Vericose veins - जांघों और पिडलियों पर उबरी हुई लाल/नीली नसें
इसमें रोगी के जांघों और पिडलियों की नशें में उबार आ जाता है । जो कि अधिक दबाव पढ़ने के कारण नसों के वाल्व खराब हो जाते है । जिसकी वजह से यह समस्या उत्पन्न होती है । पैरों में सूजन, खून का जमना, त्वचा का रंग बदलना जैसी गंभीर समस्याएं देखने को मिलती हैं। इसके साथ ही त्वचा का सूखना, खुजली होना और त्वचा का फटना जैसी परेशानियाँ भी हो सकती हैं। रोग पुरूषों के मुकाबले महिलायों को ज्यादा होता है ।
अमेरिका में 50 की उम्र के बाद 50% लोगों को यह समस्या है । जब वाल्व्स (valves) ठीक से कार्य नहीं करते तो रक्त धमनियों में ही रहता है, जिसकी वजह से इसमें सूजन आ जाती है और वेरिकोज़ नसों की समस्या उत्पन्न हो जाती है। त्वचा की सतह पर दिखने वाली छोटी नसों को स्पाइडर नसें (spider veins) कहा जाता है।
उम्र का कारक भी वेरिकोज़ नसों की बढ़त में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उम्र के साथ नसें अपनी लचक खोती रहती हैं। इन नसों के वाल्व्स कमज़ोर हो जाते हैं और दिल में रक्त जाने में समस्या उत्पन्न हो जाती है। ये धमनियां नीली इसलिए दिखती हैं, क्योंकि इनमें ऑक्सीजन (oxygen) से रहित खून होता है जो फेफड़ों से सारे शरीर में जाने की प्रक्रिया में होता है।
जवानी के फूटने, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति (menopause) की अवस्था में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसकी वजह से वेरिकोज़ नसें दिखने लगती हैं। कई बार हार्मोनल पूरक उत्पाद और गर्भनिरोधक गोलियों की वजह से भी ये धमनियां वेरिकोज़ नसों में बदल जाती हैं। डाँ तो इसके लिए आप्रेशन या लेजर चिकित्सा बोल देते है , आपको घबराने की कोई जरूरत नही , बताई हुई दवा से आप बि ठीक हो जाएगें, अगर दवा नही बना सकते तो हमसे बनी बनाई भी मंगवा सकते है ।
इस रोग में निम्नाणुसार कारण शामिल है:-
ख़राब दिनचर्या,
व्यायाम न करना ,
अच्छे खानपान की कमी ,
घंटो तक बैठे रहना,
शारीरिक गतिविधि की कमी,
अधिक जंक फ़ूड खाना,
गर्भावस्था,
लम्बे समय तक कब्ज,
विटामिन-सी की कमी,
ग्रदों का रोग
लिवर खराब रहना,
Tumour,
गठिया,ह्रदय रोग
भारी वजन उठाने या कठिन अभ्यास करने से भी ये समस्या हो सकती है।
★मेरी अनुभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा ★
अरोग्यावर्धनी वटी 6 gm gm
पुनर्नवादि मंडूर 6gm
कचनार गुगल 12 gm ,
शिलाजीत 5gm ,
स्वर्ण समीर पन्नग रस 2ग्राम ,
शिला सिंदूर -2ग्राम
वृहत वात चिंतामणि रस 6ग्राम
सबको कसकर घुटाई करके एकजान करलें, फिर 60पुड़िया बना लें ।
सुबह-शाम 1-1पुड़िया शहद से चाटकर , ऊपर से महारास्नादि काढा+ कचनार कषाय 2-2चम्मच गर्म पानी में मिलाकर पीएं । या गर्म पानी से लें।
महानारायण तैल की मालिश करें । फिर सिकाई करें । आशातीत लाभ होगा । चलता हुँ ......
दवा घर पर मंगवाने हेतु संपर्क करे।
लेखक
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
वैद्य अमन चीमा,
अमन आयुर्वेद, 144205,पंजाब
Call & WhatsApp 9915136168
#varicoseveins #varicose #varicoseveinremoval #Ayurveda #AmanAyurved #VaidAmanCheema
No comments:
Post a Comment