Thursday, November 30, 2023

Sinusitis Cold fever

★नजला- जुकाम, सर्दी,खांसी, बुखार ★
मौसम बदलते ही नजला-जुकाम , एलर्जी बहुत प्रेशान करती है ।  सर्दी के मौसम में सब लोग इस समस्या से दो- चार होते ही रहते है । मेरी तरफ से बहुत ही अच्छे ,सस्ते,  सरल उपाय आप नोट करें और प्रयोग करें । 

बहुत सारे योग दिए जा रहे है , सुविधा अनुसार जो भी उपलब्ध हो,  ले सकते है। 

1) अदरक का रस एक या दो चम्मच ,
तुलसी के पत्तों का रस 1 चम्मच ,
एक चम्मच शहद ,
पाँच काली मिर्च पीसी हुई, 
पान के पत्तों का रस 

यह चारों को आप मिकस करके चाट लें । 
दिन में दो या तीन बार लेने से बहुत लाभ होगा । 
सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया में बहुत अच्छा घरेलू प्रयोग है। मेरा अनुभूत है। 

2) एक सफल आयुर्वेदिक नुस्खा, लेकिन बनाने में‌ मेहनत , सावधानी की ख़ास जरुरत है। 
सफेद फिटकरी को आक के दूध में घोटकर भस्म करलें + धतूरे के पत्तों के रस में घोटकर सुखा कर कुजे में डालकर भस्म करलें । + पुठकंडा के सर्वाग रस में घोटकर भस्म करलें । + घी ग्वार के रस में घोटकर भस्म कर लें । फिर इसे पीसकर कपड़छान करके काँच की हवाबंद शीशी में डाल कर रख लें । 250mg से 1gm तक शहद से चटवाएं । मेरा अनुभूत प्रयोग है। 

3) अगर कफ जमा हुआ है तो बहेड़ा छिलका का कपड़छान चूर्ण 1gm,  एक चुटकी टंकण भस्म मिलाकर गर्म पानी से लेने से कफ सरलता से पतला होकर निकालने में बहुत ही लाभ मिलेगा । यह मेरा अनूभूत प्रयोग है । कई सालों से प्रयोग कर रहा है । शत् प्रतिशत लाभ मिलता है । दमा रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी है। 

4) महालक्षमी विलास रस 1 गोली 
     त्रिभुवनकीर्ति रस 2 गोली ,
     अभ्रक भस्म 125 रत्ती ,  
     सितोपलादि चूर्ण 2gm
      मिलाकर शहद से चाट लें । 
सर्दी, खांसी, नज़ला, जुकाम, बुखार में बहुत लाभदायक है। मेरा अनुभूत प्रयोग है। 
अगर आँखों में जलन है तो सप्तामर्त लौह 1गोली साथ में लें । 

5) पुदीन हरा डाबर की गोली को उबलते पानी में डालकर + नाक पर लगाने से बंद नाक खुल जाती है । 

6)इलाएची बीज ,नौशादर ,अजवायन ,कपूर टिकी को कपड़े में लपेट पोटली सी बनाकर पास रखें । बार-बार सूंघने से नजला, जुकाम,साइनस , वायरल infection में बहुत लाभ होगा । 

7)नाक में रोगन बादाम हमदर्द का या वैद्यनाथ षडबिंदु तैल 
    नश्य लेने से नजला,जुकाम , साइनस में  बेहद लाभ होता है । 

8)कानों में सरसों का तैल गुनगुना करके जरूर डालें । 
    तरावट आएगी, खुश्की दूर होगी । 

9)सिर पर रोगन खसखस और रोगन बादाम या रोगन ब्राह्मी का मालिश दिमाग की खुशकी दूर करेगी ओर दिमाग को ताकत देगी । 

इसके इलावा आप हमदर्द की नजली ,
लयूक सपिसता,
वासावलेह ,
च्यवनप्राश स्पैशल ,
लक्षमी विलास रस नारदीय ,
कफकेतु रस ,
कनकासव आदि भी ले सकते है । 

https://youtube.com/@Vaidamancheema

 ★आपका अपना ★
सदैव आपका अपना 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद,दसुआ, पंजाब 
 Call & Whatsapp 099151 36138 

#VaidAmanCheema #AmanAyurved  #cold #coldweather #viral #post #reels #fever

Thursday, November 23, 2023

cancer

*कैंसर का इलाज :- भाग :4

* आजकल की व्यस्त जीवन शैली में मनुष्य पे समय का अभाव है ,अनियमित खान -पान के चलते रोगों से लड़़ने की प्रतिरोधक क्षमता दिनों -दिन घट रही है , मगर हम यदि जरा भी अपने अनमोल शरीर के लिए ध्यान दें और नियमित जीवनचर्या से सिर्फ पंन्द्रह मिनट का समय निकाल कर इस प्रयोग को कर लें तो आपको कई बीमारियों से निजात मिल जायेगी और जो स्वस्थ लोग है उनको भी डॉक्टर का मुंह नहीं देखना पड़े़गा ,क्योकि 

★जीवन का सुख निरोगी काया में है . सुखी व्यक्ति जिसका पुत्र आज्ञाकारी है जिसकी पत्नी सदाचारी है |★

* तो अगर आप अपने जीवन को निरोग बनाना चाहते है तो हमारी पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़े और शरीर आपका है तो आज से ही नीचे लिखे प्रयोग को काम में लाये :-

कैंसर में गेहूँ के ज्वारे का उपयोग :-
=====================

* गेहूँ के दाने बोने पर जो एक ही पत्ता उगकर ऊपर आता है उसे ज्वारा कहा जाता है।

ये गेहूँ के ज्वारे का रस, प्रकृति के गर्भ में छिपी औषधियों के अक्षय भंडार में से मानव को प्राप्त एक अनुपम भेंट है। शरीर के आरोग्यार्थ यह रस इतना अधिक उपयोगी सिद्ध हुआ है कि विदेशी जीववैज्ञानिकों ने इसे 'हरा लहू' (Green Blood) कहकर सम्मानित किया है। डॉ. एन. विगमोर नामक एक विदेशी महिला ने गेहूँ के कोमल ज्वारों के रस से अनेक असाध्य रोगों को मिटाने के सफल प्रयोग किये हैं।

