Friday, December 29, 2023

PARALYSIS

*लकवा ,फालिज -पक्षाघात  Paralysis कष्टकारी रोग*

लकवा को फालिज या पक्षाघात  Paralysis कहते है। 
बहुत लोग इस रोग से प्रेशान है । इस रोग से रोगी अपने घर वालों के लिए बोझ बनकर रह जाता है । अपने काम खुद करने की बहुत दिक्कत हो जाती है ।जिनके बच्चे छोटे , कमाई का कोई साधन नही , उनके लिए तो दु:खों का पहाड़ टूट पढ़ता है ।  यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होने वाली है । इस पोस्ट में मैं कुछ घरेलु उपाय और मेरी अनुभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा लिखूंगा । 

ध्यान से पढ़े । 

मस्तिष्क की धमनी में किसी रुकावट के कारण उसके जिस भाग को खून नहीं मिल पाता है मस्तिष्क का वह भाग निष्क्रिय हो जाता है अर्थात मस्तिष्क का वह भाग शरीर के जिन अंगों को अपना आदेश नहीं भेज पाता वे अंग हिलडुल नहीं सकते और मस्तिष्क (दिमाग) का बायां भाग शरीर के दाएं अंगों पर तथा मस्तिष्क का दायां भाग शरीर के बाएं अंगों पर नियंत्रण रखता है। यह स्नायुविक रोग है तथा इसका संबध रीढ़ की हड्डी से भी है।लकवा रोग से पीड़ित रोगी के शरीर का एक या अनेकों अंग अपना कार्य करना बंद कर देते हैं। लकवा बांये अंग में ज्यादा खतरनाक है । 

लकवा आलसी जीवन जीने से ही नहीं, बल्कि इसके विपरीत अति भागदौड़, क्षमता से ज्यादा परिश्रम या व्यायाम, अति आहार ,ज्यादातर प्रौढ़ आयु में ,युवावस्था में की गई गलतियाँ-भोग-विलास में अति करना, मादक द्रव्यों का सेवन करना, आलसी रहना आदि कारणों से शरीर का स्नायविक संस्थान धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है। जैसे-जैसे आयु बढ़ती जाती है, इस रोग के आक्रमण की आशंका भी बढ़ती जाती है।

पक्षाघात तब होता है , जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे रक्त आपूर्ति रुक जाती है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह में खून भर जाता है। जब मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम हो जाता है या मस्तिष्क में अचानक रक्तस्राव होने लगता है तो कहा जाता है कि आदमी को मस्तिष्क का दौरा पड़ गया है।

*लकवा के पाँच प्रकार है ,जो निम्नलिखित अनुसार है।*

अर्दित,एकांगवात,सर्वागवात,अर्धांगवात,बाल पक्षाघात 

१)अर्दित - सिर्फ चेहरे पर लकवे का असर होने को अर्दित (फेशियल पेरेलिसिस) कहते हैं। अर्थात सिर, नाक, होठ, ढोड़ी, माथा तथा नेत्र सन्धियों में कुपित वायु स्थिर होकर मुख को पीड़ित कर अर्दित रोग पैदा करती है।

२)एकांगघात - इसे एकांगवात भी कहते हैं। इस रोग में मस्तिष्क के बाह्यभाग में विकृति होने से एक हाथ या एक पैर कड़ा हो जाता है और उसमें लकवा हो जाता है। यह विकृति सुषुम्ना नाड़ी में भी हो सकती है। इस रोग को एकांगघात (मोनोप्लेजिया) कहते हैं।

३)सर्वांगवात - इसे सर्वांगवात रोग भी कहते हैं। इस रोग में लकवे का असर शरीर के दोनों भागों पर यानी दोनों हाथ व पैरों, चेहरे और पूरे शरीर पर होता है, इसलिए इसे सर्वांगघात (डायप्लेजिया) कहते हैं। 

४)अर्धांगवात - इस रोग में कमर से नीचे का भाग यानी दोनों पैर लकवाग्रस्त हो जाते हैं। यह रोग सुषुम्ना नाड़ी में विकृति आ जाने से होता है। यदि यह विकृति सुषुम्ना के ग्रीवा खंड में होती है, तो दोनों हाथों को भी लकवा हो सकता है। जब लकवा 'अपर मोटर न्यूरॉन' प्रकार का होता है, तब शरीर के दोनों भाग में लकवा होता है। 

५)बाल पक्षाघात - बच्चे को होने वाला पक्षाघात एक तीव्र संक्रामक रोग है। जब एक प्रकार का विशेष कृमि सुषुम्ना नाड़ी में प्रविष्ट होकर वहाँ खाने लगता है, तब सूक्ष्म नाड़ियाँ और माँसपेशियां आघात पाती हैं, जिसके कारण उनके अधीनस्थ शाखा क्रियाहीन हो जाती है। इस रोग का आक्रमण अचानक होता है और प्रायः 6-7 माह की आयु से ले कर 3-4 वर्ष की आयु के बीच बच्चों को होता है।

* पक्षाघात की घरेलु चिकित्सा*

•लहसुन की कली 8-10 लेकर पीसकर ,शहद से चाटें । 

•लहसुन का आचार या चटनी भी ले सकते है । 

•आक के पत्तों का आचार बनाकर भी प्रयोग कर सकते है । इसकी मैंने पहले स्पैशल पोस्ट भी की थी । 

•सरसों के तैल 100ml में लहसुन 20gmऔर अजवायन 20gm को जला कर छानकर , मालिश के लिए प्रयोग करें । 

•एरण्ड पत्र, धतूरा पत्र, मदार पत्र, नागफनी का रस 50-50ml निकालकर कपड़े से निचोड़ लें । फिर 200ml सरसों के तैल में डालकर धीमी आग पर चढ़ाकर जब तक तैल मात्र न रह जाएं , तब तक पकाएं । फिर ठंडा होने पर छानकर प्रयोग में लें । इस तैल की सुबह-शाम मालिश करें । यह जोड़ो का दर्द , लकवा में बहुत उपयोगी है । आँखों से बचाएं । 

*पक्षाघात पर मेरी अनुभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा*

*पक्षाघात नाशक मेरा सिद्ध योग*

PARALYSIS GO -WITH GOLD

वृहत वात चिंतामणि रस -3ग्राम
योगेंद्र रस - 3ग्राम 
खंजनकारी रस -15गोली 
एकांगवीर रस-6ग्राम
प्रवाल पंचामृत रस-6ग्राम
मुक्ता पिष्टी-6ग्राम
ब्राह्मी वटी- 6ग्राम 
बच - 6ग्राम 
अकरकरा ईरानी-6ग्राम 
स्वर्ण भस्म -500mg 

•दवा बनाने का तरीका•
सब दवा वैद्यनाथ,डाबर,या धूतपापेश्वर कंपनी की ही लें । 
सबसे पहले आप वृहत वात चिंतामणि रस,योगेंद्र रस को पीसे , फिर खंजनकारी रस, एकांगवीर रस,प्रवाल पंचामृत रस को पीस लें । फिर ब्राह्मी वटी को पीसकर मिला लें । उसके बाद मुक्ता पिष्टी मिला लें। फिर बच और अकरकरा का महीन पिसा चूर्ण मिला कर । 

90 पुड़िया बराबर मात्रा में मिला लें । बस आपकी लकवा की दवा तैयार है । यह मेरी अनुभूत दवा है । 

असमर्थ लोग स्वर्ण भस्म न डालें, इससे योग बहुत महंगा बनता है, लेकिन रिजल्ट साधारण योग से बहुत ज्यादा आते हैं। 

```लेखक```
~सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद,पंजाब
Call & WhatsApp 9915136138~

• विशेष•
यह मेरा अनुभूत नुस्खा है । जो कि किसी भी तरह के लकवा में बहुत ही प्रभावकारी सिद्ध हुई है । महंगी तो जरूर है । रोगी को सारी उम्र के लिए नकारा ,बेसहारा , बोझ जैसी जिंदगी के जीना न पड़े , उस हिसाब से तो बहुत सस्ती है । रिजल्ट देखकर पैसे भूल जाते है । अगर आप इसे बनाने में असमर्थ है तो मेरे से अडवांस बैंक पेमैंट करके भी  कोरियर द्वारा मंगवा सकते है । 

•खाने की विधि•
सुबह-दोपहर-शाम एक-एक पुडियाँ 
महारास्नादि काढा,बलारिष्ट,अशवगंधारिष्ट 15-15ml लेकर जल में मिलाकर खाने के बाद लें । 

*परहेज*
खट्टी तली चीजें,नमकीन,मेदा,बेसन,केला,अरबी,घी,तैल,मीट,शराब न लें । 
जो मांसाहारी है वह कबूतर सेवन किसी भी रूप में कर सकते है । जो शाकाहारी है वे मूंग की दाल लें । हल्का सुपाचय भोजन ही लें। पेट साफ होना जरूरी है । कब्ज न रहने दें ।

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Wednesday, December 27, 2023

जोशीली गोली स्पेशल

पुरुषों में संभोगेच्छा पैदा करने वाले घरेलू उपचार
 और साथ में ही  “जोशीली गोली स्पेशल” का नुस्खा 

 •5 ग्राम लहसुन घी में भूनकर रोज खाने से लिंग में जोश आता है | उम्र ,सेहत ,पाचन शक्ति के हिसाब से मात्रा कम-ज्यादा कर सकते है। जो रोज संभोग में लिपत रहते है या रहना चाहते है, वे बिना डर लें सकते है । 

•लहसुन 10ग्राम , दालचीनी 3ग्राम , जायफल ⅛ग्राम , जावित्री ⅛ग्राम ,शहद एक चम्मच में मिलाकर सुबह-शाम चाटें । उमंग और जोश जगाता है । 

•२ किलो लहसुन को ६ किलो शहद में डालकर मिट्टी के बर्तन में भर लो | इसके बाद इसको गेंहू के ढेर या गेंहू की बोरी या गोबर के ढेर में दबा दें | 
एक महीने बाद निकाल कर सुबह शाम  25-25ग्राम खाकर ऊपर से दूध पी लें | 
यह प्रयोग पूरा 2-3 महीने तक करें | लाभ होगा | 
यह वात रोगियों और कफ प्रकृति लोगों पर ही पूरा असर दिखा पाता है | पित्त प्रकृति लोंगों को नुकसान भी कर सकता है | अम्लपित्त के रोगी न लें | 
ठंडे मुल्क के रहने वाले लोगों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है | 
गर्मी में इसका प्रयोग कोई भी न करें | 
सिर्फ सर्दी में प्रयोग करें | 
जोड़ो के दर्द में तो यह बहुत ही लाभकारी है | 
मैं बजुर्ग लोगों को - जो जोडो़ के दर्द से परेशान है या दिल के रोग से ( B P, Heart blockage, cholestrol, triglycerides) यह निर्भय होकर देता हुँ। बहुत यश देता है | 

♦जोशीली गोली स्पैशल
•लोंग,
 जायफल,
 जावित्री 10-10ग्राम, 
 दालचीनी 30ग्राम, 
 शुद्ध कुचला , 
 सिद्ध मकरध्वज,
 मोती पिष्टी,
  केसर कश्मीरी 
  चांदी भस्म,
  लौह भस्म 10-10 ग्राम,
  असगंध 20 ग्राम

सबको मिलाकर लहसुन के रस में घोटकर सुखा लें ,फिर आर्दक के रस में घोटकर चने समान गोली बना लें । 
संभोग शक्ति, जोश, स्टेमिना ,उमंग,उत्शाह बढ़ाने के लिए औरतों मर्दों दोनों के लिए अति लाभकारी है। 
यह दवा सिर्फ वैद्य या आयुर्वेद के ज्ञानी ही बनाएं। 
हमसे भी मंगवा सकते हैं। इस गोली को लेने के लिए “जोशीली गोली स्पेशल” के नाम से मांगें। 
अगली बार जोशीली गोली स्पेशल गोल्ड का नुस्खा लिखूंगा। जो ज्यादा ख़र्चीले है वह जोशीली गोली स्पेशल गोल्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

ज्यादा लाभ हेतु आप मेरे द्वारा निर्मित तूफानी ताकत महायोग , तूफानी ताकत महायोग DS , जीवन जौश महायोग का सेवन करें ।

 मंगाने के लिए Google pay phonepe 9915136138 पर पहले पेमैंट करके , WhatsApp पर Screenshot send करें, साथ में अपनी समस्या और पूरा पता । कोरियर द्वारा मंगवा सकते है। 
चलता हुँ......रब्ब राखा

~लेखक~
```सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद 144205,पंजाब
WhatsApp & Calling 9915136138```

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Sunday, December 24, 2023

Oligospermia

Low Sperm Count  ( वीर्य में शुक्राणु की कमी ) 

प्यारे दोस्तों 
हर गृहस्थ जीवन में जीने वाले दंपत्ती को औलाद की इच्छा होती है । हर कोई माँ-बाप कहलाना चाहता है । लेकिन शरीर में त्रुटिया होने के कारण , माँ-बाप बनने की इच्छा अधूरी रहती है । बे-औलाद पन में औरत-मर्द दोनों को या किसी एक को समस्या होने के कारण ,उनकी मुराद पूरी नही हो पाती । सबसे पहले तो पुरूष की वीर्य की जांच करवाई जानी चाहिए। अगर उसके वीर्य का टेस्ट सही है तो फिर औरत के शारीर की जाँच आदि करवाकर कारण पता करना चाहिए । जो कारण मालुम हो उसका सही दवा/तरीके से इलाज करना चाहिए । इस पोस्ट के जरिए आज आपको पुरूषों के वीर्य में कीटाणु की कमी को दूर करने का नुस्खा बता रहा हुँ , जो कि 100%मेरा सफल योग है । अगर आप में शुक्राणु की कमी के कारण ,आप औलाद के सुख से वंचित है तो यह नुस्खा अपनाएं और अपने घर में बच्चे की किलकिलारिया सुनें । अगर यह दवा आप न बना सको तो मुझसे कोरियर द्वारा , अडवांस पेमैंट करके मंगवा सकते है । कोरियर का चार्ज पूरे भारत में फ्री है । जगह - २ से पैसे लुटाकर निराश मित्र यह नुस्खा जरूर अपनाएं । कभी निराशा नही मिलती। 

*मेरा अनूभूत शुक्राणु वर्धक नं:1 नुस्खा*

शुद्ध कौंच बीज - 30ग्राम,
अशवगंधा घनसत्व- 30ग्राम
चारों मूसलियाँ - 100ग्राम 
पुष्पधन्वा रस-6ग्राम
शुक्रवल्लभ रस -6ग्राम
सिद्ध मकरध्वज स्पेशल-3ग्राम
वज्र ( हीरक भस्म ) ¼ग्राम ,
स्वर्ण भस्म-¼ ग्राम 
सतावर चूर्ण- 30ग्राम

*बनाने की विधि*
सबसे पहले शुक्रवल्लभ रस को अच्छी तरह कसकर घुटाई करके बारीक करलें , फिर सिद्ध मकरध्वज स्पैशल को पीस लें , उसके बाद पुष्पधन्वा रस नं:१ ,फिर हीरक , स्वर्ण को अच्छी तरह कसकर घुटाई करके बारीक कर लें। जब पूरी दवा बारीक हो जाएं फिर उसमें सतावर , अशवगंधा घनसत्व,शुद्ध कौंच बीज, चारे मूसलियाँ मिलाकर घुटाई करके एक जान कर लें । 
इस पूरे मिश्रण के बराबर मिश्री मिलाकर रख लें । 

आधा चम्मच सुबह शाम खजूर या खारक उबालें दूध से लें। 
जो नानवेज है वो बकरे के अंडकोष हफ्ते में तीन चिर बार इस्तेमाल करें 

