है।
घटक:-
शुद्ध पारा, शुद्ध गन्धक, लौह भस्म और अभ्रक भस्म 4-4 तोला तथा स्वर्ण भस्म 1 तोला ( 10ग्राम) लें। प्रथम पारा-गन्धक की कज्जली बना उसमें अन्य भस्में मिला, घृतकुमारी- रस में घोंटकर गोला बना, धूप में सुखा, एरण्ड-पत्र में लपेट, सूत से बाँध कर, धान की कोठी में तीन दिन तक रहने दें। चौथे दिन उसमें से निकाल कर महीन पीस कर 1-1रत्ती ( 125mg ) की गोली बनाकर सुखाकर रख लें।
मात्रा और अनुपान-1-2 गोली सुबह-शाम त्रिफला घृत 3ग्राम के साथ सेवन करें। ऊपर से दूध पी सकते हैं।
इस रसायन को दूध , घी, मक्खन, मलाई,अन्य दवाओं के साथ मिलाकर, रोगी और रोग की अवस्था अनुसार वैद्य की सलाह अनुसार ही सेवन करना चाहिए।
हम यहां आपको आयुर्वेद का ज्ञान वर्धन के लिए लेख लिख रहे हैं। कोई भी दवा चिकित्सक की सलाह से ही इस्तेमाल करें।
इस रसायन में कज्जली योगवाही और रसायन है।
लौह और अभ्रक शक्ति वर्धक, धातुओं को पुष्ट करने वाला, सुवर्ण राजयक्षमा, क्षय, टीबी , कमजोरी आदि के लिए सर्वश्रेष्ठ है।स्वर्ण जिस भी दवा में नुस्खे में हो उसके ताकत को बहुत बढ़ा देता है।
किसी भी जटिल पुराने रोग के लिए आप मुफ्त सलाह लें सकते हैं।
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✍🏻 सदैव आपका अपना शुभचिंतक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा,
अमन आयुर्वेद,
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