 उपरोक्त ज्वारों के रस द्वारा उपचार से दर्जनों से अधिक रोग मिटाने के आश्चर्यजनक परिणाम देखने में आये हैं।

 ★जीव-वनस्पति शास्त्र ★में यह प्रयोग बहुत मूल्यवान है।

* गेहूँ के ज्वारों के रस में रोगों के उन्मूलन की एक विचित्र शक्ति विद्यमान है। शरीर के लिए यह एक शक्तिशाली टॉनिक है। इसमें प्राकृतिक रूप से कार्बोहाईड्रेट आदि सभी विटामिन, क्षार एवं श्रेष्ठ प्रोटीन उपस्थित हैं। इसके सेवन से असंख्य लोगों को विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिली है।

उदाहरणार्थः-
=======

"मूत्राशय की पथरी, हृदयरोग, डायबिटीज, पायरिया एवं दाँत के अन्य रोग, पीलिया, लकवा, दमा, पेट दुखना, पाचन क्रिया की दुर्बलता, अपच, गैस, विटामिन ए, बी आदि के अभावोत्पन्न रोग, जोड़ों में सूजन, गठिया, संधिशोथ, त्वचासंवेदनशीलता (स्किन एलर्जी) सम्बन्धी बारह वर्ष पुराने रोग, आँखों का दौर्बल्य, केशों का श्वेत होकर झड़ जाना, चोट लगे घाव तथा जली त्वचा सम्बन्धी सभी रोग।"

* हजारों रोगियों एवं निरोगियों ने भी अपनी दैनिक खुराकों में बिना किसी प्रकार के हेर-फेर किये गेहूँ के ज्वारों के रस से बहुत थोड़े समय में चमत्कारिक लाभ प्राप्त किये हैं। ये अपना अनुभव बताते हैं कि ज्वारों के रस से आँख, दाँत और केशों को बहुत लाभ पहुँचता है। कब्जी मिट जाती है, अत्यधिक कार्यशक्ति आती है और थकान नहीं होती।

गेहूँ के ज्वारे उगाने की विधि:-
==================

* आप मिट्टी के नये खप्पर, कुंडे या सकोरे लें। उनमें खाद मिली मिट्टी लें। रासायनिक खाद का उपयोग बिलकुल न करें। पहले दिन एक कुंडे की सारी मिट्टी ढँक जाये इतने गेहूँ बोयें। पानी डालकर कुंडों को छाया में रखें। सूर्य की धूप कुंडों को अधिक या सीधी न लग पाये इसका ध्यान रखें।

* इसी प्रकार दूसरे दिन दूसरा कुंडा या मिट्टी का खप्पर बोयें और प्रतिदिन एक बढ़ाते हुए नौवें दिन नौवां कुंडा बोयें। सभी कुंडों को प्रतिदिन पानी दें। नौवें दिन पहले कुंडे में उगे गेहूँ काटकर उपयोग में लें। खाली हो चुके कुंडे में फिर से गेहूँ उगा दें। इसी प्रकार दूसरे दिन दूसरा, तीसरे दिन तीसरा करते चक्र चलाते जायें। इस प्रक्रिया में भूलकर भी प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग कदापि न करें।

* प्रत्येक कुटुम्ब अपने लिए सदैव के उपयोगार्थ 10, 20, 30 अथवा इससे भी अधिक कुंडे रख सकता है। प्रतिदिन व्यक्ति के उपयोग अनुसार एक, दो या अधिक कुंडे में गेहूँ बोते रहें।

 मध्याह्न के सूर्य की सख्त धूप न लगे परन्तु प्रातः अथवा सायंकाल का मंद ताप लगे ऐसे स्थान में कुंडों को रखें।

* सामान्यतया आठ-दस दिन नें गेहूँ के ज्वारे पाँच से सात इंच तक ऊँचे हो जायेंगे। ऐसे ज्वारों में अधिक से अधिक गुण होते हैं। ज्यो-ज्यों ज्वारे सात इंच से अधिक बड़े होते जायेंगे त्यों-त्यों उनके गुण कम होते जायेंगे। अतः उनका पूरा-पूरा लाभ लेने के लिए सात इंच तक बड़े होते ही उनका उपयोग कर लेना चाहिए।

* ज्वारों की मिट्टी के धरातल से कैंची द्वारा काट लें अथवा उन्हें समूल खींचकर उपयोग में ले सकते हैं। खाली हो चुके कुंडे में फिर से गेहूँ बो दीजिये। इस प्रकार प्रत्येक दिन गेहूँ बोना चालू रखें।

ज्वारों का रस बनाने की विधि:-
===================

* जब समय अनुकूल हो तभी ज्वारे काटें। काटते ही तुरन्त धो डालें। धोते ही उन्हें कूटें। कूटते ही उन्हें कपड़े से छान लें। इसी प्रकार उसी ज्वारे को तीन बार कूट-कूट कर रस निकालने से अधिकाधिक रस प्राप्त होगा। चटनी बनाने अथवा रस निकालने की मशीनों आदि से भी रस निकाला जा सकता है। रस को निकालने के बाद विलम्ब किये बिना तुरन्त ही उसे धीरे-धीरें पियें। किसी सशक्त अनिवार्य कारण के अतिररिक्त एक क्षण भी उसको पड़ा न रहने दें, कारण कि उसका गुण प्रतिक्षण घटने लगता है और तीन घंटे में तो उसमें से पोषक तत्व ही नष्ट हो जाता है। प्रातःकाल खाली पेट यह रस पीने से अधिक लाभ होता है।

* दिन में किसी भी समय ज्वारों का रस पिया जा सकता है। परन्तु रस लेने के आधा घंटा पहले और लेने के आधे घंटे बाद तक कुछ भी खाना-पीना न चाहिए। आरंभ में कइयों को यह रस पीने के बाद उबकाई आती है, उलटी हो जाती है अथवा सर्दी हो जाती है। परंतु इससे घबराना न चाहिए। शरीर में कितने ही विष एकत्रित हो चुके हैं यह प्रतिक्रिया इसकी निशानी है। सर्दी, दस्त अथवा उलटी होने से शरीर में एकत्रित हुए वे विष निकल जायेंगे।