*खाने की विधि*
सुबह-दोपहर-शाम 1गिलास दूध में ,1 गिलास पानी , 2 खजूर डालकर धीमी आँच पर तब तक उबाले जबतक पानी जलकर सिर्फ एक गिलास दूध बच जाएं । फिर उसमें स्वादानुसार मिश्री मिला लें ,खजूर चबाकर खा लें । 1 पुडियाँ खाकर ऊपर से दूध पी लें । सुबह-दोपहर-शाम ऐसे ही दवा खाएं । 

*परहेज*
फास्ट फूड, संभोग, पेट साफ रखें, आचार,चटनी,खट्टी-तली चीजें ,चाय ,काफी ,शराब ,तेज मिर्च मसाले न लें । 

*विशेष*
दूध,केला,खजूर,काजू,पिस्ता,बादाम,लहसुन का प्रयोग करें । 
जगह-जगह से दवा खाकर जो रोगी निराश हो चुके रोगियो के लिए आशा की नई किरण है यह नुस्खा । मेरे द्वारा  निर्मित इस अनूभूत योग के सेवन से बहुत आशातीत लाभ होता है । 40दिन बाद अपनी रिपोर्ट करवाकर फर्क देख लें । फ्री का ज्ञान समझकर अनदेखा न करें, प्रयोग करें । शेयर करें । किसी को भी इस नुस्खें की जरूरत हो सकती है ।

कोई भी दवा लेने से पहले कुशल वैद्य से परामर्श जरुर करें। 

खैर ....रब्ब राखा । चलता हुँ .....

~~~लेखक~~~
```सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा 
अमन आयुर्वेद , 144205 
WhatsApp & Call  9915136138```

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Saturday, December 23, 2023

Hair Oil Treatment

*बालों की समस्या के लिए अनुभूत तैल ( Best Hair Oil )*

आजकल सबसे ज्यादा लोग बालों की समस्या से ग्रसत है । बहुत से मित्रों के विशेष आग्रह पर मैं बालों के रोगों पर लिख रहा हुँ । पहले खाने की दवा की पोस्ट की थी । उसके बाद आयुर्वेदिक हेयर डाई । आज बालों के लिए तैल लिख रहा हुँ । खाने वाली दवा के साथ लेप/तैल का प्रयोग करने से आपको पक्का इलाज हो जाएगा । इसलिए लेप खुद तैयार करें । 

फ्री का नुस्खा समझकर Ignore न करें । पेश कर रहा हुँ । 

* अनुभूत बाल रक्षक तैल *

-सामग्री-
ब्राह्मी पंचांग 10 ग्राम, 
जटांमासी 5 ग्राम , 
रतनजोत 5ग्राम, 
अमरबेल 10 ग्राम , 
भृंगराज पंचांग 10, 
अपामार्ग पंचांग 5ग्राम , 
सफेद चंदन 5 ग्राम

सबको लेकर कूटपीसकर दरदरा सा कर लें । 800 ml पानी में डालकर धीमी आँच पर रख दें । जब 200ml पानी रह जाए तो उतार लें । ठंडा होने पर कपड़े से छानकर काढ़ा अलग करलें । इस काढ़े को फिर *तिल का तैल 200ml* में डालकर धीमी आँच पर चढ़ा दें । जब काढ़ा जलकर सिर्फ तैल रह जाए तो उसे उतारकर ठंडा होने पर छानकर शीशी में डाल लें । 

अब इस बने हुए तैल में आप
रोगन आमला 25ml
रोगन बैजा मुर्ग 25ml
रोगन खसखस 50ml
रोगन बादाम 50ml
रोगन मालकंगनी 25ml
रोगन काहू 25ml
अपनी पसंद का इत्र 5ml

इन सबको एक शीशी मिलाकर शीशी हिलाकर एकजान करके सुरक्षित रख लें । आपका बालों के लिए *बालरक्षक तैल * तैयार है ।( इस Oil की 3500rs monthly cost ) बहुत बार का अनुभूत है । बालों की हर तरह की समस्या में असरदार है । 

जैसे :- बालों का असमय सफेद होना,बालों का पतलापन ,रूखापन आदि । इसकी सुबह-शाम 10-10 मिन्ट हल्के हाथों से बालों की जड़ों में मालिश करने से बाल लंबे ,घने,काले,चमकदार होगे । खाने वाली दवा जो मैंने पोस्ट की है , उसका सेवन इसके साथ जरूर करें । पूरा लाभ मिलेगा । अब चलता हुँ। रब्ब राखा । 

                  ~~~लेखक~~~
``` सदैव आपका अपना शुभचिंतक
      वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
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Tuesday, December 12, 2023

Migraine

माईग्रेन / आधे सिर का दर्द 
Migraine Treatment 

दवा का नाम “ सुखजीत महायोग ”

यह नुस्खा मैं अपनी माता को समर्पित करके आपकी सेवा में लिख रहा हुं। 

इसमें रोगी को आधे सिर में बहुत‌ भयानक दर्द होता है। रोगी बिन पानी की मछली की तरह तरपता है। 

मेरे प्यारे दोस्तों आपकी खिदमत में हाजिर हुं‌, आपके लिए बहुत ही सस्ता , सरल , सुलभ नु्स्खा पेश कर रहा हुं , जो सच में काबिल ए तारीफ है। प्रयोग करने से आप को लाभ होगा , मेरा धन्यवाद बेशक मत करना लेकिन किसी गरीब को कुछ न कुछ दान जरूर करना , यह नुस्खा फ्री में बांटना । बहुत ही चमत्कारी योग है। पंद्रह पंद्रह साल पुराने दुखी रोगी इस योग से ठीक किए है। 

“ सुखजीत महायोग ” 
गन्ने का पुराना सिरका 10ml 
हींग 3 ग्राम 
 
दोनों को इतना रगड़े कि एक जान हो जाएं। फिर शीशी में संभाल कर रख लें। 

प्रयोग करने का तरीका :- जब सिर‌दर्द हो , जिस तरफ दर्द हो उसी तरफ वाले नाक में सिर टेढ़ा करके 4 बूंद टपका दें। नाक से पानी निकलेगा । कुछ ही मिन्ट में सिर दर्द गायब हो जाएगा । दो-तीन बार प्रयोग करने से रोग से छुटकारा मिल जाएगा। 

नोट :- जब भी कोई भी दवा बनाए भजन जरूर करते रहे , यही नियम अन्य खाद्य पदार्थ बनाते समय भी लागू करें। आपका खाना अमृत बन जाएगा। 

आपका अपना 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा, 
अमन आयुर्वेद ,144205 , पंजाब 
Calling & WhatsApp 9915136138

#medicine #ayurveda #ayurvedic #migraine #AmanAyurved #VaidAmanCheema 

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Monday, December 11, 2023

Parkinson

*पार्किन्सन रोग (Parkinson's disease or PD)*
~~~कंपवात का रोग ,शरीर के अंगों का कांपना~~~

 यह तंत्रिका तंत्र का एक रोग है जिसमें रोगी के शरीर के अंग कंपन करते रहते हैं। रोगी लगातार कंपन करता है । 
पार्किन्‍सोनिज्‍म का आरम्भ धीरे-२ होता है। पता भी नहीं पड़ता कि कब लक्षण शुरू हुए। अनेक सप्ताहों व महीनों के बाद जब लक्षणों की तीव्रता बढ़ जाती है। फिर आदमी को लगता है कि समस्या है , डाँ को दिखाना चाहिए । 

लेखक
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद ®
Since 2003 
 144205,पंजाब
Call & WhatsApp 9915136138

इस रोग के कारण नींद में कम हो जाती है, वजन में कमी, कब्जियत बने रहना, जल्दी सांस भर आना, पेशाब करने में रुकावट, चक्कर आना, खडे़ होने पर आँखों के आगे अंधेरा आना, सेक्स में कमजोरी,चिड़चिडापन, स्मृति कमजोर हो जाती है । खाना ठीक से न खा पाना , अपने बाल सही ढंग से सैट नही कर सकता, पानी पीने , नहाने , कपड़े पहनने में दिक्कत होती है । 

*पार्किन्सन/कंपवात रोग पर मेरी अनुभूत चिकित्सा*
*नुस्खा इस प्रकार है*

 खंजनकारी रस -3gm
 स्मृतिसागर रस - 3gm
 वृहत वात चिंतामणि रस - 3gm
 ब्राह्मी वटी वृहत- 3gm
 एकांगवीर रस -3gm
 सारस्वत चूर्ण- 30gm
 अशवगंधा चूर्ण-9gm
ईरानी अकरकरा चूर्ण - 6gm

यह सब दवा अच्छी कंपनी की खरीदकर , सबको  कसकर घुटाई करके एकजान करलें,फिर “रोगन मांलकंगनी” में घोटकर सुखा लें, फिर “ब्राह्मी के ताजा रस” में घोटकर सुखा लें,उसके बाद “अशवगंधा के जड़ के ताजा रस” या काढ़े में घोटकर सुखा कर 60पुड़िया बना लें । 

सुबह-शाम 1-1 पुडियाँ शहद से चाटकर , ऊपर के दूध पीएं । मास्यादि क्वाथ 2-2चम्मच पानी में मिलाकर पी लें । 

 खाने के बाद - अशवगंधारिष्ट  -10ml
                      सारसत्वारिष्ट    -10ml
                      मास्यादि क्वाथ -10ml          

बराबर गर्म पानी में मिलाकर खाने के बाद लें ।रोगी की सेहत बहुत अच्छी हो जाएगी । यह मेरी अनुभूत चिकित्सा है । बहुत रोगियो पर आजमाई हुई है । बहुत ही लाभकारी है । आजकल के जमाने में कोई अपना तजुर्बा फ्री में नही देता । कोई कुछ न कुछ छुपा ही लेता है । पूरी चीज नही बताता । आप मेरी बताई चिकित्सा जरूर प्रयोग करें ,आपको अवशय लाभ मिलेगा , आप को फ्री में सब दे रहा हुँ,कुछ छुपाता नही । अवशय परयोग करें , लोगों का भी भला करें । दुआओ में याद रखना । चलता हुँ .....

लेखक
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा  
अमन आयुर्वेद ®
Since 2003 
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#parkinsons #parkinsonsdisease #ayurveda #ayurvedic #medicine #AmanAyurved #VaidAmanCheema

Saturday, December 9, 2023

Joint Pain

हाय ! हाय! उफ़! हे राम , है प्रभु मेरे से चला नहीं जाता, जोड़ जोड़ दुःख रहा है , अगर कोई देशी आयुर्वेद चिकित्सा है तो मुझे उस वैद्य के पास ले चलो, हड्डियों में कमजोरी आ गई है, बिल्कुल भी चला नहीं जाता.. क्या आपके घर या आसपास ऐसे बुजुर्ग है ? जो ऐसा बोलते हैं! तो आपको चिंता की जरूरत नहीं है, मैं आपको अपना अनुभूत योग दे रहा हूं। जो आप खुद लेकर इस्तेमाल करवा सकते हैं। 
जो हमसे मंगवाना चाहते हैं,  उनके लिए हमने बहुत ही स्पेशल और सस्ती दवा तैयार की है जो कि गोली/कैप्शूल में उपलब्ध है। खैर... आप नुस्खा देखें... 

★बुजुर्गों के जोड़ों के दर्द के लिए दवा★

अश्वगंधा 5तोला यानि 50ग्राम , 
सोंठ 1तोला , 
मीठी सुरंजा 4 तोला
शंख भस्म 1 तोला

यह सब आपको पंसारी से मिलेगा । 
सब समान लेकर कूट पीस कर मिला लें । 
सुबह - शाम 3-3 ग्राम दूध के साथ लें । 

“महायोगराज गुगल” 2-2 गोली सुबह-शाम लें । 
ज्यादा पुराना रोग है या दर्दों की समस्या ज्यादा है तो साथ में एक एक गोली सुबह-शाम “ रसराज रस” की लें । 

मालिश के लिए :- “महानारायण तैल” अच्छी कंपनी का लेकर सुबह- शाम मालिश करें । 

परहेज :- खटाई , तली चीजें , ठंडी चीजें , बादी चीजें , बासी भोजन । 

नोट :- अलसी के लड्डू बहुत फायदेमंद है , जरूर खिलाएं । 

आपका शुभचिंतक 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा,
अमन आयुर्वेद 144205 ,पंजाब 
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Monday, December 4, 2023

Migraine माइग्रेन

🌿Migraine/ माइग्रेन / आधा-शीशी”

मेरा अनुभूत प्रयोग ~ भाग -1

शिर शूलादिवज्र रस 10 ग्राम,
गोदंती भस्म 10 ग्राम,
प्रवाल पिष्टी 5 ग्राम,
महा लक्षमी विलास रस 5 ग्राम,
सूत शेखर रस वृहत 5 ग्राम

पहले सूतशेखर रस वृहत,महालक्ष्मी विलास रस , शिरशूलादिवज्र रस अच्छी तरह चिकने खरल में पीस लें , फिर गोदंती  , प्रवाल पिष्टी मिलाकर, एक घंटा खूब खरल करके 45 पुड़िया बना लें। एक एक पुड़िया सुबह दोपहर शाम यानि रोज तीन पुड़िया शहद से चाटकर ऊपर से दूध पीएं ।

नाक में रात को रोगन बादाम 4 बूंद + रोगन खसखस 1 बूंद डालें . रोज सिर टेढा करके ।

अभी माइग्रेन के लेख जारी रहेंगे, अगले नुस्खों की जानकारी के लिए मुझे follow करें । लेख को like & comment करें ताकि हमारा उत्साहवर्धन भी होता रहे और आपकी सेवा में लगे रहें। 

🔼सदैव आपका अपना शुभचिंतक🔼
🕳वैद्य अमनदीप सिंह चीमा🕳
अमन आयुर्वेद, 144205 , पंजाब 
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Sunday, December 3, 2023

Cancer

कैंसर ~भाग -5
यह “ट्यूमर गो महायोग“ 
फेफड़ों का कैंसर , दिमाग़ का ट्यूमर, जीभ का कैंसर , गुदा का कैंसर , बच्चेदानी का कैंसर आदि में अति प्रभावकारी है।
 ट्यूमर में, अल्सर में, पुराने न भरने वाले घाव में यह नुस्खा बहुत ही अनुभूत है।

★ Tumor Go Mahayog ★
★ट्यूमर-गो महायोग ★

नुस्खा:- 
पुनर्नवा घन- 50ग्राम
सहजन घन -50ग्राम 
वरुण घन -100 ग्राम
मुलेठी सत्व- 50 ग्राम
गिलोय घन -25ग्राम 
वासा घन -25ग्राम
भल्लातक घन -25 ग्राम
ताम्र भस्म -10ग्राम
रस सिन्दूर -10ग्राम 
अभ्रक भस्म सहस्त्र -10ग्राम
स्वर्ण भस्म स्पेशल -10ग्राम 
पन्ना पिष्टी - 10ग्राम 
हीरा भस्म-10 ग्राम 

मात्रा :- रोगी के रोग अनुसार, Report अनुसार ही दी जाती है। 

यह “ट्यूमर गो महायोग“ 
फेफड़ों का कैंसर , दिमाग़ का ट्यूमर, जीभ का कैंसर , गुदा का कैंसर , बच्चेदानी का कैंसर आदि में अति प्रभावकारी है।
 ट्यूमर में, अल्सर में, पुराने न भरने वाले घाव में यह नुस्खा बहुत ही अनुभूत है।

यह ट्यूमर गो महायोग मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। ट्यूमर शरीर में कहीं भी हो उसे ठीक करता है।  न भरने वाले घावों में अपने जीवाणुरोधी एंटीसेप्टिक गुणों के कारण शक्ति को बढ़ावा देने में उपयोगी है। 

