ब्राह्मचारी और संन्यासी मित्रों के लिए सप्रेम मेरी तरफ से एक बेहतरीन तोहफा
{ अपूर्ण कामेच्छा } गंभीर समस्या
|| रोग परिचय :: कारण ||
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पुरूष लिंग के चर्म की संज्ञावाही नाड़ियों और स्नायु तन्तुओं में एक असाधारण संज्ञा उत्पन्न हो जाती है । जिसके कारण लिंग में बहुत ज्यादा रक्त संचार होने लगता है । परिणाम यह होता है कि लिंग में बार-बार उत्तेजना होती है , मैथुन की इच्छा मन को टिकने नही देती , कई रोगियों में संज्ञा इतनी बढ़ जाती है कि कपड़े की रगड़ से , किसी अनजान स्त्री से लग जाने से ,हाथ से छू जाने से भी मैथुन आनंद प्राप्त कर लेते है ।
रोगी इस स्थिति को काम - शक्ति और मर्दाना ताकत समझकर अपने आप को अंधेरे में धकेलता है । जो कि बिल्कुल वहम से ज्यादा कुछ नही । रोगी हर समय गंदे विचार ,ब्लू फिलमें , नंगे चित्र,हस्तमैथुन , काम वासना , सुंदर स्त्रियों के रंग रूप, अशलील साहित्य, बुरी संगत , गुदा मैथुन, वेश्यागमन , मैथुन की अति करना इस रोग के कारण है ।
||लक्षण||
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वीर्य पतला और कमजोर हो जाता है । स्त्री के पास जाते ही शीघ्र स्खलन या मैथुन से पूर्व ही होने लगता है । ज्यादा स्वपनदोष, वीर्य प्रमेह होने से, शरीर कमजोर ,चेहरा पीला ,पिचकु सा , अालस्य, उत्साहहीणता,संदेह ,सिरदर्द, दिल और दिमाग कमजोर हो जाता है । हाथ - पैरों के तलुवों में जलन होती है । जठराग्नि कमजोर हो जाती है , मूत्र में जलन पैदा हो जाती है ।
|| इलाज ||
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जो दवा लेने की मैं सलाह देना चाहुंगा , बता रहा हुँ ।
||नुस्खा ||
काहु बीज ,
निर्गुण्डी बीज,
खुरफा बीज,
भांग बीज,
बीज लाजवंती,
फूल आनार,
फूल नीलोफर,
फूल गुलाब,
प्रवाल पिष्टी,
मोती पिष्टी ,
अकीक पिष्टी ,
रजत भस्म,
शीतलचीनी
प्रत्येक 3-3तोला
||बनाने की विधि||
सब दवा आपको आसानी से पंसारी से मिल जाएगी।
सबको लेकर साफ करके थोड़ी सी धूप लगाकर कूट कर बारीक करलें । फिर बराबर मात्रा देशी खांड मिलाकर शीशी में सुरक्षित रख लें ।
||खाने की विधि||
सुबह-शाम 5-5ग्राम दवा मटके में रखें पानी से लें।
||लाभ ||
इसका सेवन करने से रोगी के शरीर से बढ़ी हुई काम- वासना कम हो जाती है और मैथुन की इच्छा में कमी आ जाती है । रोगी सामाण्य हो जाता है । साधु - सन्यासी , ब्राह्मचारी मित्रों के लिए भी यह नुस्खा बेहतरीन है।
नोट:- पहले नुस्खे में हम प्रवाल , मोती , अकीक ,रजत भस्म शीतलचीनी नहीं डालते थे, यह मिश्रण से महंगा तो बनता है, रिजल्ट बहुत ज्यादा आते हैं। जो सस्ता चाहते हैं , कम रिजल्ट में खुश हैं तो वह अकीक पिष्टी, मुक्ता पिष्टी, रजत भस्म,प्रवाल पिष्टी न डालें।
||आपका अपना ||
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा, नाड़ी वैद्य,
अमन आयुर्वेद, पंजाब
Call & WhatsApp 99151-36138
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