* ज्वारों का रस निकालते समय मधु, अदरक, नागरबेल के पान (खाने के पान) भी डाले जा सकते हैं। इससे स्वाद और गुण का वर्धन होगा और उबकाई नहीं आयेगी। विशेषतया यह बात ध्यान में रख लें कि ज्वारों के रस में नमक अथवा नींबू का रस तो कदापि न डालें।
रस निकालने की सुविधा न हो तो ज्वारे चबाकर भी खाये जा सकते हैं। इससे दाँत मसूढ़े मजबूत होंगे। मुख से यदि दुर्गन्ध आती हो तो दिन में तीन बार थोड़े-थोड़े ज्वारे चबाने से दूर हो जाती है। दिन में दो या तीन बार ज्वारों का रस लीजिये।

रामबाण इलाज:-
==========

* जीवन और मरण के बीच जूझते रोगियों को प्रतिदिन चार बड़े गिलास भरकर ज्वारों का रस दिया जाता है। जीवन की आशा ही जिन रोगियों ने छोड़ दी उन रोगियों को भी तीन दिन या उससे भी कम समय में चमत्कारिक लाभ होता देखा गया है। ज्वारे के रस से रोगी को जब इतना लाभ होता है, तब नीरोग व्यक्ति ले तो कितना अधिक लाभ होगा?

सस्ता और सर्वोत्तम ज्वारों का रस:-
=====================

* ज्वारों का रस दूध, दही और मांस से अनेक गुना अधिक गुणकारी है। दूध और मांस में भी जो नहीं है उससे अधिक इस ज्वारे के रस में है। इसके बावजूद दूध, दही और मांस से बहुत सस्ता है। घर में उगाने पर सदैव सुलभ है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी इस रस का उपयोग करके अपना खोया स्वास्थ्य फिर से प्राप्त कर सकता है। गरीबों के लिए यह ईश्वरीय आशीर्वाद है। नवजात शिशु से लेकर घर के छोटे-बड़े, बाल वृद्ध सभी ज्वारे के रस का सेवन कर सकते हैं। नवजात शिशु को प्रतिदिन पाँच बूँद दी जा सकती है।

* ज्वारे के रस में लगभग समस्त क्षार और विटामिन उपलब्ध हैं। इसी कारण से शरीर मे जो कुछ भी अभाव हो उसकी पूर्ति ज्वारे के रस द्वारा आश्चर्यजनक रूप से हो जाती है। इसके द्वारा प्रत्येक ऋतु में नियमित रूप से प्राणवायु, खनिज, विटामिन, क्षार और शरीरविज्ञान में बताये गये कोषों को जीवित रखने से लिए आवश्यक सभी तत्त्व प्राप्त किये जा सकते हैं।

* डॉक्टर की सहायता के बिना गेहूँ के ज्वारों का प्रयोग आरंभ करो और खोखले हो चुके शरीर को मात्र तीन सप्ताह में ही ताजा, स्फूर्तिशील एवं तरावटदार बना दो।

* ज्वारों के रस के सेवन के प्रयोग किये गये हैं। कैंसर जैसे असाध्य रोग मिटे हैं। शरीर ताम्रवर्णी और पुष्ट होते पाये गये हैं।

आयुर्वेद स्टोर से आप इसकी एक्सट्रैकट भी ले सकते है , किसी भी तरह के झंझट की जरूरत नही , जो कि गोली/कैप्शूल/पाउडर के रूप में मिलती है । खाने में भी आसानी , मात्रा भी कम लेनी पड़ती है |

कैंसर की पोस्ट आगे जारी रहेंगी .......
 
पिछले भाग पढ़ने के लिए youtube channel, fb पेज,  fb ग्रुप या fb timeline,पर scroll करें 

~सदैव आपका अपना~
~ डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ~
       Aman Ayurved 
~Whatsapp 9915136138~

#cancer #fbpost #ayurveda #AmanAyurved #VaidAmanCheema

Saturday, November 18, 2023

Jiwan Josh mahayog

|| “जीवन जौश महायोग” कोर्स ||
|| ताकत , जौश , जवानी दुबारा लोटाए || 

•शारीरिक और मानसिक नामर्दी के शिकार पुरुषों को मेरा नायाब तोहफा ।•

 “जीवन जौश महायोग” का नुस्खा :-
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••
तालमखाना 5Gm.
लाजवंती 5gm.
मूसली सफेद 20gm.
मूसली काली 20gm.
मूसली सकाकुल 20gm.
सेमल मूसली 20gm.
रूमी मस्तगी 10gm.
रस सिंदूर 5gm.
सालम पंजा 10gm.
सतावर 15gm.
बहमन सुर्ख 2.5 gm.
बहमन सफेद 2.5 gm.
दालचीनी 2.5 gm.
लौंग 2.5 gm.
जायफल 2.5gm.
ब्राह्मी 2.5gm.
मालकंगनी 5gm.
जावित्री 2.5gm.
आँवला 2.5gm.
हरड़ 2.5gm.
बहेड़ा 2.5gm.
सौंठ 2.5gm.
मिर्च 2.5gm.
पीपल 2.5gm.
काले कोंच की गिरी 20gm.
तुलसी बीज 10gm.
अशवगंधा 10gm.
गूलर फल 20gm.
विधारी कंद 20gm.
त्रिबंग भस्म 10gm.
सिद्ध मकरध्वज 10gm.
रजत भस्म 5gm.
मुक्ता भस्म 5gm.
स्वर्ण भस्म 3gm.
वज्र भस्म 1.5gm.
बंग भस्म 10gm.
प्रवाल पिष्टी चंद्रपुट्टी 10gm.
असली शुद्ध शिलाजीत 10gm.
असली केशर 3gm.