अगर आप ट्यूमर से परेशान हैं तो हमसे परामर्श ले सकते हैं। 

★सदैव आपका अपना शुभचिंतक ★
• वैद्य अमन चीमा
•अमन आयुर्वेद, दसुआ, पंजाब

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Thursday, November 30, 2023

Sinusitis Cold fever

★नजला- जुकाम, सर्दी,खांसी, बुखार ★
मौसम बदलते ही नजला-जुकाम , एलर्जी बहुत प्रेशान करती है ।  सर्दी के मौसम में सब लोग इस समस्या से दो- चार होते ही रहते है । मेरी तरफ से बहुत ही अच्छे ,सस्ते,  सरल उपाय आप नोट करें और प्रयोग करें । 

बहुत सारे योग दिए जा रहे है , सुविधा अनुसार जो भी उपलब्ध हो,  ले सकते है। 

1) अदरक का रस एक या दो चम्मच ,
तुलसी के पत्तों का रस 1 चम्मच ,
एक चम्मच शहद ,
पाँच काली मिर्च पीसी हुई, 
पान के पत्तों का रस 

यह चारों को आप मिकस करके चाट लें । 
दिन में दो या तीन बार लेने से बहुत लाभ होगा । 
सर्दी, खांसी, बुखार, निमोनिया में बहुत अच्छा घरेलू प्रयोग है। मेरा अनुभूत है। 

2) एक सफल आयुर्वेदिक नुस्खा, लेकिन बनाने में‌ मेहनत , सावधानी की ख़ास जरुरत है। 
सफेद फिटकरी को आक के दूध में घोटकर भस्म करलें + धतूरे के पत्तों के रस में घोटकर सुखा कर कुजे में डालकर भस्म करलें । + पुठकंडा के सर्वाग रस में घोटकर भस्म करलें । + घी ग्वार के रस में घोटकर भस्म कर लें । फिर इसे पीसकर कपड़छान करके काँच की हवाबंद शीशी में डाल कर रख लें । 250mg से 1gm तक शहद से चटवाएं । मेरा अनुभूत प्रयोग है। 

3) अगर कफ जमा हुआ है तो बहेड़ा छिलका का कपड़छान चूर्ण 1gm,  एक चुटकी टंकण भस्म मिलाकर गर्म पानी से लेने से कफ सरलता से पतला होकर निकालने में बहुत ही लाभ मिलेगा । यह मेरा अनूभूत प्रयोग है । कई सालों से प्रयोग कर रहा है । शत् प्रतिशत लाभ मिलता है । दमा रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी है। 

4) महालक्षमी विलास रस 1 गोली 
     त्रिभुवनकीर्ति रस 2 गोली ,
     अभ्रक भस्म 125 रत्ती ,  
     सितोपलादि चूर्ण 2gm
      मिलाकर शहद से चाट लें । 
सर्दी, खांसी, नज़ला, जुकाम, बुखार में बहुत लाभदायक है। मेरा अनुभूत प्रयोग है। 
अगर आँखों में जलन है तो सप्तामर्त लौह 1गोली साथ में लें । 

5) पुदीन हरा डाबर की गोली को उबलते पानी में डालकर + नाक पर लगाने से बंद नाक खुल जाती है । 

6)इलाएची बीज ,नौशादर ,अजवायन ,कपूर टिकी को कपड़े में लपेट पोटली सी बनाकर पास रखें । बार-बार सूंघने से नजला, जुकाम,साइनस , वायरल infection में बहुत लाभ होगा । 

7)नाक में रोगन बादाम हमदर्द का या वैद्यनाथ षडबिंदु तैल 
    नश्य लेने से नजला,जुकाम , साइनस में  बेहद लाभ होता है । 

8)कानों में सरसों का तैल गुनगुना करके जरूर डालें । 
    तरावट आएगी, खुश्की दूर होगी । 

9)सिर पर रोगन खसखस और रोगन बादाम या रोगन ब्राह्मी का मालिश दिमाग की खुशकी दूर करेगी ओर दिमाग को ताकत देगी । 

इसके इलावा आप हमदर्द की नजली ,
लयूक सपिसता,
वासावलेह ,
च्यवनप्राश स्पैशल ,
लक्षमी विलास रस नारदीय ,
कफकेतु रस ,
कनकासव आदि भी ले सकते है । 

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सदैव आपका अपना 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
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Thursday, November 23, 2023

cancer

*कैंसर का इलाज :- भाग :4

* आजकल की व्यस्त जीवन शैली में मनुष्य पे समय का अभाव है ,अनियमित खान -पान के चलते रोगों से लड़़ने की प्रतिरोधक क्षमता दिनों -दिन घट रही है , मगर हम यदि जरा भी अपने अनमोल शरीर के लिए ध्यान दें और नियमित जीवनचर्या से सिर्फ पंन्द्रह मिनट का समय निकाल कर इस प्रयोग को कर लें तो आपको कई बीमारियों से निजात मिल जायेगी और जो स्वस्थ लोग है उनको भी डॉक्टर का मुंह नहीं देखना पड़े़गा ,क्योकि 

★जीवन का सुख निरोगी काया में है . सुखी व्यक्ति जिसका पुत्र आज्ञाकारी है जिसकी पत्नी सदाचारी है |★

* तो अगर आप अपने जीवन को निरोग बनाना चाहते है तो हमारी पोस्ट को ध्यान पूर्वक पढ़े और शरीर आपका है तो आज से ही नीचे लिखे प्रयोग को काम में लाये :-

कैंसर में गेहूँ के ज्वारे का उपयोग :-
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* गेहूँ के दाने बोने पर जो एक ही पत्ता उगकर ऊपर आता है उसे ज्वारा कहा जाता है।

ये गेहूँ के ज्वारे का रस, प्रकृति के गर्भ में छिपी औषधियों के अक्षय भंडार में से मानव को प्राप्त एक अनुपम भेंट है। शरीर के आरोग्यार्थ यह रस इतना अधिक उपयोगी सिद्ध हुआ है कि विदेशी जीववैज्ञानिकों ने इसे 'हरा लहू' (Green Blood) कहकर सम्मानित किया है। डॉ. एन. विगमोर नामक एक विदेशी महिला ने गेहूँ के कोमल ज्वारों के रस से अनेक असाध्य रोगों को मिटाने के सफल प्रयोग किये हैं।

 उपरोक्त ज्वारों के रस द्वारा उपचार से दर्जनों से अधिक रोग मिटाने के आश्चर्यजनक परिणाम देखने में आये हैं।

 ★जीव-वनस्पति शास्त्र ★में यह प्रयोग बहुत मूल्यवान है।

* गेहूँ के ज्वारों के रस में रोगों के उन्मूलन की एक विचित्र शक्ति विद्यमान है। शरीर के लिए यह एक शक्तिशाली टॉनिक है। इसमें प्राकृतिक रूप से कार्बोहाईड्रेट आदि सभी विटामिन, क्षार एवं श्रेष्ठ प्रोटीन उपस्थित हैं। इसके सेवन से असंख्य लोगों को विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिली है।

उदाहरणार्थः-
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"मूत्राशय की पथरी, हृदयरोग, डायबिटीज, पायरिया एवं दाँत के अन्य रोग, पीलिया, लकवा, दमा, पेट दुखना, पाचन क्रिया की दुर्बलता, अपच, गैस, विटामिन ए, बी आदि के अभावोत्पन्न रोग, जोड़ों में सूजन, गठिया, संधिशोथ, त्वचासंवेदनशीलता (स्किन एलर्जी) सम्बन्धी बारह वर्ष पुराने रोग, आँखों का दौर्बल्य, केशों का श्वेत होकर झड़ जाना, चोट लगे घाव तथा जली त्वचा सम्बन्धी सभी रोग।"

* हजारों रोगियों एवं निरोगियों ने भी अपनी दैनिक खुराकों में बिना किसी प्रकार के हेर-फेर किये गेहूँ के ज्वारों के रस से बहुत थोड़े समय में चमत्कारिक लाभ प्राप्त किये हैं। ये अपना अनुभव बताते हैं कि ज्वारों के रस से आँख, दाँत और केशों को बहुत लाभ पहुँचता है। कब्जी मिट जाती है, अत्यधिक कार्यशक्ति आती है और थकान नहीं होती।

गेहूँ के ज्वारे उगाने की विधि:-
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* आप मिट्टी के नये खप्पर, कुंडे या सकोरे लें। उनमें खाद मिली मिट्टी लें। रासायनिक खाद का उपयोग बिलकुल न करें। पहले दिन एक कुंडे की सारी मिट्टी ढँक जाये इतने गेहूँ बोयें। पानी डालकर कुंडों को छाया में रखें। सूर्य की धूप कुंडों को अधिक या सीधी न लग पाये इसका ध्यान रखें।

* इसी प्रकार दूसरे दिन दूसरा कुंडा या मिट्टी का खप्पर बोयें और प्रतिदिन एक बढ़ाते हुए नौवें दिन नौवां कुंडा बोयें। सभी कुंडों को प्रतिदिन पानी दें। नौवें दिन पहले कुंडे में उगे गेहूँ काटकर उपयोग में लें। खाली हो चुके कुंडे में फिर से गेहूँ उगा दें। इसी प्रकार दूसरे दिन दूसरा, तीसरे दिन तीसरा करते चक्र चलाते जायें। इस प्रक्रिया में भूलकर भी प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग कदापि न करें।

* प्रत्येक कुटुम्ब अपने लिए सदैव के उपयोगार्थ 10, 20, 30 अथवा इससे भी अधिक कुंडे रख सकता है। प्रतिदिन व्यक्ति के उपयोग अनुसार एक, दो या अधिक कुंडे में गेहूँ बोते रहें।

 मध्याह्न के सूर्य की सख्त धूप न लगे परन्तु प्रातः अथवा सायंकाल का मंद ताप लगे ऐसे स्थान में कुंडों को रखें।

* सामान्यतया आठ-दस दिन नें गेहूँ के ज्वारे पाँच से सात इंच तक ऊँचे हो जायेंगे। ऐसे ज्वारों में अधिक से अधिक गुण होते हैं। ज्यो-ज्यों ज्वारे सात इंच से अधिक बड़े होते जायेंगे त्यों-त्यों उनके गुण कम होते जायेंगे। अतः उनका पूरा-पूरा लाभ लेने के लिए सात इंच तक बड़े होते ही उनका उपयोग कर लेना चाहिए।

* ज्वारों की मिट्टी के धरातल से कैंची द्वारा काट लें अथवा उन्हें समूल खींचकर उपयोग में ले सकते हैं। खाली हो चुके कुंडे में फिर से गेहूँ बो दीजिये। इस प्रकार प्रत्येक दिन गेहूँ बोना चालू रखें।

ज्वारों का रस बनाने की विधि:-
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* जब समय अनुकूल हो तभी ज्वारे काटें। काटते ही तुरन्त धो डालें। धोते ही उन्हें कूटें। कूटते ही उन्हें कपड़े से छान लें। इसी प्रकार उसी ज्वारे को तीन बार कूट-कूट कर रस निकालने से अधिकाधिक रस प्राप्त होगा। चटनी बनाने अथवा रस निकालने की मशीनों आदि से भी रस निकाला जा सकता है। रस को निकालने के बाद विलम्ब किये बिना तुरन्त ही उसे धीरे-धीरें पियें। किसी सशक्त अनिवार्य कारण के अतिररिक्त एक क्षण भी उसको पड़ा न रहने दें, कारण कि उसका गुण प्रतिक्षण घटने लगता है और तीन घंटे में तो उसमें से पोषक तत्व ही नष्ट हो जाता है। प्रातःकाल खाली पेट यह रस पीने से अधिक लाभ होता है।

* दिन में किसी भी समय ज्वारों का रस पिया जा सकता है। परन्तु रस लेने के आधा घंटा पहले और लेने के आधे घंटे बाद तक कुछ भी खाना-पीना न चाहिए। आरंभ में कइयों को यह रस पीने के बाद उबकाई आती है, उलटी हो जाती है अथवा सर्दी हो जाती है। परंतु इससे घबराना न चाहिए। शरीर में कितने ही विष एकत्रित हो चुके हैं यह प्रतिक्रिया इसकी निशानी है। सर्दी, दस्त अथवा उलटी होने से शरीर में एकत्रित हुए वे विष निकल जायेंगे।

* ज्वारों का रस निकालते समय मधु, अदरक, नागरबेल के पान (खाने के पान) भी डाले जा सकते हैं। इससे स्वाद और गुण का वर्धन होगा और उबकाई नहीं आयेगी। विशेषतया यह बात ध्यान में रख लें कि ज्वारों के रस में नमक अथवा नींबू का रस तो कदापि न डालें।
रस निकालने की सुविधा न हो तो ज्वारे चबाकर भी खाये जा सकते हैं। इससे दाँत मसूढ़े मजबूत होंगे। मुख से यदि दुर्गन्ध आती हो तो दिन में तीन बार थोड़े-थोड़े ज्वारे चबाने से दूर हो जाती है। दिन में दो या तीन बार ज्वारों का रस लीजिये।

रामबाण इलाज:-
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* जीवन और मरण के बीच जूझते रोगियों को प्रतिदिन चार बड़े गिलास भरकर ज्वारों का रस दिया जाता है। जीवन की आशा ही जिन रोगियों ने छोड़ दी उन रोगियों को भी तीन दिन या उससे भी कम समय में चमत्कारिक लाभ होता देखा गया है। ज्वारे के रस से रोगी को जब इतना लाभ होता है, तब नीरोग व्यक्ति ले तो कितना अधिक लाभ होगा?

सस्ता और सर्वोत्तम ज्वारों का रस:-
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* ज्वारों का रस दूध, दही और मांस से अनेक गुना अधिक गुणकारी है। दूध और मांस में भी जो नहीं है उससे अधिक इस ज्वारे के रस में है। इसके बावजूद दूध, दही और मांस से बहुत सस्ता है। घर में उगाने पर सदैव सुलभ है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी इस रस का उपयोग करके अपना खोया स्वास्थ्य फिर से प्राप्त कर सकता है। गरीबों के लिए यह ईश्वरीय आशीर्वाद है। नवजात शिशु से लेकर घर के छोटे-बड़े, बाल वृद्ध सभी ज्वारे के रस का सेवन कर सकते हैं। नवजात शिशु को प्रतिदिन पाँच बूँद दी जा सकती है।

* ज्वारे के रस में लगभग समस्त क्षार और विटामिन उपलब्ध हैं। इसी कारण से शरीर मे जो कुछ भी अभाव हो उसकी पूर्ति ज्वारे के रस द्वारा आश्चर्यजनक रूप से हो जाती है। इसके द्वारा प्रत्येक ऋतु में नियमित रूप से प्राणवायु, खनिज, विटामिन, क्षार और शरीरविज्ञान में बताये गये कोषों को जीवित रखने से लिए आवश्यक सभी तत्त्व प्राप्त किये जा सकते हैं।

* डॉक्टर की सहायता के बिना गेहूँ के ज्वारों का प्रयोग आरंभ करो और खोखले हो चुके शरीर को मात्र तीन सप्ताह में ही ताजा, स्फूर्तिशील एवं तरावटदार बना दो।

* ज्वारों के रस के सेवन के प्रयोग किये गये हैं। कैंसर जैसे असाध्य रोग मिटे हैं। शरीर ताम्रवर्णी और पुष्ट होते पाये गये हैं।

आयुर्वेद स्टोर से आप इसकी एक्सट्रैकट भी ले सकते है , किसी भी तरह के झंझट की जरूरत नही , जो कि गोली/कैप्शूल/पाउडर के रूप में मिलती है । खाने में भी आसानी , मात्रा भी कम लेनी पड़ती है |

कैंसर की पोस्ट आगे जारी रहेंगी .......
 
