Sunday, May 7, 2023

तथाकथित वैद्य लोगों के लिए

🚨जरुरी सूचना , यह लेख नही पढ़ा तो आपको एक दिन जरुर पछताना पढ़ेगा । 🙏🏻🔍

यह विषय चर्चा से कुछ हटकर है लेकिन अतिजरुरी है , इसलिए आपसे शेयर रहा हुं। 

कुछेक वैद्य है , अन्य ग्रुप में जो कह रहे कि वो एक साल में ही वैद्य बन गए, उनके पास हजारों नही हजाड़ो नुस्खे है,उनके पास बहुत से ग्रंथ है। 
और उसी ग्रुप में उनके गुरु जो कि यह घोषणा करते है कि धीरे धीरे सब सीख जाते है। उसका तथाकथित गुरु कह रहा हे , कि उसे भी छे माह में आयुर्वेद का ज्ञान हो गया , और रोगियों की चिकित्सा करता है। अब वो चिकित्सा कहा करता है , कैसे करता ,भगवान जाने और वो अपने नाम के आगे वैघ लिखते है 😄 , वैद्य नही वैघ । उन्हे यह नही मालुम कि वैद्य होता है।  एक और बात उन्होने परसनल और ग्रुपों में भी बताया कि वो अपने चेले को अच्छी तरह जानते है , वो कभी गलत नुस्खा किसी ग्रुप में भेज ही नही सकता ।‌ क्योकि उसे एक साल हो गया , आयुर्वेद पर काम करते हुए।  और उन चेले के तथाकथित गुरु कहने लगे कि वो भी अन्य , अनेक वैद्यों से दवा पूछा करते थे , रोगियों के लिए , खुद रोगी बनकर 🤦‍♂️, ताकि किसी का भला हो जाए। अरे यह कैसा भला हुआ , भला करने के और भी बहुत रास्ते है। अगर रोगियों की चिकित्सा करवाना ही है तो स्थानीय किसी कुशल वैद्य से उनका इलाज करवा सकते है।‌ या किसी पारारंपिक वैद्य से सीख सकते है। सेवा ही  करनी है।‌आयुर्वेद में जल्दबाजी नही , समय लगता है सीखने में।‌एक बात और इतनी जल्दबाजी में सीखें लोग मल्ल , सिंगरफ आदि रसायन योगों के बिना रोगी को इलाज ही नही बताते । जबकि ऐसे योग 100 में सें 10% रोगियों के लिए , बहुत पुराने केस में जहां दवा काम न रही हो लगाने चाहिए , लगाने ही है तो बहुत कम मात्रख में , जितना  ग्रंथ में बताया उसके अनुसार या रोगी , रोग , देश , काल , आदि का विचार करके । पर पता नही क्यों लोगों का नुक्सान करने पर तुले है यह लोग । अगर इन्हे अच्छी मत दी जाए तो अहं को चोट लगती है इनके और अपने आप को सच साबित करने के लिए ग्रुपों से सभी सबूत आडियों या लिखित टिप्पनी डिलीट करके ग्रुप से निष्कासित कर देते है। फिर सच्चा होने के लिए लंबे लंबे लेख , लंबे लंबे आडियों देते है।‌यह लोग आयुर्वेद को बहुत नीचा गिरा रहे है।
और भी बहुत किस्से है। समय समय अनुसार शेयर करुगा। 

और भी बहुत बातें है उनके बारे में  जोकि मर्यादा वश मैं यहां शेयर नही करना चाहता , अब बताओ ऐसे लोगों के हाथ आयुर्वेद की वांगडोर होगी तो क्या होगा । 

प्रकृति तो हिसाब लेगी ही ऐसे लोगों से , जो कि लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है। उन्हे रोका भी टोका भी , लेकिन उन्हों का कहना था , उनका इसमें उनका कोई स्वार्थ नही है। हम सेवा कर रहे है। अरे भाई यह कैसी सेवा , गलत नुस्खे देकर लोगों को मारोगे क्या , किसी ने‌ बिना सलाह , जाने अनजाने में वो नु्स्खा बना लिया तो । कुछेक नये वैद्य ही अगर उनका गलत नुस्खा बना लें जो बेचारा नया नया BAMS करके आया हो , वो तो मारेगा मरीज को , क्योकि वो बेचारा अनजान तो जानता ही नही कुछ आयुर्वेद के बारे।‌ अब ऐसे तथाकथित वैघ🔍 ( वैद्य )  अगर छाती पीट पीट कर कहें कि वो आयुर्वेद जानकार है तो कोई नया चेला ऐसे तथाकथित गुरु से गलत ज्ञान लेकर लोगो का भट्ठा गोल कर देगा । 

बदनाम कौन होगा ,आयुर्वेद और ऐसे वैद्य जो वर्षों से , पीड़ी दर पीड़ी आयुर्वेद में मेहनत कर रहे है। 
ऐसे घड़ेचू लोगों ( घड़ेचू शब्द को मेरे बड़े भाई वैद्य रणजीत सिंह खालसा ऐसे तथाकथित वैघ ( वैद्य ) को कहते है , जो आयुर्वेद का सत्यानाश करने पर तुले हुए है ) के कारण ही लोगों का आयुर्वेद से विश्वास उठ जाता है। और आयुर्वेद विरोधियों को मौका मिल जाता आयुर्वेद को नीचा दिखाने का । 

अब आप अपनी राय अवशय दें।‌
मैंने अगर किसी की शान के खिलाफ बोला हो , अगर इस लेख को पढ़कर किसी का दिल दुखे तो मैं दोनों हाथ जोड़कर क्षमाप्रार्थी हुं। 🙏🏻

नोट:- यह मेरे निजी विचार है , जरुरी नही कि हर कोई मेरे विचारों से सहमत हो । सहमत या असहमत होना यह आपके विचारों पर छोड़ता हुं। एक बार दस मिन्ट आंखें बंद करके शांत मन से मेरी बातों पर जरुर विचार कीजिएगा। मेरे मन की पीड़ा को मैंने आपके सामने रखा है । 🪷

धन्यवाद सहित 🙏🏻
🫂आप सभी का अपना शुभचिंतक💐
✍️लेखक वैद्य अमनदीप सिंह चीमा 
Mobile & Whatsapp 
9915136138

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