• “जीवन जौश महायोग” बनाने की विधि•
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
बनाने का तरीका चाहे मुशकिल है , लेकिन जितनी मेहनत करेंगें उतना ही ज्यादा रिजल्ट मिलता है । मैं इस प्रकार बनाता हुँ । इस नुस्खें को इस प्रकार बनाने से रिज्लट बहुत ही अच्छे मिलते है । “जीवन जौश महायोग” नुस्खा बनाने में जरा सी असावधानी से इतनी महंगी दवा खराब भी हो सकती है , अत: वही मित्र बनाए जो आयुर्वेद का थोड़ा बहुत ज्ञान रखते हो ,जिसने पहले भी दवा बनाई हो , अनुभवी हो ।

१.सब दवायों को घोटकर,पीसकर, मिलाकर अशवगंधा की जड़ के ताजा रस में  घोटकर सुखा लें । कोई भी रस सिर्फ इतना ही डालें कि जिससे दवा सिर्फ गीली ही हो , उसे सुखा लें । 
२.फिर अगले दिन मालकंगनी में घोटकर सुखाएं ।

३.फिर जटामांसी के काढ़े में  घोटकर सुखा लें।

४. उसके बाद विदारी कंद के रस में घोटकर सुखा लें । 

५.फिर अगले दिन सतावर के रस में घोटकर , जब गोली बनाने योगय हो जाए तो चने समान गोली बना लें । या सुखाकर कैपसूल बना लें , या पाउडर बना कर रख लें । 
यह महंगी दवा है । इसे संभालकर रख लें । 

इसकी कीमत का अंदाजा पाठक खुद इसमें पढ़ने वाली दवाएं देखकर लगा सकते है । यह नुस्खा मैंने किसी ग्रंथ से नही लिया , मेरा अपना अनुभूत नुस्खा है ।आप हमसे  पोस्ट/कोरियर द्वारा देश/विदेश में मंगवा सकते है । 

 जरूरी नोट:-
••••••••••••••••
 सबसे पहले न घिसने वाले खरल में “रूमी मस्तगी” घोटकर अलग निकाल कर रख लें ।
फिर मकरध्वज लेकर उसकी अच्छे से रगड़कर रख लें ।फिर बाकी भस्में मिलाकर 3 दिन अच्छी तरह घुटाई करें । फिर जो काले कोच के बीज है उन्हे रात को दूध में भिगोकर सुबह छिलका उतारकर धूप में सुखा दें । कूट छानकर कपड़छान कर लें ।सभी जड़ी बूटी ताजी ही लें । दूषित जड़ी - बूटी बेकार है । कोई फायदा नही करती । बस ताजी ही डालें । 
जितनी भी जड़ी - बूटी है सब कपड़छान होनी चाहिए ।

 खाने की विधि :-  शहद, मलाई या दूध से 
सुबह- शाम 

“जीवन जौश महायोग” के लाभ:-
•••••••••••••••••••••••••••••••••••
 इस दवा के बारे में तो बस इतना कहना चाहूंगा कि यह नामर्द को मर्द बनाने वाली सबसे बढ़िया दवा है । हिजड़े को मर्द बना देती है । इसका सेवन करने से हिजड़ा भी कई-२ औरतों से संभोग करने के काबिल बना देता है । मैं हर साल इसका एक माह सेवन कर लेता  हुँ , कभी किसी तरह की सैकस कमजोरी महसूस नही हुई । इसका सेवन कर्ता बार- बार संभोग करने पर भी थकता नही है ।इसका लगातार सेवन करने वाला पूरी रात संभोग रचा सकता है । हर संभोग में आनंद प्राप्त करता है । हर एक छोह अनंदित करने वाली होती है । इस दवा का सेवनकर्ता जिस स्त्री से संभोग कर लेता है वो सारी उम्र उसकी दासी बन कर रह जाती है मैं कई वर्षो से इस योग का सेवन करवाकर कई लोगों के घर टूटने से बचा चुका हुँ ।
यह दवा संभोग शक्ति, ताकत ,जोश ,जवानी दोबारा लोटा देती  है । इसमें जो चीजें डाली गई है ,वह हर चीज गुणकारी है । एक-एक दवा मर्दमी कमजोरी पर भारी पढ़ती है। लेकिन इसमें  30+दवाओं का मिश्रण किया गया है । जोकि बेमिसाल है। इस दवा का सेवनकर्ता जब अपनी हमसफर से बिस्तर सांझा करता है , तो उसके अंदर आई बिजली जैसी ताकत देखकर हैरान रह जाती है ।  अत: कहना चाहुंगा कि संभोग के शोकीन जोड़ो को इसका सेवन जरूर करना चाहिए । जो औरतों को लगता है ,उनके पति संभोग में कमजोर है ,इसका सेवन जरूर करवाएं । इसका असर देख लगाए पैसे भूल जाते है । संभोग में औरत की तौबा करवाने वाले पुरूषों को इससे अच्छा योग कोई नही । 
यह मैंने अपना गुप्त योग आपसे शेयर किया ।  18साल से किसी भी उम्र तक का व्यक्ति  मेरे द्वारा निर्मित इस “जीवन जौश महायोग” का  सेवन कर सकता है । कृप्या पोस्ट को कापी न करें । शेयर कर सकते है । मंगवाने के लिए आप “जीवन जौश महायोग कोर्स” के नाम से मांगे ।कीमत 16000/-प्रति माह ।यह तीन माह की दवा है।  जिन्हे यह महंगा लगता है वो कृप्या मार्किट में जाकर या Google पर या आयुर्वेद दवा विक्रेता से Branded फार्मेसी की दवाएं का रेट पता कर लें । 

पुरुषों के लिए हमारे अमन आयुर्वेद ( दवाखाना ) में तैयार होने वाले सबसे ज्यादा बिकने वाले योग 
1. तूफानी ताकत महायोग
2.जीवन जोश महायोग
3.किंग कोबरा योग 
4.हनीमून कोर्स स्पेशल
5.हलचल महायोग
6.महास्तंबन योग 
7.महाबाजीकरण योग 
8.बादशाही महायोग 
9.महाराजा कोर्स 
10.महाआनंद गोली योग 
11.मकर स्वर्ण गोलियां

आदि बहुमूल्य योगों का सेवन करके हिजड़े भी मर्द बन सकते हैं। उपरोक्त सभी योगों को बहुत बार पोस्ट किया है। सभी योगों के मूल्य, घटक,बनाने की विधियां बिल्कुल अलग है। कार्य क्षमता भी अलग अलग है। आपको कोनसा योग लेना चाहिए । इसके लिए मेरे से पहले परामर्श लें। जीभ ,हाथ के नाखुन की फ़ोटो,उम्र, रोग का इतिहास , test reports अगर कोई करवाई है तो WhatsApp पर भेजें। 

|| सदैव आपका अपना ||
|| वैद्य अमनदीप सिंह चीमा,अमन आयुर्वेद -पंजाब ||
||Call & WhatsApp 9915136138 ||