पिछले भाग पढ़ने के लिए youtube channel, fb पेज,  fb ग्रुप या fb timeline,पर scroll करें 

~सदैव आपका अपना~
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#cancer #fbpost #ayurveda #AmanAyurved #VaidAmanCheema

Saturday, November 18, 2023

Jiwan Josh mahayog

|| “जीवन जौश महायोग” कोर्स ||
|| ताकत , जौश , जवानी दुबारा लोटाए || 

•शारीरिक और मानसिक नामर्दी के शिकार पुरुषों को मेरा नायाब तोहफा ।•

 “जीवन जौश महायोग” का नुस्खा :-
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••
तालमखाना 5Gm.
लाजवंती 5gm.
मूसली सफेद 20gm.
मूसली काली 20gm.
मूसली सकाकुल 20gm.
सेमल मूसली 20gm.
रूमी मस्तगी 10gm.
रस सिंदूर 5gm.
सालम पंजा 10gm.
सतावर 15gm.
बहमन सुर्ख 2.5 gm.
बहमन सफेद 2.5 gm.
दालचीनी 2.5 gm.
लौंग 2.5 gm.
जायफल 2.5gm.
ब्राह्मी 2.5gm.
मालकंगनी 5gm.
जावित्री 2.5gm.
आँवला 2.5gm.
हरड़ 2.5gm.
बहेड़ा 2.5gm.
सौंठ 2.5gm.
मिर्च 2.5gm.
पीपल 2.5gm.
काले कोंच की गिरी 20gm.
तुलसी बीज 10gm.
अशवगंधा 10gm.
गूलर फल 20gm.
विधारी कंद 20gm.
त्रिबंग भस्म 10gm.
सिद्ध मकरध्वज 10gm.
रजत भस्म 5gm.
मुक्ता भस्म 5gm.
स्वर्ण भस्म 3gm.
वज्र भस्म 1.5gm.
बंग भस्म 10gm.
प्रवाल पिष्टी चंद्रपुट्टी 10gm.
असली शुद्ध शिलाजीत 10gm.
असली केशर 3gm.

• “जीवन जौश महायोग” बनाने की विधि•
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
बनाने का तरीका चाहे मुशकिल है , लेकिन जितनी मेहनत करेंगें उतना ही ज्यादा रिजल्ट मिलता है । मैं इस प्रकार बनाता हुँ । इस नुस्खें को इस प्रकार बनाने से रिज्लट बहुत ही अच्छे मिलते है । “जीवन जौश महायोग” नुस्खा बनाने में जरा सी असावधानी से इतनी महंगी दवा खराब भी हो सकती है , अत: वही मित्र बनाए जो आयुर्वेद का थोड़ा बहुत ज्ञान रखते हो ,जिसने पहले भी दवा बनाई हो , अनुभवी हो ।

१.सब दवायों को घोटकर,पीसकर, मिलाकर अशवगंधा की जड़ के ताजा रस में  घोटकर सुखा लें । कोई भी रस सिर्फ इतना ही डालें कि जिससे दवा सिर्फ गीली ही हो , उसे सुखा लें । 
२.फिर अगले दिन मालकंगनी में घोटकर सुखाएं ।

३.फिर जटामांसी के काढ़े में  घोटकर सुखा लें।

४. उसके बाद विदारी कंद के रस में घोटकर सुखा लें । 

५.फिर अगले दिन सतावर के रस में घोटकर , जब गोली बनाने योगय हो जाए तो चने समान गोली बना लें । या सुखाकर कैपसूल बना लें , या पाउडर बना कर रख लें । 
यह महंगी दवा है । इसे संभालकर रख लें । 

इसकी कीमत का अंदाजा पाठक खुद इसमें पढ़ने वाली दवाएं देखकर लगा सकते है । यह नुस्खा मैंने किसी ग्रंथ से नही लिया , मेरा अपना अनुभूत नुस्खा है ।आप हमसे  पोस्ट/कोरियर द्वारा देश/विदेश में मंगवा सकते है । 

 जरूरी नोट:-
••••••••••••••••
 सबसे पहले न घिसने वाले खरल में “रूमी मस्तगी” घोटकर अलग निकाल कर रख लें ।
फिर मकरध्वज लेकर उसकी अच्छे से रगड़कर रख लें ।फिर बाकी भस्में मिलाकर 3 दिन अच्छी तरह घुटाई करें । फिर जो काले कोच के बीज है उन्हे रात को दूध में भिगोकर सुबह छिलका उतारकर धूप में सुखा दें । कूट छानकर कपड़छान कर लें ।सभी जड़ी बूटी ताजी ही लें । दूषित जड़ी - बूटी बेकार है । कोई फायदा नही करती । बस ताजी ही डालें । 
जितनी भी जड़ी - बूटी है सब कपड़छान होनी चाहिए ।

 खाने की विधि :-  शहद, मलाई या दूध से 
सुबह- शाम 

“जीवन जौश महायोग” के लाभ:-
•••••••••••••••••••••••••••••••••••
 इस दवा के बारे में तो बस इतना कहना चाहूंगा कि यह नामर्द को मर्द बनाने वाली सबसे बढ़िया दवा है । हिजड़े को मर्द बना देती है । इसका सेवन करने से हिजड़ा भी कई-२ औरतों से संभोग करने के काबिल बना देता है । मैं हर साल इसका एक माह सेवन कर लेता  हुँ , कभी किसी तरह की सैकस कमजोरी महसूस नही हुई । इसका सेवन कर्ता बार- बार संभोग करने पर भी थकता नही है ।इसका लगातार सेवन करने वाला पूरी रात संभोग रचा सकता है । हर संभोग में आनंद प्राप्त करता है । हर एक छोह अनंदित करने वाली होती है । इस दवा का सेवनकर्ता जिस स्त्री से संभोग कर लेता है वो सारी उम्र उसकी दासी बन कर रह जाती है मैं कई वर्षो से इस योग का सेवन करवाकर कई लोगों के घर टूटने से बचा चुका हुँ ।
यह दवा संभोग शक्ति, ताकत ,जोश ,जवानी दोबारा लोटा देती  है । इसमें जो चीजें डाली गई है ,वह हर चीज गुणकारी है । एक-एक दवा मर्दमी कमजोरी पर भारी पढ़ती है। लेकिन इसमें  30+दवाओं का मिश्रण किया गया है । जोकि बेमिसाल है। इस दवा का सेवनकर्ता जब अपनी हमसफर से बिस्तर सांझा करता है , तो उसके अंदर आई बिजली जैसी ताकत देखकर हैरान रह जाती है ।  अत: कहना चाहुंगा कि संभोग के शोकीन जोड़ो को इसका सेवन जरूर करना चाहिए । जो औरतों को लगता है ,उनके पति संभोग में कमजोर है ,इसका सेवन जरूर करवाएं । इसका असर देख लगाए पैसे भूल जाते है । संभोग में औरत की तौबा करवाने वाले पुरूषों को इससे अच्छा योग कोई नही । 
यह मैंने अपना गुप्त योग आपसे शेयर किया ।  18साल से किसी भी उम्र तक का व्यक्ति  मेरे द्वारा निर्मित इस “जीवन जौश महायोग” का  सेवन कर सकता है । कृप्या पोस्ट को कापी न करें । शेयर कर सकते है । मंगवाने के लिए आप “जीवन जौश महायोग कोर्स” के नाम से मांगे ।कीमत 16000/-प्रति माह ।यह तीन माह की दवा है।  जिन्हे यह महंगा लगता है वो कृप्या मार्किट में जाकर या Google पर या आयुर्वेद दवा विक्रेता से Branded फार्मेसी की दवाएं का रेट पता कर लें । 

पुरुषों के लिए हमारे अमन आयुर्वेद ( दवाखाना ) में तैयार होने वाले सबसे ज्यादा बिकने वाले योग 
1. तूफानी ताकत महायोग
2.जीवन जोश महायोग
3.किंग कोबरा योग 
4.हनीमून कोर्स स्पेशल
5.हलचल महायोग
6.महास्तंबन योग 
7.महाबाजीकरण योग 
8.बादशाही महायोग 
9.महाराजा कोर्स 
10.महाआनंद गोली योग 
11.मकर स्वर्ण गोलियां

आदि बहुमूल्य योगों का सेवन करके हिजड़े भी मर्द बन सकते हैं। उपरोक्त सभी योगों को बहुत बार पोस्ट किया है। सभी योगों के मूल्य, घटक,बनाने की विधियां बिल्कुल अलग है। कार्य क्षमता भी अलग अलग है। आपको कोनसा योग लेना चाहिए । इसके लिए मेरे से पहले परामर्श लें। जीभ ,हाथ के नाखुन की फ़ोटो,उम्र, रोग का इतिहास , test reports अगर कोई करवाई है तो WhatsApp पर भेजें। 

|| सदैव आपका अपना ||
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Wednesday, November 15, 2023

incomplete libido अपूर्ण कामेच्छा

ब्राह्मचारी और संन्यासी मित्रों के लिए सप्रेम मेरी तरफ से एक बेहतरीन तोहफा

{ अपूर्ण कामेच्छा } गंभीर समस्या

|| रोग परिचय :: कारण ||
************************
 पुरूष लिंग के चर्म की संज्ञावाही नाड़ियों और स्नायु तन्तुओं में एक असाधारण संज्ञा उत्पन्न हो जाती है । जिसके कारण लिंग में बहुत ज्यादा रक्त संचार होने लगता है । परिणाम यह होता है कि लिंग में बार-बार उत्तेजना होती है , मैथुन की इच्छा मन को टिकने नही देती , कई रोगियों में संज्ञा इतनी बढ़ जाती है कि कपड़े की रगड़ से , किसी अनजान स्त्री से लग जाने से ,हाथ से छू जाने से भी  मैथुन आनंद प्राप्त कर लेते है । 
रोगी इस स्थिति को काम - शक्ति और मर्दाना ताकत समझकर अपने आप को अंधेरे में धकेलता है । जो कि बिल्कुल वहम से ज्यादा कुछ नही ।  रोगी हर समय गंदे विचार ,ब्लू फिलमें , नंगे चित्र,हस्तमैथुन , काम वासना , सुंदर स्त्रियों के रंग रूप, अशलील साहित्य, बुरी संगत , गुदा मैथुन, वेश्यागमन , मैथुन की अति करना इस रोग के कारण है । 

||लक्षण||
********
   वीर्य पतला और कमजोर हो जाता है । स्त्री के पास जाते ही शीघ्र स्खलन या मैथुन से पूर्व ही होने लगता है । ज्यादा स्वपनदोष, वीर्य प्रमेह होने से, शरीर कमजोर ,चेहरा पीला ,पिचकु सा , अालस्य, उत्साहहीणता,संदेह ,सिरदर्द, दिल और दिमाग कमजोर हो जाता है । हाथ - पैरों के तलुवों में जलन होती है । जठराग्नि कमजोर हो जाती है , मूत्र में जलन पैदा हो जाती है । 

|| इलाज ||
**********
जो दवा लेने की मैं सलाह देना चाहुंगा , बता रहा हुँ । 

||नुस्खा ||
काहु बीज , 
निर्गुण्डी बीज,
खुरफा बीज,
भांग बीज,
बीज लाजवंती,
फूल आनार,
फूल नीलोफर,
फूल गुलाब,
प्रवाल पिष्टी, 
मोती पिष्टी , 
अकीक पिष्टी , 
रजत भस्म,
शीतलचीनी 
प्रत्येक 3-3तोला 

||बनाने की विधि||
सब दवा आपको आसानी से पंसारी से मिल जाएगी। 
सबको लेकर साफ करके थोड़ी सी धूप लगाकर कूट कर बारीक करलें । फिर बराबर मात्रा देशी खांड मिलाकर शीशी में सुरक्षित रख लें । 

||खाने की विधि||
सुबह-शाम 5-5ग्राम दवा मटके में रखें पानी से लें। 

||लाभ ||
इसका सेवन करने से रोगी के शरीर से बढ़ी हुई काम- वासना  कम हो जाती है और मैथुन की इच्छा में कमी आ जाती है । रोगी सामाण्य हो जाता है । साधु - सन्यासी , ब्राह्मचारी मित्रों के लिए भी यह नुस्खा बेहतरीन है। 

नोट:- पहले नुस्खे में हम प्रवाल , मोती , अकीक ,रजत भस्म शीतलचीनी नहीं डालते थे, यह मिश्रण से महंगा तो बनता है, रिजल्ट बहुत ज्यादा आते हैं। जो सस्ता चाहते हैं , कम रिजल्ट में खुश हैं तो वह अकीक पिष्टी, मुक्ता पिष्टी, रजत भस्म,प्रवाल पिष्टी न डालें। 

||आपका अपना ||
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा, नाड़ी वैद्य,
अमन आयुर्वेद, पंजाब 
Call & WhatsApp 99151-36138
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••

#AmanAyurved #VaidAmanCheema #ayurved

Sunday, November 12, 2023

Brain memory

•आंखों की रोशनी, दिमागी कमजोरी, पुराना नजला 
के लिए बेहतरीन नुस्खा 

बादाम गिरी -50 ग्राम
खसखस -50ग्राम
कद्दू बीज -50 ग्राम, 
छोटी इलाइची -50ग्राम 
नागकेसर -50ग्राम
सफेद मिर्च -25 ग्राम
प्रवाल पिष्टी -25 ग्राम
मोती पिष्टी -5 ग्राम 
मिश्री-100 ग्राम 

अच्छी गुणवत्ता वाली जड़ी बूटियां लेकर साफ करके पीसकर रख लें। प्रवाल पिष्टी, मोती पिष्टी अच्छी कंपनी का लेना है। बाकी सारा समान पंसारी से लेना है। 

अगर हमसे बना बनाया मंगवाना चाहे तो मंगवा सकते है। 
दो महीने में आपकी आंखों की रोशनी तेज हो जाएगी। 
नजला जुकाम, दिमागी कमजोरी के लिए सर्दियों में जरुर इस्तेमाल करें। 

हमारे YouTube channel पर भी जुड़ जाएं। 
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Beauty Package

क्या आप अपने चेहरे पर जवानी जैसी चमक दुबारा देखना चाहते हैं? 

