Tuesday, February 27, 2024

Lipoma चर्बी वाली रसोली

~Lipoma ( शरीर में चर्बी की गांठे )~
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Lipoma के बारे में कुछ जानकारी👇

लाइपोमा ऊतक का एक गोल या अंडाकार आकार का गांठ होता है जो त्वचा के ठीक नीचे बढ़ता है।  यह वसा से बना है, जब आप इसे छूते हैं तो आसानी से चलता है और आमतौर पर दर्द नहीं होता है।  लिपोमास शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं, लेकिन वे पीठ, धड़, हाथ, कंधे और गर्दन पर सबसे आम हैं।

 लिपोमा सौम्य नरम ऊतक ट्यूमर हैं।  वे धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कैंसर नहीं होते हैं।  अधिकांश लिपोमा को उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।  यदि लिपोमा आपको परेशान कर रहा है, तो आप इसे हमारी आयुर्वेद दवा से Permanent ठीक कर सकते है। 

 लिपोमास आमतौर पर दर्दनाक नहीं होते हैं, लेकिन अगर वे तंत्रिका के खिलाफ दबाते हैं या संयुक्त के पास विकसित होते हैं तो वे असहज हो सकते हैं।  लिपोमा वाले बहुत से लोग किसी भी लक्षण को नोटिस नहीं करते हैं।  

लिपोमास आमतौर पर कितनी प्रकार के होते हैं? 

1. एनकैप्सुलेटेड Encapsulated 
 वे अपने आसपास के ऊतकों में नहीं फैलते हैं।

2. दर्द रहित Painless 
हालांकि, कुछ लिपोमा उनके स्थान, आकार और रक्त वाहिकाओं के मौजूद होने पर दर्द और परेशानी का कारण बनते हैं।

 3.गोल या अंडाकार आकार Round or Oval-shaped
रबर जैसे ऊतक की वसायुक्त गांठ आमतौर पर सममित होती है।

4. जंगम Moveable 
वे त्वचा की सतह के ठीक नीचे बैठते हैं और जब आप उन्हें छूते हैं तो हिलते हैं।

 5. व्यास में 2 इंच से छोटा Smaller than 2 inches in diameter
 कुछ मामलों में लिपोमा 6 इंच से भी बड़ा हो सकता है।

 लिपोमास शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकता है।  शायद ही कभी, लिपोमास मांसपेशियों, आंतरिक अंगों या मस्तिष्क पर विकसित होते हैं।  लिपोमा वाले अधिकांश लोगों में केवल एक ही होता है, हालांकि एक से अधिक लिपोमा विकसित हो सकते हैं।  अधिकांश लाइपोमा त्वचा के ठीक नीचे विकसित होते हैं। 
जैसे👇

 हाथ या पैर,
 पीछे,
 गरदन,
 कंधे,
  छाती और धड़,
 माथा

 आधुनिक विज्ञान में इसका इलाज आप्रेशन है । जो कि पक्का इलाज नही ।  आप्रेशन के बाद दूसरी जगह दुबारा हो जाती है । आधुनिक विज्ञान में इसका जड़ से इलाज नही है , सिर्फ आप्रेशन करके निकाल ही सकते है । 

लेकिन आयुर्वेद के इलाज से गांठे खत्म करने के साथ-2 , दुबारा बनने की रूची भी खत्म हो जाती है । शरीर में एक या अनेक गांठे आयुर्वेदिक दवा से निकल जाती है ।

 आपको आज मेरी अनुभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा बताऊगा ,जिससे मैंने दर्जुनों रोगियो को इस रोग से बिना आप्रेशन मुक्त किया है । बहुत ही सफल और कारगर दवा बता रहा हुँ । 

फ्री का ज्ञान न समझें , ध्यान से पढ़े । शेयर करें । 
कोरियर द्वारा या मेरे आयुर्वेद सैंटर से आप आकर यह दवा प्राप्त कर सकते हैं। 

~परहेज~
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ज्यादा कफयुक्त पदार्थ न लें ।
 जैसे :- दूध ,घी ,मक्खन ,मलाई ,बाजार की बनी चीजें ,मेदा,बेसन, मीट,अंडा,केला ,अरबी,आलू ,शकरकंदी , चावल आदि । 

*Lipoma “चर्बी की गांठ” की मेरी अनुभूत चिकित्सा*
भाग -2
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•कचनार गुगल -90ग्राम
•कैशोर गुगल-90ग्राम 
•अरोग्यावर्धनी वटी-45 ग्राम
•वृद्धि वाधिका वटी-60ग्राम
•शिला सिंदूर -5ग्राम
•ताम्र सिंदूर -4ग्राम 
•पन्ना पिष्टी-15ग्राम 
•वज्र भस्म -2gm 
•मोती पिष्टी-15 ग्राम

*बनाने का तरीका*
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 सबसे पहले वृद्धि वाधिका वटी को बारीक पीस लें , फिर सिंदूर ताम्र आदि डालें ,उसके बाद मुक्ता,पन्ना पिष्टी,फिर वज्र भस्म ( यह बहुत ही महंगी भस्म है ( हर तरह के कैंसर ,गांठों में मेरी बहुत अनुभूत दवा है ) सावधानी से डाल दें । ) उसके बाद अरोग्यावर्धनी वटी डालकर कसकर घुटाई करलें । जब पूरी तरह बारीक एक जान हो जाएं । तो आखिर में कैशोर गुगल , कचनार गुगल को डालकर 2घंटे अच्छी तरह कसकर घुटाई करके बारीक कर लें। फिर इसको कचनार छाल के काढ़े में तीन बार घोटकर सुखा लें । यह तीन माह की दवा तैयार है । 

*खाने की विधि*
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इस उपरोक्त दवा की 90 पुड़िया बनाकर सुरक्षित रख लें। 
रोज एक पुड़िया खानी है। आधी सुबह - आधी शाम ।
थोड़ा सा शहद मिलाकर चाट लें।ऊपर से गुनगुना पानी पीएं। 

*विशेष*
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इस तीन माह की दवा से शरीर में किसी भी जगह ,कितनी भी संख्या की गांठे होगी , बिल्कुल ठीक हो जाएगी । भविष्य में कभी दुबारा नही होगी । यह बहुत ही असरदार ,कमाल का नुस्खा है । 

    चलता हुँ,रब्ब राखा.....

```लेखक
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
Vaid Aman Cheema
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