#VaidAmanCheema #AmanAyurved #shorts #ayurveda #health #reels #post Facebook

Wednesday, November 15, 2023

incomplete libido अपूर्ण कामेच्छा

ब्राह्मचारी और संन्यासी मित्रों के लिए सप्रेम मेरी तरफ से एक बेहतरीन तोहफा

{ अपूर्ण कामेच्छा } गंभीर समस्या

|| रोग परिचय :: कारण ||
************************
 पुरूष लिंग के चर्म की संज्ञावाही नाड़ियों और स्नायु तन्तुओं में एक असाधारण संज्ञा उत्पन्न हो जाती है । जिसके कारण लिंग में बहुत ज्यादा रक्त संचार होने लगता है । परिणाम यह होता है कि लिंग में बार-बार उत्तेजना होती है , मैथुन की इच्छा मन को टिकने नही देती , कई रोगियों में संज्ञा इतनी बढ़ जाती है कि कपड़े की रगड़ से , किसी अनजान स्त्री से लग जाने से ,हाथ से छू जाने से भी  मैथुन आनंद प्राप्त कर लेते है । 
रोगी इस स्थिति को काम - शक्ति और मर्दाना ताकत समझकर अपने आप को अंधेरे में धकेलता है । जो कि बिल्कुल वहम से ज्यादा कुछ नही ।  रोगी हर समय गंदे विचार ,ब्लू फिलमें , नंगे चित्र,हस्तमैथुन , काम वासना , सुंदर स्त्रियों के रंग रूप, अशलील साहित्य, बुरी संगत , गुदा मैथुन, वेश्यागमन , मैथुन की अति करना इस रोग के कारण है । 

||लक्षण||
********
   वीर्य पतला और कमजोर हो जाता है । स्त्री के पास जाते ही शीघ्र स्खलन या मैथुन से पूर्व ही होने लगता है । ज्यादा स्वपनदोष, वीर्य प्रमेह होने से, शरीर कमजोर ,चेहरा पीला ,पिचकु सा , अालस्य, उत्साहहीणता,संदेह ,सिरदर्द, दिल और दिमाग कमजोर हो जाता है । हाथ - पैरों के तलुवों में जलन होती है । जठराग्नि कमजोर हो जाती है , मूत्र में जलन पैदा हो जाती है । 

|| इलाज ||
**********
जो दवा लेने की मैं सलाह देना चाहुंगा , बता रहा हुँ । 

||नुस्खा ||
काहु बीज , 
निर्गुण्डी बीज,
खुरफा बीज,
भांग बीज,
बीज लाजवंती,
फूल आनार,
फूल नीलोफर,
फूल गुलाब,
प्रवाल पिष्टी, 
मोती पिष्टी , 
अकीक पिष्टी , 
रजत भस्म,
शीतलचीनी 
प्रत्येक 3-3तोला 

||बनाने की विधि||
सब दवा आपको आसानी से पंसारी से मिल जाएगी। 
सबको लेकर साफ करके थोड़ी सी धूप लगाकर कूट कर बारीक करलें । फिर बराबर मात्रा देशी खांड मिलाकर शीशी में सुरक्षित रख लें । 

||खाने की विधि||
सुबह-शाम 5-5ग्राम दवा मटके में रखें पानी से लें। 

||लाभ ||
इसका सेवन करने से रोगी के शरीर से बढ़ी हुई काम- वासना  कम हो जाती है और मैथुन की इच्छा में कमी आ जाती है । रोगी सामाण्य हो जाता है । साधु - सन्यासी , ब्राह्मचारी मित्रों के लिए भी यह नुस्खा बेहतरीन है। 

नोट:- पहले नुस्खे में हम प्रवाल , मोती , अकीक ,रजत भस्म शीतलचीनी नहीं डालते थे, यह मिश्रण से महंगा तो बनता है, रिजल्ट बहुत ज्यादा आते हैं। जो सस्ता चाहते हैं , कम रिजल्ट में खुश हैं तो वह अकीक पिष्टी, मुक्ता पिष्टी, रजत भस्म,प्रवाल पिष्टी न डालें। 

||आपका अपना ||
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा, नाड़ी वैद्य,
अमन आयुर्वेद, पंजाब 
Call & WhatsApp 99151-36138
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••

#AmanAyurved #VaidAmanCheema #ayurved

Sunday, November 12, 2023

Brain memory

•आंखों की रोशनी, दिमागी कमजोरी, पुराना नजला 
के लिए बेहतरीन नुस्खा 

बादाम गिरी -50 ग्राम
खसखस -50ग्राम
कद्दू बीज -50 ग्राम, 
छोटी इलाइची -50ग्राम 
नागकेसर -50ग्राम
सफेद मिर्च -25 ग्राम
प्रवाल पिष्टी -25 ग्राम
मोती पिष्टी -5 ग्राम 
मिश्री-100 ग्राम 

अच्छी गुणवत्ता वाली जड़ी बूटियां लेकर साफ करके पीसकर रख लें। प्रवाल पिष्टी, मोती पिष्टी अच्छी कंपनी का लेना है। बाकी सारा समान पंसारी से लेना है। 

अगर हमसे बना बनाया मंगवाना चाहे तो मंगवा सकते है। 
दो महीने में आपकी आंखों की रोशनी तेज हो जाएगी। 
नजला जुकाम, दिमागी कमजोरी के लिए सर्दियों में जरुर इस्तेमाल करें। 

हमारे YouTube channel पर भी जुड़ जाएं। 
http://youtube.com/@Vaidamancheema

VAID AMAN CHEEMA
Whatsapp & Calling 📞 099151 36138

#beauty #health #trending #viral #reels #fitness #post #AmanAyurved #VaidAmanCheema

Beauty Package

क्या आप अपने चेहरे पर जवानी जैसी चमक दुबारा देखना चाहते हैं? 