फेस के लिए:- 

हल्दी 20 ग्राम
स्फेद चंदन बूरा 10 ग्राम
मसूर दाल पाउडर 10 ग्राम
जैफल 5 ग्राम
कपूर 2 ग्राम 
सबका बारीक पाउडर लेकर शीशी में भर लें।

लगाने की तरकीब - अगर चेहरा चिकनाई वाला है तो गुलाब जल में , खुशक है तो दूध की मलाई मिलाकर पेस्ट बनाकर रात को चेहरे पर लगा लें, सवेरे ऊठ कर गुनगुने पानी से मुँह धो लें।

खाने के लिए भोजन के बाद 
अरोग्यावर्धनी वटी 2 गोली
किशोर गुग्गल 2 गोली
सुबह - शाम पानी से लें। 

भोजन के बाद 
खदिरारिष्ट + महामजिष्ठारिष्ट एक ही बोतल में  मिलाकर रख लें ।  4-4 चम्मच बराबर पानी में  मिलाकर दो बार लें । 

★ज्यादा लाभ के लिए मेरे द्वारा निर्मित “नारी यौवन योग” का इस्तेमाल करें 
60 दिन इस्तेमाल से सुंदरता में चार चांद लगेगें । चेहरे पर नूर झलकेगा , रंग सुर्ख होगा , साफ होगा , पार्लर का खर्च बचेगा ।
नारी यौवन योग पैक में 
1.फेस उबटन केसर , चंदन वाला 
2. गुलाब केसर मोती युक्त क्रीम 
3.लोशन क्रीम गुलाब वाली 
4. फेस ग्लो टेबलेट 
शामिल रहती है। 

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 मंगवाने के लिए whatsapp 9915136138 कीजिए। दो महीने का खर्च सिर्फ 11000₹  है। अगर एक-एक महीने का लेते है तो 6000₹  का पड़ेगा। डिलिवरी फ्री। 

सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
VAID AMAN CHEEMA 
 WhatsApp & Call  +91-99151-36138

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Sunday, November 5, 2023

Stomach Problem

“उदर धारा स्पैशल“ 
हर घर की है जरूरत 

हर घर में यह औषधि रखी होनी चाहिए ।‌

अपने पाठकों के लिए बेहतरीन तोहफा दे रहा हुं। इसे स्वीकार करें।‌

यह जो नुस्खा दे रहा हूं, पेट दर्द , वायु गोला , यकृत , प्लीहा रोग में बहुत लाभकारी है।‌ पेट का किसी भी तरह का शूल में लाभकारी है। उल्टी , हैजा , गैस , बदहजमी, भूख की कमी , पाचन कमजोर आदि में लाभकारी है। 

नुस्खा:-
 शंखद्राव 25ml ( Baidnath)
अजवायन अर्क 75 ml ( Hamdard)
मकोय अर्क 75 ml ( Hamdard ) 
अनार शर्बत 50ml ( Hamdard ) 
अमृतधारा 3ml ( Amritdhara pharmacy ) 

लिखा हुआ समान एक कांच की शीशी में भरकर रख लें। आपकी दवा तैयार है। यह अपनी जरूरत अनुसार कम/ज्यादा बना सकते हैं। 

बढ़ो के लिए मात्रा - 20-50 बूंद आधा कप गर्म जल में डालकर दिन में दो बार लें। 
बच्चों के लिए मात्रा- 5-20 बूंद तक ।

नोट:- यह योग पित्ताशय अशमरी दर्द /Gallstones Pain , गुर्दापत्थरी का दर्द/Kidney Stone Pain 
में तुरंत फायदा करता है। गर्म पानी में मिलाकर दें। 

आशा है आप इस नुस्खे से लाभ उठाएंगे। 

        *सदैव आपका अपना*
*वैद्य अमनदीप सिंह चीमा, 
अमन आयुर्वेद,पंजाब*
         Call & WHATSAPP - 9915136138*

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Saturday, November 4, 2023

Kidney Stones

★वृक्काशमरी ( गुर्दा पत्थरी/अशमरी ) kidney Stone★

*दर्द गुर्दा और उदरशूल 
एरण्ड की जड़ का काढ़ा सोठ डालकर पीने से लाभ होगा । इसमें हींग और नमक मिलाकर पीने से पत्थरी में फायदा होता है ।* 

*प्याज का रस 50ml में चीनी डालकर पीएं , पथरी गलकर निकल जाएगी।*

*मूली के बीज 3तोला यानि 36ग्राम ½लीटर पानी में आधा रहने तक धीमी आँच पर उबालें , ठंडा होने पर छानकर पी लें । मूली का रस और पत्ते भी खाएं जा सकते है । पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाएगी ,बिना दर्द ।*

*दोनों कटेलियो को पीसकर उनका रस मीठे दही के साथ लेने से अशमरी निकल जाती है । मूत्र साफ आने लगता है ।*

*रात को भिगोये चने ,सुबह शहद डालकर खाने से लाभ होता है । गेहूं के ज्वारों का रस बहुत ही कारगर है ।*

*पत्थरचट्टा का जूस या 4-5पत्ते चबाकर ऊपर से सुबह खाली पेट पानी पीने से पथरी गलकर निकल जाती है , पित्त की पथरी और गर्भाशय की गांठ में भी यही प्रयोग कर सकते है ।* 

*मेंहदी  के सूखे पत्ते आधा तोला यानि छे ग्राम ,आधा लीटर पानी में आधा रहने तक धीमी आँच पर उबालें, गुनगुना ही पीएं , एक हफ्ते में पथरी बिना दर्द निकलेगी , गुर्दों की सफाई करने के लिए भी यही प्रयोग करें ।* 

*चिड़चिड़ा की क्षार को भेड़ के मूत्र से दें । ईख यानि गन्ना का रस या सिरका या चबाकर खाने से भी पत्थरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाएगी।*

*कुलथी मूल का रस 30 ग्राम लेने से लाभ होता है ।
कफज पथरी में 10 ग्राम कुलथी का काढ़ा देने से पथरी टुकड़े- टुकड़े होकर निकल जाती है । 
पत्थरी काटकर निकालने के लिए 2-3 माशा और उतने ही शलजम के बीज 30 तोला पानी में पकायें । 10 तोला पानी शेष रहने पर दो खुराक बनाकर प्रात:सायं पिलायें । प्रयोग परीक्षित है । 250ग्राम कुलथी 3लीटर पानी में रात को भिगोये, सुबह इसे उबालें , जब पानी एक लीटर बचे, स्वाद के लिए आप सेंधा नमक,जीरा, काली मिर्च,धनिया, देशी घी में छोंक कर खा लें । रोज ही लें ,इसका कोई नुक्शान नही , यह बहुत ही कारगर नुस्खा है , मेरी नजर में इस से सस्ता , सफलता दायक , नुस्खा और कोई नही । दाल की दाल ,दवाई की दवाई । है न कमाल की बात ।* 

*गोखरू चूरण ३ माशा शहद के साथ प्रात : साय खिलाने एवं ऊपर से भेड़ का दूध पिलाने से ७ दिन में पत्थरी टूटकर निकल जाती है ।*

*पीपल वृक्ष की छाल 1तोला यानि 12ग्राम लेकर दो गिलास पानी में उबालें, जब आधा गिलास रह जाए तो छानकर प्रात: काल नाशते के बाद 1½घंटे बाद पीएं । पथरी के लिए अचूक है ।* 

*वरूण- मूल की छाल का काढ़ा कल्क समेत देने से पत्थरी निकल जाती है ।* 

*नीम के पत्तों की राख रोज दिन में तीन बार ठंडे पानी से लेने से गुर्दो और मूत्राशय की पत्थरी निकल जाएगी । पत्तों की राख बनाने के लिए ,पहले साफ पत्ते छाया में रखकर सुखा ले, फिर मिट्टी के बर्तन में रख कर जलाकर ढक देवें । ठंडा होने के बाद निकाल लें , यही नीम के पत्तों की राख है ।*

*अखरोट की साबुत गिरी , छिलके और गिरी समेत कूटकर बारीक कर रख लें , ठण्डे जल से लेने से पत्थरी गलकर निकल जाती है ।* 

*मकोय के पत्ते खाली पेट 5-7चबाकर 4घूंट पानी पी लें , 2घंटे कुछ न लें , इससे पत्थरी गल कर निकलती है ।* 

*कलमी शोरा + यवक्षार 4-4तोला लेकर बारीक कर लें , सुबह-शाम 2-2ग्राम लें , पत्थरी निकल जाएगी।* 

सिर्फ कोई एक नुस्खा ही इस्तेमाल करें। कुशल आयुर्वेदिक चिकित्सक का परामर्श जरूरी है। 

आपका शेयर किसी के काम आ सकता है । ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।रब्ब राखा, चलता हुँ ......

*सदैव आपका अपना*
*वैद्य अमनदीप सिंह चीमा,
अमन आयुर्वेद 144205, पंजाब*
*Call & WhatsApp 9915136138*

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Friday, November 3, 2023

Infertility

••••• गर्भधारण करने के लिए नुस्खें •••••
      Treatment for Pregnancy 

 संतान की चाहत रखने वाले यह पोस्ट जरूर पढें ।

•अशवगंधा का चूर्ण 5-5ग्राम मासिक धर्म स्नान के बाद गाय के दूध से प्रतिदिन सेवन करने से , अवशय गर्भ ठहरता है । 

•खरैटी (बला) मूल , कंघी मूल का चूर्ण , मुलहठी, मिश्री 1-1ग्राम शहद और घी विषम मात्रा में मिलाकर चाटें , आशा पूर्ण होगी । 

•सफेद आक की जड़ का चूर्ण 1-1 ग्राम 1गिलास दूध से लेने से , बंद नलिया खुल जाती है , अत: गर्भधारण में मदद मिलती है । 

•बरगद के फल + पीपल के फल 100-100ग्राम , मिश्री 200ग्राम मिलाकर रख लें , 1-1चम्मच सुबह दूध से लेने से बहुत लाभ होता है । 

•नीलकमल और धातकी के फूल 50-50ग्राम लेकर चूर्ण बना लें ,  3ग्राम चूर्ण मासिक धर्म चालू होने के दिन से 5दिन तक शहद से सुबह-शाम चाटें , अवशय लाभ होगा । बार-बार दोहरा सकते है । 

•गोखरू बीज आधा-आधा तोला यानि 6-6ग्राम पानी से लेने से लाभ होता है । 

•इन्द्रायण मूल + बेलपत्रों का चूर्ण 2-2ग्राम लेने से गर्भधारण में सहायता मिलती है । 

•त्रिकुटा 30ग्राम + नागकेशर 10ग्राम का बनाया चूर्ण 2-2ग्राम घी से चाटकर ऊपर से दूध पीने से गर्भधारण में सहायता मिलती है। 

•मैनफल के सुखे बीज दो-तीन चुटकी की मात्रा में रूई के साथ बत्ती बनाकर रात को योनि मार्ग में प्रवेश करवाकर सुबह निकाल दें , इससे बच्चेदानी के विकार दूर होकर , आशा पूर्ण होगी। 

•शिवलिंगी बीज आधा-आधा चम्मच सुबह खाली पेट लेने से गर्भधारण की शक्ति बढ़ती है । 

•पुत्रजीवक बीज चूर्ण + शिवलिंगी बीज चूर्ण , पीपल फल चूर्ण + बरगद की जटा का समभाग बना चूर्ण सेवन करने से गर्भधारण करने की ताकत आती है । 

•सतावरी चूर्ण दूध के साथ लेने से मन की इच्छा पूरी होगी । 
आशा है जरूरतमंद जरूर लाभ उठाएंगे । 

बेऔलाद जोड़े अपनी Test Reports WhatsApp पर भेजकर , सही इलाज लेकर , अपनी सूनी गोंद ,खुशीयों से भर सकते है । बच्चेदानी में गांठ, बच्चेदानी बाहर आ जाना , स्फेद पानी , रक्तप्रदर, माहवारी समस्या , Egg न बनना, टयूब बंद होना , PCOD , Low sperm/Nil sperm ( Azoospermia, oligospermia ) , नामर्दी , शीघ्रपतन का इलाज के लिए आप मुझे दिए गए नंबर पर वटसऐप कर सकते है ।  आयुर्वेद दवायों द्वारा सफल इलाज । 
चलता हुँ .... रब्ब राखा । 

 लेखक
“सदैव आपका अपना ”
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा,
अमन आयुर्वेद 144205 पंजाब
Call & WhatsApp 099151 36138 

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Thursday, November 2, 2023

Blood Cancer

★कैंसर -भाग 2★

•ब्लड कैंसर नाशक रसायन

घटक:- 
सिद्ध मकरध्वज 
स्वर्णमाक्षिक भस्म,
स्वर्ण भस्म , 
शुद्ध शिलाजीत , 
लोह भस्म , अभ्रक भस्म 100-100 पुट्टी
प्रत्येक 10-10 ग्राम 
लेकर सबको एकत्र मिला कर 

शतावरी , गिलोय, कुमारी और विदारीकन्द के स्वरस या क्वाथ में 
1-1 बार दृढ़ मर्दन करें, 

गोली बनाने योग्य होने पर 125 mg. की गोली बना कर सुखाकर रख लें । या सिर्फ पाउडर ही रखें। हम पाउडर ही रखते हैं, पुड़िया बनाकर देते हैं। 

~मात्रा और अनुपान
1-1 गोली दिन में दो बार सुबह - शाम दूध , शहद , मलाई के साथ लें ।

~गुण और उपयोग
 इस रसायन का प्रयोग करने से समस्त प्रकार के मूर्च्छा रोग नष्ट होते है , यह रसायन विशेष प्रभाव दिखाता है ज्ञानवाहिनी नाडियो पर,बहुत ही शीघ्र रक्ताणुयों की वृद्धि करता है  , पाण्डु , कामला , ( आज की भाषा में बल्ड कैंसर कहे जाने वाले रोग में अतिअंत प्रभावी योग) आदि में लाभकारी है , उत्तम बाजीकरण और रसायन है , बल , वीर्य तथा ओज की वृद्धि करता है। चलता हुँ,रब्ब राखा......

सदैव आपका अपना शुभचिंतक 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा नाड़ी वैद्य 

 #AmanAyurved #VaidAmanCheema

Wednesday, November 1, 2023

IBS IRREGULAR BOWL SYNDROME

IBS ~ Irregular Bowl Syndrome
     आयुर्वेद द्वारा सफल इलाज

दोस्तों आज आपसे इस IBS रोग के बारे बात कर रहा हुँ , बहुत लोगों को यह समस्या है । जो कि इस वजह से बहुत प्रेशान है । कहीं भी आ जा नही सकते , नौकरीपेशा लोगों को तो इससे बहुत ही समस्या आती है । लंबा सफर करने के डर से कई लोग सफर ही नही करते । इस रोग से पीडित मेरे एक रोगी जो कि मुंबई रहते है उन्होने अपनी बहुत अच्छी नौकरी छोड़ घर बैठ गए , मेरे एक मरीज जो कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के है , उन्होने कई साल से आज तक बस , ट्रेन आदि किसी भी साधन पर सफर ही नही किया। किसी रिश्तेदार  के नहीं जाते। ऐसे कई मरीज मुझे मिले जिन्होने अपने कई काम IBS की वजह से ही छोड़ दिए ।

 (आईबीएस) बड़ी आंत को प्रभावित करता है यह एक बहुत गंभीर समस्या है। यह पेट में ऐंठन, सूजन, और आंत्र में तकलीफ पैदा करता है । इस विकार के साथ कुछ लोगों को कब्ज है। कुछ लोगों को दस्त हो रहा है।  हालांकि IBS की परेशानी आंतों को नुकसान नहीं करती।

आईबीएस  पुरुषों और महिलाओं दोनों को होता है । सबसे अधिक बार 45 वर्ष से कम आयु के लोगों में पाया जाता है। अगर आपने  IBS के सही कारण जानता है तो  इसके लिए विशेष परीक्षण है। आपका डॉक्टर परीक्षण सुनिश्चित करें कि आपको टैस्ट करवाना चाहिए । इन परीक्षणों में स्टूल के परीक्षण, रक्त परीक्षण, और एक्स रे शामिल हो सकते हैं। Sigmoidoscopy या Colonoscopy  करवा सकते है । 

अगर आपको आपके डाँकटर ने IBS का रोग बताया है तो आप नीचे लिखा हुआ,  मेरे द्वारा , कई रोगियो पर सफल आजमाया हुआ अनुभूत योग प्रयोग में लेवें आपको बहुत ही लाभ होगा । 

«“IBS Cure Yog  आई बी एस क्यूर योग ”»
««««««««««««««-------»»»»»»»»»»»»»»
1.एरण्ड तैल में भुनी हरड़ 24तोला
2.बेल का गूदा 24तोला
3.इसबगोल 24तोला
4.सौंफ 24तोला
5.नरकचूर 24तोला
6.छोटी इलायची बीज 1½तोला
7.काला नमक 2½ तोला
8.सेंधा नमक 2½तोला 
9.चित्रकमूल 2½तोला
10.नागरमोथा 2½तोला
सबको कूटपीसकर चूर्ण बना कर रख लें , खाने के बाद गुनगुने जल से 1-1चम्मच चूर्ण लें ।
साथ में अरोग्यावर्धनी वटी, पुनर्नवादि मंडूर 2-2गोली लें । 
चलता हुँ ..........रब्ब राखा

जय आयुर्वेद जय धन्वंतरि 

*सदैव आपका अपना शुभचिन्तक*
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
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#AmanAyurved #VaidAmanCheema #IBS #irritablebowelsyndrome #ayurveda #ayurvedic

Saturday, October 28, 2023

OCD Brain problems Depression anxiety

OCD मानसिक रोग ? 

