Monday, April 15, 2019

“नकछिकनी अवलेह” मर्दाना कमजोरी के लिए

नकछिकनी अवलेह स्वर्ण युक्त

मरदाना ताकत की बेहतरीन दवा

नकछिकनी का कूट छानकर बारीक किया हुआ पाउडर एक किलो लेकर पांच सेर गाय के दूध में उबालकर खोया बना लें।
उसे आधा सेर गाय के दूध में भूल लें। इसमें दो सेर मिश्री बारीक पिसी हुई मिला दें।
फिर इसमें दालचीनी , शीतलचीनी , पान की जड़, लौंग 3-3 माशा , स्वर्ण भस्म 3 ग्राम , मोती भस्म 20 ग्राम मिला दें ।
जिन लोगों को मधुमेह है वह मिश्री न डालें।
सुबह-शाम दूध से 3-6 माशा तक लें।

यह दवा शीघ्रपत्न नाशक, शक्तिवर्धक है। इस नुस्खे का कम से कम चालिस दिन तक तंदरूस्त भी इस्तेमाल कर सकता है । जिसे समस्या ज्यादा हो तीन महीना तक प्रयोग करें।  यह योग कुंवारे लड़को के लिए नही है। सिर्फ शादीशुदा लोग ही इसका इस्तेमाल करें।

नोट :- एक माशा एक ग्राम जितनी मात्रा को कहते है ।
एक सेर एक किलो समझना चाहिए ।
मूलग्रंथ में इस नुस्खा में कशतूरी है जिसका मिलना मुशकिल हो जाता है , इस पर बैन भी है । इसलिए मैंने स्वर्ण भस्म डाला है । दो किलो मिश्री की जगह एक किलो खांड है , एक किलो शहद है । इसे गर्मी के मौस्म में भी हर कोई सेवन कर सके इसलिए शहद की जगह मिश्री की मात्रा बढ़ा दी गई है । मोती इसमें खुद के अनुभव अनुसार डाल दिया है , इसकी तासीर बहुत ठंडी है। यह गर्मी के रोगियों , गर्मी में मौस्म में भी आशातीत लाभ करेगा । यह नुस्खा अगर आप खुद न बना सकें तो आर्डर पर मेरे से तैयार करवा सकते है।
इस दवा की कीमत 5000रू प्रति 400ग्राम है , जिसमें कूटने पीसने बनाने की मेहनत , कोरियर खर्च सब शामिल है। पूरे लाभ के लिए 4-5माह सेवन जरूर करें। जो वैसे ही खाना चाहते है । वह दो माह प्रयोग कर सकते है ।

सदैव आपका अपना
वैद्य अमनदीप सिंह चीमाँ, पंजाब
Whatsapp 9915136138

चक्षुरोग नाशक योग

आंखो के तमाम रोग दूर करने के लिए नुस्खा

“चक्षुरोग नाशक योग”

आँखों का चस्मा उतरेगा ,
आंखों की लाली , खारिश आदि सभी रोग ठीक होगें ।

नुस्खा लिख रहा हुं , खुद बनाएं । बहुत फायदेमंद नुस्खा है , फेसबुक पर पहली बार लिख रहा हुं ।

मोती पिष्टी 10 ग्राम ,
रजत भस्म 5 ग्राम ,
अभ्रक भस्म 10 ग्राम सहस्त्रपुटी ,
लौह भस्म 10 ग्राम
हरड़ 30ग्राम
बहेड़ा‌ 30ग्राम
आँवला 30ग्राम
धनिया 30ग्राम
मुलहठी 30ग्राम
मुण्डी पुष्प 180 ग्राम
उस्तोखदूस 30ग्राम

सबसे पहले हरड़ से लेकर उस्तोखदूस तक जितनी जड़ी बूटीयाँ है , किसी अच्छे पंसारी से अच्छी क्वालिटी की लेकर एक दिन सूर्य की धूप में रखने के बाद अच्छी तरह कूटकर बारीक मैदा की तरह ऊपर बताए वजन अनुसार आपस में‌ मिला लें । फिर अच्छी कंपनी की भस्में बताएं वजन अनुसार मिला लें ।

जितनी दवा है उसके वजन से तीन गुणा असली शहद मिलाकर रख लें। सुबह-शाम 1-2 चम्मच दवा अपने शरीर अनुसार खाएं । आँखों के सभी रोग सिर पर पैर रख कर भाग खड़े होगे ।

लेखक वैद्य
अमनदीप सिंह चीमाँ
वटसऐप 9915136138