फेस के लिए:- 

हल्दी 20 ग्राम
स्फेद चंदन बूरा 10 ग्राम
मसूर दाल पाउडर 10 ग्राम
जैफल 5 ग्राम
कपूर 2 ग्राम 
सबका बारीक पाउडर लेकर शीशी में भर लें।

लगाने की तरकीब - अगर चेहरा चिकनाई वाला है तो गुलाब जल में , खुशक है तो दूध की मलाई मिलाकर पेस्ट बनाकर रात को चेहरे पर लगा लें, सवेरे ऊठ कर गुनगुने पानी से मुँह धो लें।

खाने के लिए भोजन के बाद 
अरोग्यावर्धनी वटी 2 गोली
किशोर गुग्गल 2 गोली
सुबह - शाम पानी से लें। 

भोजन के बाद 
खदिरारिष्ट + महामजिष्ठारिष्ट एक ही बोतल में  मिलाकर रख लें ।  4-4 चम्मच बराबर पानी में  मिलाकर दो बार लें । 

★ज्यादा लाभ के लिए मेरे द्वारा निर्मित “नारी यौवन योग” का इस्तेमाल करें 
60 दिन इस्तेमाल से सुंदरता में चार चांद लगेगें । चेहरे पर नूर झलकेगा , रंग सुर्ख होगा , साफ होगा , पार्लर का खर्च बचेगा ।
नारी यौवन योग पैक में 
1.फेस उबटन केसर , चंदन वाला 
2. गुलाब केसर मोती युक्त क्रीम 
3.लोशन क्रीम गुलाब वाली 
4. फेस ग्लो टेबलेट 
शामिल रहती है। 

http://youtube.com/@Vaidamancheema

 मंगवाने के लिए whatsapp 9915136138 कीजिए। दो महीने का खर्च सिर्फ 11000₹  है। अगर एक-एक महीने का लेते है तो 6000₹  का पड़ेगा। डिलिवरी फ्री। 

सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
VAID AMAN CHEEMA 
 WhatsApp & Call  +91-99151-36138

#beauty  #beautychallenge  #health #shorts #fbpost  #viral #fb #post #reels

Sunday, November 5, 2023

Stomach Problem

“उदर धारा स्पैशल“ 
हर घर की है जरूरत 

हर घर में यह औषधि रखी होनी चाहिए ।‌

अपने पाठकों के लिए बेहतरीन तोहफा दे रहा हुं। इसे स्वीकार करें।‌

यह जो नुस्खा दे रहा हूं, पेट दर्द , वायु गोला , यकृत , प्लीहा रोग में बहुत लाभकारी है।‌ पेट का किसी भी तरह का शूल में लाभकारी है। उल्टी , हैजा , गैस , बदहजमी, भूख की कमी , पाचन कमजोर आदि में लाभकारी है। 

नुस्खा:-
 शंखद्राव 25ml ( Baidnath)
अजवायन अर्क 75 ml ( Hamdard)
मकोय अर्क 75 ml ( Hamdard ) 
अनार शर्बत 50ml ( Hamdard ) 
अमृतधारा 3ml ( Amritdhara pharmacy ) 

लिखा हुआ समान एक कांच की शीशी में भरकर रख लें। आपकी दवा तैयार है। यह अपनी जरूरत अनुसार कम/ज्यादा बना सकते हैं। 

बढ़ो के लिए मात्रा - 20-50 बूंद आधा कप गर्म जल में डालकर दिन में दो बार लें। 
बच्चों के लिए मात्रा- 5-20 बूंद तक ।

नोट:- यह योग पित्ताशय अशमरी दर्द /Gallstones Pain , गुर्दापत्थरी का दर्द/Kidney Stone Pain 
में तुरंत फायदा करता है। गर्म पानी में मिलाकर दें। 

आशा है आप इस नुस्खे से लाभ उठाएंगे। 

        *सदैव आपका अपना*
*वैद्य अमनदीप सिंह चीमा, 
अमन आयुर्वेद,पंजाब*
         Call & WHATSAPP - 9915136138*

#stomach #ayurvedic #ayurveda #AmanAyurved #VaidAmanCheema #stone #pain

Saturday, November 4, 2023

Kidney Stones

★वृक्काशमरी ( गुर्दा पत्थरी/अशमरी ) kidney Stone★

*दर्द गुर्दा और उदरशूल 
एरण्ड की जड़ का काढ़ा सोठ डालकर पीने से लाभ होगा । इसमें हींग और नमक मिलाकर पीने से पत्थरी में फायदा होता है ।* 

*प्याज का रस 50ml में चीनी डालकर पीएं , पथरी गलकर निकल जाएगी।*

*मूली के बीज 3तोला यानि 36ग्राम ½लीटर पानी में आधा रहने तक धीमी आँच पर उबालें , ठंडा होने पर छानकर पी लें । मूली का रस और पत्ते भी खाएं जा सकते है । पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाएगी ,बिना दर्द ।*

*दोनों कटेलियो को पीसकर उनका रस मीठे दही के साथ लेने से अशमरी निकल जाती है । मूत्र साफ आने लगता है ।*

*रात को भिगोये चने ,सुबह शहद डालकर खाने से लाभ होता है । गेहूं के ज्वारों का रस बहुत ही कारगर है ।*

*पत्थरचट्टा का जूस या 4-5पत्ते चबाकर ऊपर से सुबह खाली पेट पानी पीने से पथरी गलकर निकल जाती है , पित्त की पथरी और गर्भाशय की गांठ में भी यही प्रयोग कर सकते है ।* 

*मेंहदी  के सूखे पत्ते आधा तोला यानि छे ग्राम ,आधा लीटर पानी में आधा रहने तक धीमी आँच पर उबालें, गुनगुना ही पीएं , एक हफ्ते में पथरी बिना दर्द निकलेगी , गुर्दों की सफाई करने के लिए भी यही प्रयोग करें ।* 

*चिड़चिड़ा की क्षार को भेड़ के मूत्र से दें । ईख यानि गन्ना का रस या सिरका या चबाकर खाने से भी पत्थरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाएगी।*