कई लोग जब घर से बाहर जाते हैं, तो मन में तरह-तरह की शंकाएं पनपने लगती हैं। मसलन, 'मैंने दरवाजा ठीक से बंद किया या नहीं?', 'लाइट के स्विच बंद किए या नहीं?' आदि। इसी प्रकार बड़ी रकम गिनते समय हम एक से अधिक बार गिनते हैं, ताकि गलत रकम गिनने में न आ जाए। अगर हमने किसी गंदी चीज को छुआ है, तो हम अच्छी तरह साबुन मलकर हाथ धोएंगे... और फिर सामान्य हो जाएंगे।मगर कुछ लोग यूं सामान्य नहीं हो पाते। वे बार-बार इन प्रक्रियाओं से गुजरते हैं और ऐसी शंकाएं उन्हें लंबे समय तक परेशान करती रहती हैं। इस प्रकार बार-बार विचारों या क्रियाओं की पुनरावृत्ति से वे विचलित हो जाते हैं। इस परेशानी, इस बेचैनी के कारण वे अपने रोजमर्रा के कार्यों पर एकाग्र नहीं हो पाते और सामान्य जीवन नहीं जी पाते। इस मनःस्थिति कोऑब्सेसिव कम्पलसिव डिसऑर्डर या ओसीडी कहा जाता है।ललिता एक गृहिणी है। अपने पति व दो बच्चों के परिवार को बखूबी संभालती है, लेकिन पिछले तीन महीनों से वह काफी परेशान है। उसे बार-बार यह विचार आता है कि उसका शरीर व हाथ गंदे हैं, पति व बच्चे भी गंदे हैं, जबकि वह भी जानती है कि यह सच नहीं है, घर में सभी रोज नहाते हैं और बाहर से आने पर तुरंत हाथ-मुंह धोते हैं। फिर भी वह इन विचारों से मुक्त नहीं हो पाती। वह बार-बार साबुन से रगड़-रगड़कर हाथ-पैर धोती है। एक बार धोकर उसे आश्वस्त होती है कि अब वह साफ है, लेकिन कुछ ही देर में फिर शक हो उठता है कि कहीं हाथ-पैर पूरी तरह साफ होने से रह तो नहीं गए और वह फिर हाथ-पैर धोने के उपक्रम में लग जाती है। कई बार घर की झाड़ू लगाती है, कपड़े-परदे वगैरह भी बार-बार धोती है। कोई मना करे तो विचलित हो जाती है।पैंतीस वर्षीय रहमान सेल्समैन हैं। उसकी पत्नी उसे अस्पताल लेकर आई। रहमान ने काम करना बंद कर दिया था और घर से बाहर निकलना भी। पूछने पर बताया कि वह बाहर जाने से डरता है, लेकिन किस चीज के डर से वह बाहर नहीं निकलता, यह उसने नहीं बताया। वह रसोईघर में जाने से भी मना करता है और ब्लेड, कैंची, स्क्रूड्राइवर आदि छूने से भी। डॉक्टर द्वारा विस्तार से बात करने पर उसने कहा कि उसे लगातार किसी को मारने या धक्का देने के विचार आते हैं। उसे डर लगता है कि कहीं वह इन विचारों पर अमल न कर बैठे और इसीलिए घर से नहीं निकलना चाहता।ये दोनों ही उदाहरण ओसीडी के हैं। ऐसे कई अन्य प्रकार के विचारों व क्रियाओं के वशीभूत होकर व्यक्ति ओसीडी का शिकार हो जाता है।ओसीडी के सामान्य लक्षण-कोई ऐसा अनचाहा आवेश या अंतःप्रेरणा जो बगैर आपकी इच्छा के आपके दिमाग से शुरू होती है और आप ही यह भी समझते हैं कि यह व्यर्थ है।-इस प्रकार के किसी व्यर्थ विचार के कारण आप चिंतातुर महसूस करते हैं। आपके द्वारा किया जाने वाला व्यर्थ कार्य अनैच्छिक, अनियंत्रित और अस्वीकार्य है।-आप भी जानते हैं कि यह कार्य अतार्किक और यहाँ तक कि मूर्खतापूर्ण है।-आप इस स्थिति से छुटकारा पाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर पाते।

विभिन्न विचार व बाध्यताएं आक्रामकता से जुड़े :
किसी को नुकसान पहुंचाने व मारने के विचार। आग लगाने, लूटपाट करने संबंधी विचार।गंदगी से जुड़े :अपशिष्ट पदार्थों संबंधी विचार आना, धूल, बैक्टीरिया, वायरस संबंधी बीमारियों के बारे में अत्यधिक चिंतित रहना।

परिपूर्णता की चाह :
हर कार्य बिलकुल 'परफेक्ट' तरीके से करने का जुनून। वस्तुओं को एक खास अंदाज में, बिलकुल 'सलीके' से जमाने की जिद।

साफ-सफाई संबंधी :
बार-बार हाथ धोना, फर्श की सफाई करना।गिनना, निरीक्षण करना :चलते समय सड़क पर बिजली के खंभों को गिनने की तीव्र इच्छा, हर पेड़ को छूते हुए निकलना, रुपयों को कई-कई बार गिनना, लाइट के स्विच, ताले आदि बार-बार चेक करना।

अन्य :
परेशान कर देने वाले चित्र बार-बार देखना, लगातार एक प्रश्न पूछना, वास्तविक या काल्पनिक गलती के लिए बार-बार पश्चाताप करना।कारणइस बीमारी का कोई निश्चित कारण ज्ञात नहीं है। इस विषय पर अनुसंधान जारी है। अभी तक के अनुसंधानों से यह पता चला है कि यह जैविक तथा सायकोडायनेमिक कारकों की अंतःक्रिया के कारण होती है। यह भी पाया गया है कि ओसीडी मस्तिष्क में सेरोटोनिन नामक रसायन की कमी के कारण होता है। इसका कारण आनुवंशिक भी हो सकता है।

उपचार दवाइयां :ऐसी प्रभावशाली दवाइयां हैं जो मस्तिष्क की कोशिकाओं में सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ाती हैं। डॉक्टर के बताए अनुसार लंबे समय तक दवाइयां लेना होती हैं। कभी-कभी चिंताओं को दूर करने वाली दवाइयां भी इसमें शामिल की जाती हैं।

बिहेवियर थैरेपी :
रोगी को रिलेक्स होने के व्यायाम सिखाए जाते हैं। उसे इन विचारों से मुक्त होने के लिए कुछ तकनीकें सिखाई जाती हैं। रोगी को संगीत, पेंटिंग आदि हॉबीज़ पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।आदी होने की प्रक्रिया द्वारा :गंदगी संबंधी विचारों के मामले में इलाज के तौर पर रोगी को कुछ समय तक गंदगी से रूबरू कराया जाता है। उससे कहा जाता है कि वह ज्यादा से ज्यादा समय तक हाथ धोने से बचे। धीरे-धीरे वह इन विचारों से मुक्ति पाना सीख जाता है।

अगले भाग में मैं अपनी कई वर्षों  की खोज पर आधारित अनुभूत चिकित्सा लिखूंगा जो कि आपको सदा सदा के लिए इस दलदल से बाहर निकाल देगी । 

हम इसकी दवा करते हैं जो कि गोली/कैप्सूल में उपलब्ध रहती है। Result 100% 

सदैव आपका अपना शुभचिंतक 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद 144205, पंजाब 
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चलता हूं.....रब्ब राखा
#VaidAmanCheema #AmanAyurved

Thursday, October 26, 2023

Depression OCD Brain Power

Depression, fear , phobia, Anxiety, Brain Power Pills || Dimag e sikandar Pills || 

कुछ घरेलू नुस्खे जो आपकी तकलीफ को कम कर सकते हैं। Permanent इलाज के लिए आप निम्नलिखित दिमाग एक सिकंदर गोलियां का इस्तेमाल करें। 

: घरेलु उपाय : देशी नुस्खें :

1. काली मिर्च और बादाम की सात- सात लेकर पानी में भिगों दे और कुछ समय बाद उसे थोड़ा पानी में पीस ले | इसे  रोजाना पियें | इसे पीने से दिमागी ताकत बढ़ती है |

2. शक्कर और रूमी मस्तगी बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें और सुबह – शाम दो-दो माशे इस्तेमाल करें | इससे याददाश्त बहुत बढ़ती है |

3. बासी मुह सुबह उठकर शाम का रखा हुआ पानी पियें | यह दिमाग की तरावट के लिए बहुत ही अच्छा इलाज है और लगातार पीने से याददाश्त बढ़ती है |

:आयुर्वेदिक इलाज : मेरा अनुभूत नुस्खा :

★“दिमाग-ए-सिकंदर”★ गोलियाँ 
    मेरा अनुभूत नुस्खा”

स्मृतिसागर रस 6ग्राम
अशवगंधा घनसत्व 15ग्राम , 
मालकंगनी 15 ग्राम,
जटामांसी घनसत्व 10ग्राम,
त्रिबंग भस्म 5 ग्राम ,
अभ्रक भस्म 3ग्राम 1000पुट्टी,
मुक्ता पिष्टी 5ग्राम , 
रजत भस्म 3 ग्राम, 
स्वर्ण भस्म 300 मिलीग्राम 
ब्राह्मी के ताजा पत्तों के रस में घुटाई करके 60 गोली बनाकर रख लें। 

स्वर्ण रजत मोती अभ्रक बहुमूल्य योग है , इसलिए बहुत महंगा बनता है। लेकिन रिजल्ट देखकर पैसे भूल जाएंगे। 

हमसे आप तैयार लें सकते हैं। 

 सुबह-शाम 1-1गोली  मलाई,शहद से चाटकर ऊपर से दूध पीएं। यह आप खाने के 1घंटे पहले ले सकते है । आशा है ,आप लोग मेरे द्वारा दिए गए कीमती अनुभूत नुस्खे से लाभ उठाएंगे, और अपने मित्रों को भी लाभपात्र बनाएंगे । इसका सेवन विद्यार्थियों , अध्यापकों , दिमागी काम करने वालों के लिए भी बहुत उपयोगी है।
ऐसे लोगों के लिए सिर्फ 60 गोली ही काफी है। 

इन गोलियां को मंदबुद्धि भी ले सकते है। 
यह गोलियां OCD , depression, Anxiety,fear , phobia etc.all Brain problems के लिए बहुत लाभदायक है। ऐसे रोगियों के लिए दवा की मात्रा,कितना  समय खानी पड़ेगी यह हम diagnose के बाद रोग और रोगी की स्थिति अनुसार ही सैट करते हैं।

 दिमागी रोगों के लिए यह गोलियां मेरे दवाखाने पर बहुत प्रयोग होती है। एक बार जरूर लाभ उठाएं। 

आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए आप अपने मित्रों को हमारे साथ जोड़े । खुद ही लाभ न लेकर लोगों को भी लाभ मिलें , पोस्टें शेयर जरूर करें । 
 
ऐसे नुस्खों के लिए आप जुड़े रहे और पोस्टें पढ़ते रहे । 
अलविदा , रब्ब राखा । रब्ब खैर करे.....

✍️लेखक 
आपका अपना शुभचिंतक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद 144205 पंजाब
Call & WhatsApp 09915136138

Share करना ना भूलें।
#VaidAmanCheema #AmanAyurved 
#depression #brainfood #new #trending #viral #facebookpost #ayurveda #medicine #ocd #fear #phobia #anxiety #anxietyrelief

Wednesday, October 25, 2023

Asthma दमा

•दमा नाशक नुस्खा( मेरा अनुभूत)•

दमा, फेफड़ों से उत्पन्न श्वसन अव्यवस्था की वजह से होता है । दमा सामान्य श्वास को प्रभावित करता है; दमा के रोगी के लिए नियमित शारीरिक गतिविधियाँ कठिन या असंभव हो जाती हैं। अगर सही इलाज में देरी हो जाए तो दमा जानलेवा हो सकता है।

 बढ़ते प्रदूषण जैसे कारकों के कारण,दमा जैसे श्वसन रोग चिंताजनक रूप से फैलते जा रहें हैं ।

 विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि भारत में लगभग 20 मिलियन दमा रोगी हैं।

 दमा का प्रहार आम तौर पर 5 से 11 साल के बीच के बच्चों में भी होता है।श्वसन के दौरान, जिस हवा में हम सांस लेते हैं वह नाक, गले और फेफड़ों में जाती है। दमा तब होता है जब वायुपथ  फेफड़ों तक बढ़ जाता है और आसपास की मांसपेशियों को आसपास की मांसपेशियों को कसने लगता है। इससे बलगम बनता है जिससे वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है जो आगे फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकता है। इसके फलस्वरूप दमा दौरा से खांसी आदि होती  है।

★मेरा अनुभूत देशी नुस्खा:-
हल्दी 100 ग्राम लेकर तुम्बा,( तुम्मा , इन्द्रायण फल) 
( जो पकी न हो रसदार हो) तुन्बे को थोडा ऊपर से काट कर उस में हल्दी की गांठे भर दें।

उसके बाद तुम्बी का काटा भाग ऊपर जोडकर धागे से लपेटकर धूप में सूखने के लिए छोड़ दे , जब सूख जाए , हिलाने पर खड़खड़ की आवाज आने लगे समझो सूख गया , उसमें सें हल्दी निकालकर कूटकर छान लें कपड़े से , फिर इस हल्दी में 10 ग्राम फिटकरी भस्म (धतूरे और आक के दूध में बनाई हुई) 10 ग्राम टंकण भस्म मिला कर काँच की शीशी में भरकर रख लें।

सेवन कैसे करें ? 
1-3 ग्राम दवा सुबह - शाम 
100ml गरम पानी में 25ml कनकासव मिलाकर दवा लीजिए। 
( कनकासव पीने वाली दवा है। यह आयुर्वेद का शास्त्री योग है , बाजार में इसी नाम से बना बनाया मिलेगा)

चालीस दिन में दवा प्रयोग से पुराना जुकाम और 60-90 दिन में पुराना दमा ठीक हो जाता है। 

कोई भी दवा लेने से पहले , बनाने से पहले कुशल आयुर्वेदिक चिकित्सक का मार्गदर्शन जरुरी है। 

चलता हुँ ... रब्ब राखा 

✍️सदैव आपका अपना
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा, 
अमन आयुर्वेद 144205, पंजाब
Call & WhatsApp 9915136138

इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर क़रें ताकि दुखीयो का भला हो 
किसी भी गंभीर और लाइलाज रोग के लिए मुझसे उपरोक्त नंबर पर संपर्क कर सकते है ।

#VaidAmanCheema #AmanAyurved #fb #asthma

Tuesday, October 24, 2023

बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना

अपने बच्चों को एक बार यह नुस्खा इस्तेमाल करवा दीजिए , फिर कभी बिस्तर गीला नहीं करेगा 

