Monday, December 11, 2023

Parkinson

*पार्किन्सन रोग (Parkinson's disease or PD)*
~~~कंपवात का रोग ,शरीर के अंगों का कांपना~~~

 यह तंत्रिका तंत्र का एक रोग है जिसमें रोगी के शरीर के अंग कंपन करते रहते हैं। रोगी लगातार कंपन करता है । 
पार्किन्‍सोनिज्‍म का आरम्भ धीरे-२ होता है। पता भी नहीं पड़ता कि कब लक्षण शुरू हुए। अनेक सप्ताहों व महीनों के बाद जब लक्षणों की तीव्रता बढ़ जाती है। फिर आदमी को लगता है कि समस्या है , डाँ को दिखाना चाहिए । 

लेखक
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद ®
Since 2003 
 144205,पंजाब
Call & WhatsApp 9915136138

इस रोग के कारण नींद में कम हो जाती है, वजन में कमी, कब्जियत बने रहना, जल्दी सांस भर आना, पेशाब करने में रुकावट, चक्कर आना, खडे़ होने पर आँखों के आगे अंधेरा आना, सेक्स में कमजोरी,चिड़चिडापन, स्मृति कमजोर हो जाती है । खाना ठीक से न खा पाना , अपने बाल सही ढंग से सैट नही कर सकता, पानी पीने , नहाने , कपड़े पहनने में दिक्कत होती है । 

*पार्किन्सन/कंपवात रोग पर मेरी अनुभूत चिकित्सा*
*नुस्खा इस प्रकार है*

 खंजनकारी रस -3gm
 स्मृतिसागर रस - 3gm
 वृहत वात चिंतामणि रस - 3gm
 ब्राह्मी वटी वृहत- 3gm
 एकांगवीर रस -3gm
 सारस्वत चूर्ण- 30gm
 अशवगंधा चूर्ण-9gm
ईरानी अकरकरा चूर्ण - 6gm

यह सब दवा अच्छी कंपनी की खरीदकर , सबको  कसकर घुटाई करके एकजान करलें,फिर “रोगन मांलकंगनी” में घोटकर सुखा लें, फिर “ब्राह्मी के ताजा रस” में घोटकर सुखा लें,उसके बाद “अशवगंधा के जड़ के ताजा रस” या काढ़े में घोटकर सुखा कर 60पुड़िया बना लें । 

सुबह-शाम 1-1 पुडियाँ शहद से चाटकर , ऊपर के दूध पीएं । मास्यादि क्वाथ 2-2चम्मच पानी में मिलाकर पी लें । 

 खाने के बाद - अशवगंधारिष्ट  -10ml
                      सारसत्वारिष्ट    -10ml
                      मास्यादि क्वाथ -10ml          

बराबर गर्म पानी में मिलाकर खाने के बाद लें ।रोगी की सेहत बहुत अच्छी हो जाएगी । यह मेरी अनुभूत चिकित्सा है । बहुत रोगियो पर आजमाई हुई है । बहुत ही लाभकारी है । आजकल के जमाने में कोई अपना तजुर्बा फ्री में नही देता । कोई कुछ न कुछ छुपा ही लेता है । पूरी चीज नही बताता । आप मेरी बताई चिकित्सा जरूर प्रयोग करें ,आपको अवशय लाभ मिलेगा , आप को फ्री में सब दे रहा हुँ,कुछ छुपाता नही । अवशय परयोग करें , लोगों का भी भला करें । दुआओ में याद रखना । चलता हुँ .....

लेखक
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा  
अमन आयुर्वेद ®
Since 2003 
 144205,पंजाब
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