Tuesday, December 17, 2019

ठंड से कैसे बचें ?

★ “लिंग मुद्रा” सर्दीयों में भी महसूस करें गर्मी ★

दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर अंगूठे (बायां या दायां कोई एक) को सीधा रखने से लिंग मुद्रा बन जाती है। इस मुद्रा से शरीर में गर्मी की वृद्धि होती है, अतः इसे सर्दी में करना विशेष उपयोगी है। इस मुद्रा को करने के दौरान कुछ अधिक मात्रा में पानी पीना अथवा फलों के रस, दूध-घी का सेवन करना अच्छा रहता है।

• इस मुद्रा का अभ्यास किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सिर्फ आवश्यकतानुसार। शरीर में उष्णता उत्पन्न करने वाली इस मुद्रा को अधिक लम्बे समय तक और स्वेच्छानुसार नहीं करना चाहिए।

शरीर में अधिक सर्दी महसूस होने या शीत बाधा होने पर लिंग मुद्रा के प्रयोग से शीघ्र लाभ होता है। इसे अधिक देर तक करने से सर्दियों में भी पसीना आता है।

बहुत चमत्कारी है ।

आपका अपना
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ
Whatsapp 9915136138

पहले आप आजमाएं , अगर लाभ महसूस हो तब ही पोस्ट को शेयर करें ।

Monday, April 15, 2019

“नकछिकनी अवलेह” मर्दाना कमजोरी के लिए

नकछिकनी अवलेह स्वर्ण युक्त

मरदाना ताकत की बेहतरीन दवा

नकछिकनी का कूट छानकर बारीक किया हुआ पाउडर एक किलो लेकर पांच सेर गाय के दूध में उबालकर खोया बना लें।
उसे आधा सेर गाय के दूध में भूल लें। इसमें दो सेर मिश्री बारीक पिसी हुई मिला दें।
फिर इसमें दालचीनी , शीतलचीनी , पान की जड़, लौंग 3-3 माशा , स्वर्ण भस्म 3 ग्राम , मोती भस्म 20 ग्राम मिला दें ।
जिन लोगों को मधुमेह है वह मिश्री न डालें।
सुबह-शाम दूध से 3-6 माशा तक लें।

यह दवा शीघ्रपत्न नाशक, शक्तिवर्धक है। इस नुस्खे का कम से कम चालिस दिन तक तंदरूस्त भी इस्तेमाल कर सकता है । जिसे समस्या ज्यादा हो तीन महीना तक प्रयोग करें।  यह योग कुंवारे लड़को के लिए नही है। सिर्फ शादीशुदा लोग ही इसका इस्तेमाल करें।

नोट :- एक माशा एक ग्राम जितनी मात्रा को कहते है ।
एक सेर एक किलो समझना चाहिए ।
मूलग्रंथ में इस नुस्खा में कशतूरी है जिसका मिलना मुशकिल हो जाता है , इस पर बैन भी है । इसलिए मैंने स्वर्ण भस्म डाला है । दो किलो मिश्री की जगह एक किलो खांड है , एक किलो शहद है । इसे गर्मी के मौस्म में भी हर कोई सेवन कर सके इसलिए शहद की जगह मिश्री की मात्रा बढ़ा दी गई है । मोती इसमें खुद के अनुभव अनुसार डाल दिया है , इसकी तासीर बहुत ठंडी है। यह गर्मी के रोगियों , गर्मी में मौस्म में भी आशातीत लाभ करेगा । यह नुस्खा अगर आप खुद न बना सकें तो आर्डर पर मेरे से तैयार करवा सकते है।
इस दवा की कीमत 5000रू प्रति 400ग्राम है , जिसमें कूटने पीसने बनाने की मेहनत , कोरियर खर्च सब शामिल है। पूरे लाभ के लिए 4-5माह सेवन जरूर करें। जो वैसे ही खाना चाहते है । वह दो माह प्रयोग कर सकते है ।

सदैव आपका अपना
वैद्य अमनदीप सिंह चीमाँ, पंजाब
Whatsapp 9915136138

चक्षुरोग नाशक योग

आंखो के तमाम रोग दूर करने के लिए नुस्खा

“चक्षुरोग नाशक योग”

आँखों का चस्मा उतरेगा ,
आंखों की लाली , खारिश आदि सभी रोग ठीक होगें ।

नुस्खा लिख रहा हुं , खुद बनाएं । बहुत फायदेमंद नुस्खा है , फेसबुक पर पहली बार लिख रहा हुं ।