जब बच्चा पांच साल से ऊपर हो जाता है तो फिर भी सोते समय बिस्तर पर पेशाब कर दें तो रोग कहलाता है। यह रोग ज्यादा तर 10-15 तक के बच्चों में ज्यादा देखा जाता है। कई बार तो ऐसे रोगियों की चिकित्सा का मौका भी मिलता है जो शादी के बाद भी इस समस्या से ग्रस्त पाएं जाते है। 5-10 साल तक के बच्चों के लिए जो पांच उपाय लिखे हैं , बहुत अच्छा रिजल्ट देते हैं। 10 से ऊपर उम्र वाले या पुराने रोगियों का इलाज आयुर्वेद दवा से करवाना चाहिए। 
असल में इस रोग का कारण मसाने की कमजोरी होती है। इस रोग की वजह से शादीशुदा लोग असली आनंद से वंचित रह जाते हैं। जब हमारे पास इलाज के लिए आते हैं तो हम समस्या का जड़ से इलाज कर देते हैं। मरीज पूरे आनंद से जीवन व्यतीत करने लग जाता है। 

*बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना*
पाँच नुस्खें - कोई एक नुस्खा ही इस्तेमाल करवाना है। 

|| पहला उपाय ||
*(१) काले तिल 50ग्राम ,
*(२) अजवायन 25 ग्राम,
*(३)गुड 100 ग्राम 
इन तीनों को मिलाकर 8-8 ग्राम के लड्डू बना लें |
सुबह - शाम 1-1 लड्डू खाने से बार-बार पेशाब और बिस्तर पर पेशाब की बीमारी ठीक होगी |यह नुस्खा बहुत बार अजमाया है। लाभकारी है। 

|| दूसरा उपाय ||
(१) अखरोट आधा नग 
(२) किशमिश 5 नग
यह दो - तीन हफ्ते रोज खिलाओ |

|| तीसरा उपाय || 
(१) सोते वक्त शहद चटवाएं , बहुत लाभ होगा |

|| चौथा उपाय || 
(१) 1 ग्राम आँवला चूर्ण 
(२) 1ग्राम पिसा जीरा 
(३) 2 ग्राम पीसी मिश्री 
यह तीनों मिलाकर ,4 खुराक बना लें। सुबह शाम एक एक खुराक की फंकी लें , उपर से ठंडा पानी पिला दें |

|| पाँचवा उपाय ||
1 छुहारा रोज दूध में उबालकर , चबाकर ऊपर से दूध पिला दें। 

अगर आप बहुत उपाय करके हार चुके हैं , या बहुत दवाएं खिला चुके हैं तो हमारे दवाखाने पर तैयार “बाल मूत्रांतक गोली“ सिर्फ 15 गोली का कोर्स करवा दें। दुबारा कभी समस्या नहीं आएगी। 5-10 साल के बच्चों के लिए यह इतनी गोलियां ही काफी है। कीमत सिर्फ 850 रु है। No extra charge. 

10 साल से ऊपर वालों के लिए दवा की मात्रा , इलाज की अवधि, खर्च ज्यादा हो सकता है। 

पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर कर दें , किसी जरूरतमंद के काम आ सकती है। 

✍️सदैव आपका अपना
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद 144205,पंजाब 
Call & WhatsApp 099151 36138 

#babyboy #babygirl  #AmanAyurved #VaidAmanCheema #ayurveda #post Facebook

Thursday, September 28, 2023

Skin , Acne , Pimples

“यौवनपीडिका” “ कील-मुहांसे ” Acne , pimples
चर्म रोग 

कील-मुहांसे, छोटी फुंसियों की तरह दिखते है। मुँहासों को इंग्लिश में एक्ने (Acne)या पिम्पल(Pimple) भी कहा जाता है। एक्ने मुंह, पीठ और कंधों, गर्दन, छाती आदि पर हो सकते है। मुहांसे तब निकलते हैं जब बालों के रोम, तेल और मृत त्वचा कोशिकाओं से भर जाते हैं। मुहांसे कोई गंभीर समस्या तो नहीं पर यह बार-बार आते है और इसके होने से सौन्दर्य में कमी आती है। यह देखने में भद्दे लगते है और ठीक होने पर निशान भी छोड़ देते है। यह किशोरों में होने वाली आम समस्या है इसलिए इसे आयुर्वेद में ‘यौवनपीडिका’ भी कहा जाता है।

★आयुर्वेद में सभी प्रकार के मुहांसों के होने का कारण★ 

तीन दोषों के असंतुलन- वात, पित्त और कफ, को माना जाता है ।
पित्त में वृद्धि होने पर शरीर में गर्मी बढ़ जाती है और टोक्सिन भी ज्यादा हो जाते हैं। विषाक्त पदार्थ शरीर में जमा हो कर त्वचा विकारों को जन्म देते हैं। 

चिकने भारी भोजन जैसे की, दूध, दही, क्रीम, चाकलेट, चिकनाई, घी, तेल आदि का सेवन शरीर में कफ और त्वचा पर तेल को बढ़ा देता है। जब त्वचा ज्यादा तैलीय हो जाती है तो मुहांसे भी ज्यादा हो जाते है।

इस पेज पर कील-मुहांसों को दूर करने के लिए होम रेमेडीज दी गई है। इसके अतिरिक्त कुछ हर्बल दवाएं भी दी गई हैं जिनके उपयोग से मुहांसों को कम किया जा सकता है।

★घरेलू उपचार Home Remedies for Pimples★

1)एलो वेरा (घीग्वार )का जूस पियें। ताजा लें तो बहुत अच्छा । 

2)रात को सोते समय आंवला चूर्ण १ चम्मच की मात्रा में लें।

3)दो चम्मच प्याज का रस + शहद, मिलाकर कुछ दिन सेवन करें।

4)नीम के पत्तों को एक कप पानी में रात को भिगो दें और सुबह इसे मसल कर छान लें और पी लें। ऐसा नियमित करें।
नीम के कुछ पत्ते चबा के खाएं।

5)धनिया के पत्ते का रस (१ चम्मच) + हल्दी पाउडर (एक चुटकी) के साथ मिश्रित कर दिन में दो बार सेवन करें।
चेहरे को दिन में चार या पांच बार पानी से धोएं।

★लेप External application★

1)जायफल को दूध में घिस कर लगायें।

2)दालचीनी + शहद का पेस्ट लगायें।

3)तुलसी के पत्ते का पेस्ट चेहरे पर १५-२० मिनट लगायें।

4)नीम के पत्ते का पेस्ट चेहरे पर १५-२० मिनट लगायें।

5)हरे पुदीने को पीस लें। इसमें कुछ बूँद नीबू का रस मिलाएं। इसे १५ मिनट चेहरे पर लगायें।

5)मेथी के पत्ते का पेस्ट लगायें।

6)बेर के पत्ते का पेस्ट लगायें।

7)जीरा या अजवाईन का पेस्ट थोड़े से पानी में मिलकर बनायें और प्रभावित जगह पर लगायें।

8)मुल्तानी मिट्टी का लेप चेहरे पर सूख जाने तक लगायें।

9)लाल चन्दन + हल्दी + दूध का पेस्ट, बना कर चेहरे पर नियमित लगाएं।

10)मसूर की दाल को रात में पानी में भगो दें। सुबह इसे पीस कर चेहरे पर लगायें।

11)मुहांसों पर टमाटर का रस लगायें।

12)अमरुद + केला का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगायें।

आंवले का चूर्ण रात में भिगो लें और सुबह इसे मुहांसों पर लगायें।

★आहार और जीवन शैली Diet and Lifestyle★

बहुत अधिक मुहांसे निकलने पर पित्त बढ़ाने वाला भोजन जैसे :-
मसालेदार भोजन, गर्म भोजन,
तेल और खट्टे खाद्य पदार्थ न खाएं।
मोटापे को कम करें और ज्यादा चिकनाई युक्त भोजन न करें।
ताज़े फल-सब्जी खाएं करें।
ज्यादा पानी पियें।
कब्ज़ न रहने दें।
चेहरे को पानी से कई बार धोयें।
सौंदर्य प्रसाधन, क्रीम, तेल आदि चेहरे पर न लगायें।
मुँहासे को न छुएँ।
चेहरे को भाप दें।

★आयुर्वेदिक दवाएं Ayurvedic Medicines for Pimples/acne★

★ Classical Medicines for internal use★

1)महामंजिष्ठादि काढ़ा Mahamanjisthadi Kwath 20 मिलि खाने के बाद बराबर जल मिलाकर ।

2)कैशोर गुग्गुलु Kaishore Guggulu 2-2-2 गोली पानी से । 

3)सारिवाद्यासव Sarivadyasava 20मिलि बराबर जल में मिलाकर खाने के बाद । 

4)त्रिफला Triphala Churna 3-3 ग्राम जल से ।

★Ayurvedic Patent Medicines★

1)साफी Hamdard Safi

2)बैद्यनाथ सुरक्ता Baidyanath Surakta

3)डाबर एक्टिव ब्लड प्यूरीफायर सिरप 
Dabur Active Blood Purifier Syrup

4)हिमालय प्यूरिम टेबलेट्स
 Himalaya Purim Tablets

★लगाने हेतु External Application★

1)चन्दनादी तेल Chandanadi taila

2)कुम्कुमादी लेप Kumkumadi Lepam

3)हरिद्रादी तेल Haridradi Tail

★मेरा अनुभूत नुस्खा ★
कील- मुहासे और शरीर बदबू-नाशक योग 

त्रिफला चूर्ण 90ग्राम 
स्वर्णमाक्षिक भस्म 10 ग्राम
रजत भस्म 3 ग्राम 
मुक्ता पिष्टी 5 ग्राम 
रस माणिक्य 3 ग्राम
गंधक रसायन 15 ग्राम 
अरोग्यावर्धनी वटी 

सब दवा को अच्छी प्रकार से घोटकर बारीक कर लें । 
नीम के पत्तों के रस में घोटकर सुखा लें ।

60 खुराक बना लें । सुबह-शाम एक-एक पुडिया
खदिरारिष्ट + महामजिष्ठारिष्ट 20-20 मिलि. बराबर जल में मिलाकर लें।  

अरोग्यावर्धनी वटी साथ में दो-दो गोली लें। 

मेरा सैकड़ों रोगियों पर आजमाया हुआ नुस्खा है । कभी निराशा नही मिली । एक बार अवशय प्रयोग करके देखें ।

 यह नुस्खा मेरे पास तैयार रहता है । अगर बनाने में असमर्थ  है तो कोरियर/पोस्ट से  मंगवा सकते है ।

नोट:- सभी चर्म रोगों में इसका इस्तेमाल वैद्य की सलाह से कर सकते है। 

लेखक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद ,144205 पंजाब
 Call & Whatsapp -  99 151 36 138

#skincare #skincareproducts #ayurveda #health  #AmanAyurved #VaidAmanCheema #medicine

Saturday, September 23, 2023

Paralysis पक्षाघात

लकवा - अधरंग - Paralysis Treatment 

बहुत दोस्तों के संदेश आते हैं कि लकवा पर पोस्ट लिखें। उन सब की सेवा में दवा लिख रहा हूं। चिकित्सक से परामर्श करके आप यह दवा ले सकते है। निम्नलिखित नुस्खा बहुत ही असरदार नुस्खा है जो कि रामबाण की तरह कार्य करता है। इस नुस्खे को हर कोई ले सकता है। बस शर्त यह है कि योग में लिखी गई दवाएं उच्च गुणवत्ता वाली हो। 
अभाव में आप हमसे मंगवा सकते है। 

योग इस प्रकार है।‌

“पक्षाघात नाशिनी महायोग”

एकांगवीर रस 6 ग्राम 
खंजनकारी रस 2 ग्राम
योगेंद्र रस 2 ग्राम 
रसराज रस 2 ग्राम 
वृहत वात चिंतामणि रस 3 ग्राम 

सभी को अच्छी तरह न घिसने वाले खरल में ( चीनी मिट्टी के खरल में ) खूब खरल ( घुटाई ) करें।  मिलाकर 250mg के हिसाब से 60 पुड़िया बना लें। या कैप्शूल में भर लें। आपकी दवा तैयार है।‌

सुबह -शाम शहद या मलाई से एक-एक पुड़िया चाटकर दूध पी लें।

कब्ज दूर करके ही यह दवा शुरू करें। 

जनहित में जारी, शेयर करके दु:खियो तक पहुंचाएं।

वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद 144205 पंजाब
WhatsApp & Call 099151 36138 

#VaidAmanCheema #AmanAyurved 
#paralysis #ayurvedic #ayurved

Wednesday, September 20, 2023

Heart Amrit Gold

Heart Blockage , Obesity Best Ayurvedic Medicine 

★Heart Amrit Gold ★

दोस्तों है तो इस नुस्खे में कुछ घर में प्रयोग होने वाली चीजें, 
जो कि आसानी से मिलने वाली चीजें है , आप इनमें से कुछ घरेलु चीजों के बारे में अच्छी तरह जानते है , रसोई में इस्तेमाल भी करते है। जो कि आयुर्वेद का ही अंग है । इस योग को अरबी नुस्खा भी कहते है। उसमें सिर्फ 5 घटक ही होते है। लेकिन मैंने अपने अनुभव अनुसार इसमें और घटक मिलाकर इससे होने वाले side effects को खत्म किया है , मेरे अनुभव अनुसार जो मैंने इसमें घटक डाले है , उससे इस नुस्खे का बहुत चमत्कारी प्रभाव होने लगा है।‌

नुस्खा बनाने का तरीका :- 

नींबू का रस
अदरक का रस 
लहसुन का रस
एप्पल का सिरका 
अर्जुन क्वाथ 
दालचीनी क्वाथ 
त्रिफला क्वाथ 
चंदन अर्क

1-1 कप 

चारों को मिला कर धीमीं आंच पर गरम करें 
जब  6 कप रह जाए तो उसे ठण्डा कर लें। 

फिर उसमें 6 कप शहद मिला लें। 
Gold leaf स्वर्ण पत्र 40 नग डाल कर अच्छी तरह मिलाकर रख लें।‌

स्वर्ण पत्र से यह Heart Amrit Gold बहुत महंगा बनता है। लेकिन लाखों रु की सर्जरी , स्टंट के खर्च से ज्यादा महंगा भी नही है।‌

रोज इस दवा के 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें । ऊपर से गुनगुना पानी पी सकते है। 

कोरियर द्वारा हमसे मंगवाने के लिए निम्नलिखित नंबर‌ पर संपर्क कर सकते है।‌

1.पूरे शरीर में कहीं भी ब्लाकेज हो , सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी।

इसके साथ हम रोगी को
वृहत वात चिंतामणि रस , 
नागार्जुनाभ्र रस , 
अरोग्यावर्धनी वटी , 
जवाहर मोहरा नं 1 का इस्तेमाल करवाते है। 
रिजल्ट 2-3 खुराक में बहुत ही अच्छे आते है।‌
जिन रोगियों को हार्ट की समस्या है।‌
 
नोट:- दवा लेने से पहले सलाह जरूर कर लें। 
यह नुस्खा आपकी जानकारी के लिए है। 

1. अदरक (ginger juice) - यह खून को पतला करता है।
यह दर्द को प्राकृतिक तरीके से 90% तक कम करता है। 

2. लहसुन (garlic juice) - इसमें मौजूद allicin तत्व cholesterol व BP को कम करता है। वह हार्ट ब्लॉकेज को खोलता है।

3. नींबू (lemon juice) - इसमें मौजूद antioxidants, vitamin C व potassium खून को साफ़ करते हैं। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाते हैं।

4. एप्पल साइडर सिरका ( apple cider vinegar) -
 इसमें 90 प्रकार के तत्व हैं जो शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हैं व थकान को मिटाते हैं।

5. त्रिफला खून साफ करता है , मोटापा को ठीक करता है , वात पित्त कफ को बैंलेस करता है। पेट साफ करता है। रसायन है। 

6. दालचीनी खून को पतला करती है। बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। कफ को सुधारती है। 