*कुलथी मूल का रस 30 ग्राम लेने से लाभ होता है ।
कफज पथरी में 10 ग्राम कुलथी का काढ़ा देने से पथरी टुकड़े- टुकड़े होकर निकल जाती है । 
पत्थरी काटकर निकालने के लिए 2-3 माशा और उतने ही शलजम के बीज 30 तोला पानी में पकायें । 10 तोला पानी शेष रहने पर दो खुराक बनाकर प्रात:सायं पिलायें । प्रयोग परीक्षित है । 250ग्राम कुलथी 3लीटर पानी में रात को भिगोये, सुबह इसे उबालें , जब पानी एक लीटर बचे, स्वाद के लिए आप सेंधा नमक,जीरा, काली मिर्च,धनिया, देशी घी में छोंक कर खा लें । रोज ही लें ,इसका कोई नुक्शान नही , यह बहुत ही कारगर नुस्खा है , मेरी नजर में इस से सस्ता , सफलता दायक , नुस्खा और कोई नही । दाल की दाल ,दवाई की दवाई । है न कमाल की बात ।* 

*गोखरू चूरण ३ माशा शहद के साथ प्रात : साय खिलाने एवं ऊपर से भेड़ का दूध पिलाने से ७ दिन में पत्थरी टूटकर निकल जाती है ।*

*पीपल वृक्ष की छाल 1तोला यानि 12ग्राम लेकर दो गिलास पानी में उबालें, जब आधा गिलास रह जाए तो छानकर प्रात: काल नाशते के बाद 1½घंटे बाद पीएं । पथरी के लिए अचूक है ।* 

*वरूण- मूल की छाल का काढ़ा कल्क समेत देने से पत्थरी निकल जाती है ।* 

*नीम के पत्तों की राख रोज दिन में तीन बार ठंडे पानी से लेने से गुर्दो और मूत्राशय की पत्थरी निकल जाएगी । पत्तों की राख बनाने के लिए ,पहले साफ पत्ते छाया में रखकर सुखा ले, फिर मिट्टी के बर्तन में रख कर जलाकर ढक देवें । ठंडा होने के बाद निकाल लें , यही नीम के पत्तों की राख है ।*

*अखरोट की साबुत गिरी , छिलके और गिरी समेत कूटकर बारीक कर रख लें , ठण्डे जल से लेने से पत्थरी गलकर निकल जाती है ।* 

*मकोय के पत्ते खाली पेट 5-7चबाकर 4घूंट पानी पी लें , 2घंटे कुछ न लें , इससे पत्थरी गल कर निकलती है ।* 

*कलमी शोरा + यवक्षार 4-4तोला लेकर बारीक कर लें , सुबह-शाम 2-2ग्राम लें , पत्थरी निकल जाएगी।* 

सिर्फ कोई एक नुस्खा ही इस्तेमाल करें। कुशल आयुर्वेदिक चिकित्सक का परामर्श जरूरी है। 

आपका शेयर किसी के काम आ सकता है । ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।रब्ब राखा, चलता हुँ ......

*सदैव आपका अपना*
*वैद्य अमनदीप सिंह चीमा,
अमन आयुर्वेद 144205, पंजाब*
*Call & WhatsApp 9915136138*

#AmanAyurved #VaidAmanCheema #ayurveda #kidney #kidneystones #stone #ayurvedic

Friday, November 3, 2023

Infertility

••••• गर्भधारण करने के लिए नुस्खें •••••
      Treatment for Pregnancy 

 संतान की चाहत रखने वाले यह पोस्ट जरूर पढें ।

•अशवगंधा का चूर्ण 5-5ग्राम मासिक धर्म स्नान के बाद गाय के दूध से प्रतिदिन सेवन करने से , अवशय गर्भ ठहरता है । 

•खरैटी (बला) मूल , कंघी मूल का चूर्ण , मुलहठी, मिश्री 1-1ग्राम शहद और घी विषम मात्रा में मिलाकर चाटें , आशा पूर्ण होगी । 

•सफेद आक की जड़ का चूर्ण 1-1 ग्राम 1गिलास दूध से लेने से , बंद नलिया खुल जाती है , अत: गर्भधारण में मदद मिलती है । 

•बरगद के फल + पीपल के फल 100-100ग्राम , मिश्री 200ग्राम मिलाकर रख लें , 1-1चम्मच सुबह दूध से लेने से बहुत लाभ होता है । 

•नीलकमल और धातकी के फूल 50-50ग्राम लेकर चूर्ण बना लें ,  3ग्राम चूर्ण मासिक धर्म चालू होने के दिन से 5दिन तक शहद से सुबह-शाम चाटें , अवशय लाभ होगा । बार-बार दोहरा सकते है । 

•गोखरू बीज आधा-आधा तोला यानि 6-6ग्राम पानी से लेने से लाभ होता है । 

•इन्द्रायण मूल + बेलपत्रों का चूर्ण 2-2ग्राम लेने से गर्भधारण में सहायता मिलती है । 

•त्रिकुटा 30ग्राम + नागकेशर 10ग्राम का बनाया चूर्ण 2-2ग्राम घी से चाटकर ऊपर से दूध पीने से गर्भधारण में सहायता मिलती है। 

•मैनफल के सुखे बीज दो-तीन चुटकी की मात्रा में रूई के साथ बत्ती बनाकर रात को योनि मार्ग में प्रवेश करवाकर सुबह निकाल दें , इससे बच्चेदानी के विकार दूर होकर , आशा पूर्ण होगी। 

•शिवलिंगी बीज आधा-आधा चम्मच सुबह खाली पेट लेने से गर्भधारण की शक्ति बढ़ती है । 

•पुत्रजीवक बीज चूर्ण + शिवलिंगी बीज चूर्ण , पीपल फल चूर्ण + बरगद की जटा का समभाग बना चूर्ण सेवन करने से गर्भधारण करने की ताकत आती है । 

•सतावरी चूर्ण दूध के साथ लेने से मन की इच्छा पूरी होगी । 
आशा है जरूरतमंद जरूर लाभ उठाएंगे । 