मोती पिष्टी 10 ग्राम ,
रजत भस्म 5 ग्राम ,
अभ्रक भस्म 10 ग्राम सहस्त्रपुटी ,
लौह भस्म 10 ग्राम
हरड़ 30ग्राम
बहेड़ा‌ 30ग्राम
आँवला 30ग्राम
धनिया 30ग्राम
मुलहठी 30ग्राम
मुण्डी पुष्प 180 ग्राम
उस्तोखदूस 30ग्राम

सबसे पहले हरड़ से लेकर उस्तोखदूस तक जितनी जड़ी बूटीयाँ है , किसी अच्छे पंसारी से अच्छी क्वालिटी की लेकर एक दिन सूर्य की धूप में रखने के बाद अच्छी तरह कूटकर बारीक मैदा की तरह ऊपर बताए वजन अनुसार आपस में‌ मिला लें । फिर अच्छी कंपनी की भस्में बताएं वजन अनुसार मिला लें ।

जितनी दवा है उसके वजन से तीन गुणा असली शहद मिलाकर रख लें। सुबह-शाम 1-2 चम्मच दवा अपने शरीर अनुसार खाएं । आँखों के सभी रोग सिर पर पैर रख कर भाग खड़े होगे ।

लेखक वैद्य
अमनदीप सिंह चीमाँ
वटसऐप 9915136138

Friday, January 18, 2019

Heart problem दिल में छेद होना

दिल में छेद को ठीक करने का आयुर्वेदिक इलाज

इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मैं आपको अपने दिल का राज बता रहा हुं , जो आयुर्वेद की ए बी सी डी नही जानते वो लोग  कोई भी दवा खुद बनाने की कोशिश न किया करें। क्योकि सावधानी जरूरी है । सावधानी हटी दुर्घटना घटी । अत: मेरे योग आप वैद्य/हकीम से ही तैयार करवाएं। खुद धनवंतरी वैद्य बनने का प्रयास न करें।  यह नूस्खा 2003 से सफलता सहित प्रयोग कर रहा हुं। अब नुस्खा पढ़ें।

लेखक
सदैव आपका अपना
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ, नाड़ी वैद्य
वटसऐप 9915136138

: दिल का छेद भरने के लिए मेरा कामयाब नुस्खा :
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“हृदय कल्याण महायोग”

सिद्ध मकरध्वज 1 ग्राम,
मोती पिष्टी 1 ग्राम ,
अकीक पिष्टी 1 ग्राम ,
अभ्रक भस्म सहसत्रपुटी 1 ग्राम,
असली कस्तूरी 1 ग्राम,
स्वर्ण भस्म 1 ग्राम,
हीरक भस्म 200 मिलीग्राम
ताजा अर्जुन छाल चूर्ण 60ग्राम

यह सब चीजें असली लें , किसी अच्छी विश्वास योग फार्मेसी की लें। यह सब अति महंगी है। सब चीजों को चीनी मिट्टी के खरल में डालकर “अर्क गुलाब” में खूब रगडाई करें। फिर “अर्क केवड़ा” में कुछ दिन घोटें। उसके बाद दुबारा फिर ”अर्क गुलाब” में कुछ दिन घोट कर सुरक्षित रख लें । ”कस्तूरी” बाद में ही डालें , दवा तैयार होने के बाद। पहले डालने से उड़ जाती है।

खुराक :- 15mg to 125mg तक शहद,मलाई,सेब के मुरब्बे के साथ ।

चंद दिनों में मरीज की चुस्ती-फुर्ती में फर्क दिखेगा। आयुर्वेद की थोड़ी सी जानकारी रखने वाले इस नुस्खे के घटकों की ताकत जानते है। अत: आप सही तरीके से असली दवाई मेरे बताए अनुसार तैयार कर लो, तो लाखों की शर्त लगाकर आप मेरा यह नुस्खा मरीज को दें सकते है, सफलता आपके पैर चूमेंगी । लोगों की भलाई हेतु मैं यह अपने योग दे रहा हुं, कृपा जरूर लाभ लें , आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार हो यही कामना है।

https://drascheema.blogspot.in

लेखक
सदैव आपका अपना
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ,नाड़ी वैद्य
वटसऐप 9915136138