बेऔलाद जोड़े अपनी Test Reports WhatsApp पर भेजकर , सही इलाज लेकर , अपनी सूनी गोंद ,खुशीयों से भर सकते है । बच्चेदानी में गांठ, बच्चेदानी बाहर आ जाना , स्फेद पानी , रक्तप्रदर, माहवारी समस्या , Egg न बनना, टयूब बंद होना , PCOD , Low sperm/Nil sperm ( Azoospermia, oligospermia ) , नामर्दी , शीघ्रपतन का इलाज के लिए आप मुझे दिए गए नंबर पर वटसऐप कर सकते है ।  आयुर्वेद दवायों द्वारा सफल इलाज । 
चलता हुँ .... रब्ब राखा । 

 लेखक
“सदैव आपका अपना ”
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा,
अमन आयुर्वेद 144205 पंजाब
Call & WhatsApp 099151 36138 

#pregnency #infertility #sperm #ashwagandha #Ayurveda #ayurvedic #AmanAyurved #VaidAmanCheema

Thursday, November 2, 2023

Blood Cancer

★कैंसर -भाग 2★

•ब्लड कैंसर नाशक रसायन

घटक:- 
सिद्ध मकरध्वज 
स्वर्णमाक्षिक भस्म,
स्वर्ण भस्म , 
शुद्ध शिलाजीत , 
लोह भस्म , अभ्रक भस्म 100-100 पुट्टी
प्रत्येक 10-10 ग्राम 
लेकर सबको एकत्र मिला कर 

शतावरी , गिलोय, कुमारी और विदारीकन्द के स्वरस या क्वाथ में 
1-1 बार दृढ़ मर्दन करें, 

गोली बनाने योग्य होने पर 125 mg. की गोली बना कर सुखाकर रख लें । या सिर्फ पाउडर ही रखें। हम पाउडर ही रखते हैं, पुड़िया बनाकर देते हैं। 

~मात्रा और अनुपान
1-1 गोली दिन में दो बार सुबह - शाम दूध , शहद , मलाई के साथ लें ।

~गुण और उपयोग
 इस रसायन का प्रयोग करने से समस्त प्रकार के मूर्च्छा रोग नष्ट होते है , यह रसायन विशेष प्रभाव दिखाता है ज्ञानवाहिनी नाडियो पर,बहुत ही शीघ्र रक्ताणुयों की वृद्धि करता है  , पाण्डु , कामला , ( आज की भाषा में बल्ड कैंसर कहे जाने वाले रोग में अतिअंत प्रभावी योग) आदि में लाभकारी है , उत्तम बाजीकरण और रसायन है , बल , वीर्य तथा ओज की वृद्धि करता है। चलता हुँ,रब्ब राखा......

सदैव आपका अपना शुभचिंतक 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा नाड़ी वैद्य 

 #AmanAyurved #VaidAmanCheema

Wednesday, November 1, 2023

IBS IRREGULAR BOWL SYNDROME

IBS ~ Irregular Bowl Syndrome
     आयुर्वेद द्वारा सफल इलाज

दोस्तों आज आपसे इस IBS रोग के बारे बात कर रहा हुँ , बहुत लोगों को यह समस्या है । जो कि इस वजह से बहुत प्रेशान है । कहीं भी आ जा नही सकते , नौकरीपेशा लोगों को तो इससे बहुत ही समस्या आती है । लंबा सफर करने के डर से कई लोग सफर ही नही करते । इस रोग से पीडित मेरे एक रोगी जो कि मुंबई रहते है उन्होने अपनी बहुत अच्छी नौकरी छोड़ घर बैठ गए , मेरे एक मरीज जो कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के है , उन्होने कई साल से आज तक बस , ट्रेन आदि किसी भी साधन पर सफर ही नही किया। किसी रिश्तेदार  के नहीं जाते। ऐसे कई मरीज मुझे मिले जिन्होने अपने कई काम IBS की वजह से ही छोड़ दिए ।

 (आईबीएस) बड़ी आंत को प्रभावित करता है यह एक बहुत गंभीर समस्या है। यह पेट में ऐंठन, सूजन, और आंत्र में तकलीफ पैदा करता है । इस विकार के साथ कुछ लोगों को कब्ज है। कुछ लोगों को दस्त हो रहा है।  हालांकि IBS की परेशानी आंतों को नुकसान नहीं करती।

आईबीएस  पुरुषों और महिलाओं दोनों को होता है । सबसे अधिक बार 45 वर्ष से कम आयु के लोगों में पाया जाता है। अगर आपने  IBS के सही कारण जानता है तो  इसके लिए विशेष परीक्षण है। आपका डॉक्टर परीक्षण सुनिश्चित करें कि आपको टैस्ट करवाना चाहिए । इन परीक्षणों में स्टूल के परीक्षण, रक्त परीक्षण, और एक्स रे शामिल हो सकते हैं। Sigmoidoscopy या Colonoscopy  करवा सकते है । 

अगर आपको आपके डाँकटर ने IBS का रोग बताया है तो आप नीचे लिखा हुआ,  मेरे द्वारा , कई रोगियो पर सफल आजमाया हुआ अनुभूत योग प्रयोग में लेवें आपको बहुत ही लाभ होगा । 

«“IBS Cure Yog  आई बी एस क्यूर योग ”»
««««««««««««««-------»»»»»»»»»»»»»»
1.एरण्ड तैल में भुनी हरड़ 24तोला
2.बेल का गूदा 24तोला
3.इसबगोल 24तोला
4.सौंफ 24तोला
5.नरकचूर 24तोला
6.छोटी इलायची बीज 1½तोला
7.काला नमक 2½ तोला
8.सेंधा नमक 2½तोला 
9.चित्रकमूल 2½तोला
10.नागरमोथा 2½तोला
सबको कूटपीसकर चूर्ण बना कर रख लें , खाने के बाद गुनगुने जल से 1-1चम्मच चूर्ण लें ।
साथ में अरोग्यावर्धनी वटी, पुनर्नवादि मंडूर 2-2गोली लें । 
चलता हुँ ..........रब्ब राखा

जय आयुर्वेद जय धन्वंतरि 

*सदैव आपका अपना शुभचिन्तक*
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद 144205,पंजाब
Call & WhatsApp 9915136138

#AmanAyurved #VaidAmanCheema #IBS #irritablebowelsyndrome #ayurveda #ayurvedic