7.अर्जुन खून को पतला करता है , दिल को ताकत देता है , कोलेस्ट्रॉल कम करता है , बलोकेज खोलता है। 

इस दवा में दालचीनी , त्रिफला, चंदन अर्क , अर्जुन क्वाथ हमने अपने अनुभव अनुसार मिलाकर इससे बहुत अच्छे रिजल्ट लिए है। 

मूल नुस्खे में शहद , नींबू , अदरक , लहसुन , सिरका ही है। लेकिन उपरोक्त चार औषधियां मिला देने से हमने बहुत अच्छे रिजल्ट लिए है। 

आपका शुभचिंतक 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
अमन आयुर्वेद 144205 पंजाब 
Calling & Whatsapp number
+91- 9915136138

Tuesday, August 8, 2023

Infertility Miscarriage

★ गर्भपात रोकने के आयुर्वेदिक नुस्खे ★

क्या होता है गर्भपात या गर्भस्त्राव ? 
20वें सप्ताह के पहले महिला के गर्भ का अचानक गिर जाना, 
शारीरिक और भावनात्‍मक 
दोनों ही रूपों में कष्‍टदायी हो सकता है।
अधिकांश गर्भ हानि, गर्भपात, भ्रूण के सामान्य रूप से विकसित न होने के कारण होते हैं। 

निम्नलिखित घरेलु उपाय लिख रहा हुं। सुविधा अनुसार कोई एक नुस्खा लें। 

•पीपल जटा, बड़ी कंटकारी की जड़ पीस कर 2-2 ग्राम गाय/भैंस के दूध के साथ कुछ दिनों तक लें।

•हरी दूब के पंचांग 10 ग्राम (जड़, तना, पत्‍ती, फूल, फल) को पीसकर उसमें समभाग मिश्री मिलाकर दूध से सुबह शाम पिएं।

•मूली के बीजों का महीन चूर्ण 2ग्राम और भीमसेनी कपूर आधा ग्राम को गुलाब के अर्क में घोटकर गर्भ ठहरने के बाद योनि में कुछ दिनों तक मलने से बहुत लाभ होता है। अगर किसी महिला को बार बार गर्भस्राव होता है, तो उसके लिए यह बहुत फायदेमंद नुस्‍खा है।

•गाय का उबालकर ठंडा किया हुआ दूध व जेठीमधु ( मुलेठी ) 5ग्राम का जक गिलास पानी में काढ़ा बनाकर पिलाएं साथ में इसी काढ़े को नाभि के नीचे भाग पर लगाएं। इससे गर्भस्राव की संभावना कम हो जाती है।

•वंशलोचन, नागकेसर, मिश्री समभाग को लेकर महीन चूर्ण बनाएं। फिर इसे 2 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम गाय के दूध के साथ खाने से लाभ होता है।

•एक पके केले को मथकर उसमें शहद मिलाकर गर्भवती स्‍त्री को खिलाएं।

•अशोक की छाल 5 ग्राम का क्‍वाथ एक गिलास पानी में बनाकर कुछ दिनों तक सुबह शाम पिलाने से गर्भवती स्‍त्री के गर्भस्राव की संभावना खत्‍म हो जाती है।

•अशोकारिष्ट , गर्भपाल रस , पुष्पधन्वा रस , पुष्यानुग चूर्ण , सुपारी पाक , गर्भरक्षक योग स्पैशल गोल्ड ( यह हम निर्माण करते है ,जो कि बांझपन , बंद टयूबों आदि महिला के गर्भ संबंधी रोगों में इस्तेमाल करते है। ) वैद्य की देखरेख में इस्तेमाल कर सकते है। आपको स्वस्थ , सुंदर , तंदरुसत , लंबी आयु वाली संतान पैदा होगी । ज्यादा जानकारी या सफल इलाज के लिए मेरे निम्नलिखित नंबर पर Call & Whatsapp कर सकते है। Call time 8pm to 10pm only. 

||•आपका अपना •||
||•वैद्य अमनदीप सिंह चीमाँ,पंजाब•||
||••Mob. & Whatsapp  991 513 6138••||

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Saturday, August 5, 2023

Catract Eye flu Eye Sight Improov

एक अति उत्तम योग -आंखों के लिए 

सिरस के पत्तों का रस , खट्टी बूटी 
रस 100-100 ml 

Ark gulab or Honey 

200 ml . 

Mix करके रख लें।‌

5ml रेक्टीफाईड सपिर्ट या अच्छी शराब डालकर रख लें। 

आंखों के लिए अमृत 

चाहे चशमा छुड़ाने में इस्तेमाल करें , चाहे मोतियाबिंद में , चाहे आई फलू में सभी में रामबाण ।‌


खाने के लिए अर्क गोरक्षमुंडी , अर्क पुनर्नवा , सप्तामृत लौह , आमलकी रसायन , हिरणखुरी , मुलेठी , का इस्तेमाल करें।‌ मेरा बार बार अनुभूत है।‌

जय धन्वंतरि जय आयुर्वेद 

लेखक वैद्य 
आपका अपना शुभचिंतक 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा 
संस्थापक अमन आयुर्वेद

Whatsapp & Call 
99151-36138 

#eyeflu #catract #eyesight #ayurveda #ayurvedic #AmanAyurved #VaidAmanCheema 

Friday, July 21, 2023

पेट के रोग , कैंसर

★ अमन राजेश्वर महायोग ★

पंचस्कार चूर्ण 2किलो ग्राम 
मुलेठी 2किलोग्राम 
आमलकी रसायन 2किलोग्राम 
अविपत्तिकर चूर्ण 2 किलोग्राम 

सूतशेखर रस 1किलो ग्राम 
गिलोय सत्व 250 ग्राम 
प्रवाल पिष्टी 250 ग्राम 
मुक्ताशुक्ति भस्म 250 ग्राम 
स्वर्ण गैरिक 250 ग्राम 
स्वर्णमाक्षिक भस्म 1किलोग्राम 
मधुक्षार 2 किलोग्राम 


मेरे ‘अमन आयुर्वेद’ चिकित्साल्य में इसी अनुपात में तैयार होता है। आप अपनी जरुरत अनुसार कम अनुपात में तैयार कर सकते है। 

फायदे :- अम्लपित्त , गर्मी , पित्त के रोग , अलसर , पित्ताशय कैंसर , आंतों का कैंसर , गुदा का कैंसर , बालों के आंखों के रोग , रक्त के रोग , मूत्र रोग , धांत , स्वप्नदोष , शीघ्रपत्न , मसाने मेदे की गर्मी , पेट के रोग आदि कई रोगों में सहायक औष्धियों के साथ इस “अमन राजेश्वर महायोग” का इस्तेमाल कर सकते है। 

धन्यवाद 

आपका अपना शुभचिंतक 
वैद्य अमनदीप सिंह चीमा 
अमन आयुर्वेद 
#AmanAyurved 
#VaidAmanCheema

Sunday, June 18, 2023

TOOFANI TAQAT MAHAYOG NEW

✍️TOOFANI TAQAT MAHAYOG NEW 💪

✍️लेखक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमाँ
संस्थापक AMAN AYURVED PB. 
WhatsApp & Call 9915136138

TOOFANI TAQAT MAHAYOG NEW

 जिन्होने जगह जगह नीम-हकीमों से पुरानी जड़ी बूटीयां , खराब कुश्ते , सस्ती भस्में ,खराब नुस्खे खा-खाकर अपनी जिंदगी खराब कर ली है । ऐसे रोगियों के लिए कई बार हमें दूसरे योग भी इस्तेमाल करने पड़ते है।‌ या जो बहुत ज्यादा पावर के इच्छुक हो , उन्हे यह निम्नलिखित योग दिए जाते है। 
जैसे KING COBRA MAHAYOG , AFTABI MAHAYOG ,MAHASTAMBAN YOG , MAHABAZIKARAN YOG , BADSHAH YOG , SHAHI YOG ETC. 100+ नुस्खे है , जो हम अपने दवाखाने पर‌ तैयार रखते है। जो कि मरीज के रोग , उम्र , हालात अनुसार दिए जाते है। 

अब TOOFANI TAQAT MAHAYOG NEW  का 
•नुस्खा पढ़ें :- 

सफेद प्याज अर्क विधि:- 
सफेद प्याज 40 किलो लेकर उसका रस निकाल लें ,मटके में डाल कर एक किलो गुड पुराना , दो सेर किकर का छिलका डाल दें, पंद्रह दिन में ही उसमें शराब जैसी बदबू पैदा हो जाएगी , अब इसका अर्क खीचवा लें , जो अर्क बनाने का काम करते है वही तैयार कर सकते है । तीन बार अर्क खींचने पर दो बोतल ही निकल पाएगी , यह है अर्क प्याज । अर्क खीचें बगैर प्याज के ताजा रस में भी घोट सकते है या किसी बर्तन में डालकर ऊपर से बांधकर बूंदे टपकाकर भी बनाई जा सकती है । समय के अभाव में मैं इस प्रकार भी बना लेता  हुं। लेकिन यह नुस्खे वाली दवा अर्क में बहुत अच्छी बनती है। अब अर्क निकलने के बाद आप ★तैयार सिंगरफ ★ चार तोले  मतलब 40ग्राम सिंगरफ  लें। इस सिंगरफ को खरल में डालकर इस पूरे अर्क में रगडकर सुखा कर पूरी तरह जजब कर दें। अर्क उतना ही डालें  जितने से सिंगरफ गींली हो बस इतना ही ARQ डालना है। 

★सिंगरफ कैसे तैयार करें★
 सिंगरफ की 1-1 तोला की डली को मिट्टी के बर्तन में रख कर बछनाग,कुचला,भिलावा,मांलकंगनी,जायफल 200-200ग्राम , शहद एक किलो  , काली देशी गाय का घी 2 किलो लेकर ,कुशल वैद्य इसे  तैैयार कर लें ।  कई दर्जुनों विधियों से सिंगरफ तैयार करता हुं ।जो कि ताकत के अलग -अलग योगों , अन्य रोगों के लिए इस्तेमाल करता हुं।  वो भी आपके साथ शेयर करुगा।  

🕳️{ जो मित्र सिंगरफ बनाने की विधि जानना चाहते है वह इस लिंक से बिना Skip किए पूरी Video देखें और एक एक बात को ध्यान से सुने ताकि सिंगरफ बनाते समय आपसे 1% भी गलती न हो पाएं। सिंगरफ बनाने की विधियों में से वो भी एक विधि है। जो आपका मार्गदर्शन करेगी।

 https://youtu.be/33nooFts1M0

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उसके बाद इस कुशते को चीनी मिट्टी के खरल मे डालकर पीस कर बारीक करके इसमें अशवगंधा की ताजी जड़ के छिलके का रस में घोटकर 3 बार भावना दें, फिर लहसुन का रस निकालकर उसकी 3 भावना , फिर आर्दक का ताजा रस निकाल उसके रस में 3 बार घोटकर 

फिर इस स्वर्ण भस्म,वज्र भस्म ( हीरा DIAMOND ) ,सिंगरफ कुश्ता, मोती पिष्टी ( PEARL ) कस्तूरी, तूफानी योग मिश्रण मिलाकर पान के पत्तों के रस में खरल करके कैप्शूल बनाकर रख लेते है। ।

पाठक नोट करें यह सब चीजें बहुत ही महंगी है। अतः बहुत ही समझदारी का काम है। विश्वासयोग से ही यह सामान लें। धूतपापेश्वर की ही स्वर्ण भस्म लें ,मैं यही डालता हुं। कई बार अपनी भी बनाता हुं, मोती,हीरा ( वज्र ) भस्म, वैद्यनाथ कंपनी का ही लें। कस्तूरी आपको यह 3500 से 6500रु की एक ग्राम कीमत तक मिलेगी।‌
मोती नं 1 600+ 1gm Rate 
, हीरा भस्म 7500+ 1 ग्राम का रेट 
सोना भस्म 12000+ एक ग्राम का रेट
सिंगरफ बनाने में कितनी मेहनत लगी , जड़ी बूटियां ढूंढना , रस निकालना , फिर उन्हे बूंद बूंद रस डालकर जज्ब करके दवा की ताकत बढ़ाना , कितने दिन की मेहनत लगती है। उसके हिसाब से हमने इसका रेट बिल्कुल जायज रखा है। जिसे दवा के महंगी होने की शंका हो , वह मेरे पास आकर अपने ही हाथों मेरी निगराणी में यह सारी मेहनत अपने हाथ से खुद करें , और अपनी मर्जी से तैयार करके लेकर जा सकता है। 
एक महीने का कम से कम समय निकालकर ही आए।‌

यह दवा हमारे पास कैप्शूल/गोली के रुप में उपल्बध रहती है ।कई बार कई-2 मित्र मिलकर 5-5 ,10-10 Course तीन-तीन माह के खरीद लेते है तो कई बार #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW out of stock हो जाती है। 
आप इच्छानुसार आप एक माह ,दो माह ,तीन माह की मंगवा सकते है।
7999/-एक महीना , 
दो माह 15499/- 
तीन माह 23999/-
जिन्हे कोई समस्या नही , साधारण कमजोरी दूर करने के लिए #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW As A Tonic एक माह इसका इस्तेमाल करके पूरा वर्ष 12 MONTHS अपनी ताकत बरकरार रख सकते है।‌

नये रोगियों के लिए दो माह काफी है।‌
जो लंबे समय से कमजोरी , मर्दाना कमजोरी से परेशान है तो तीन माह सेवन करके अपनी समस्या से पीछा छुड़ा सकते है। 
सही खुराक का पालन करेंगे तो दुबारा आपको किसी प्रकार की समस्या नही सताएगी। 

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विदेश‌ के लिए 3 माह से कम हम नही भेजते है। 

इस महाौष्धि #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW को आपने सुबह-शाम दूध के साथ लेना है । तीन महीना खाकर फिर शरीर में आई जवानी को देख आप दंग रह जाएगे , जिंदगी का लुत्फ लें, न कि ताकत को हासिल कर अयाशी में उडा दे। जो ऐसा करके शरीर की बर्बादी करना चाहता है वो हर साल इसका सेवन करके पूरी ताकत बनाएं रख सकता है। कमजोर औरत वाले इसका प्रयोग सोच समझकर ही करें, बहुत ताकतवर है , उत्तेजक बहुत है , रंग लाल सुर्ख हो जाता है , लिंग में संभोग क्रिया समय जौश बना रहता है।  यह नुस्खा दूध घी मांगता है यानि कि दूध घी का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए।  सर्दीयो गर्मीयों दोनों में इसका प्रयोग लाभकारी है । सर्दी में इसका प्रयोग नवंबर से फरबरी तक करना बहुत ही लाभकारी है । महँगा तो है लेकिन रिज्लट देख पैसे भूल जाते है । कई लोग नामर्दी के कारण आत्महत्या की सोच बैठे थे । ( नामर्दी से तंग आकर ) #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW के सेवन से पुर्ण मर्द बन गए है ओर अपनी जिंदगी खुशी से जी रहे है ,इसकी एक और खूबी है कि इसका सेवन करने वाला बार-बार संभोग करने पर भी थकता नही , रात में कई कई बार संभोग कर सकता है । घर बैठे आप पूरी समस्या बताकर  कोरियर द्वारा मंगवा सकते है । जिन मरीजों को पेट से संबंधित या मधुमेह #diabetes या अन्य कोई रोग होता , उस रोगी पर भी मैं पूरा विचार करके कुछ और दवा का मिश्रण करता हुं ताकि रोगी को पूरा लाभ मिल सके।Only Call & Whatsaap पर #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW को मंगवाने के लिए बात कर सकते है, इस योग के गुणों के बारे जितना लिखा जाए  उतना कम है , इसको बनाने का प्रोसैस बहुत लंभा और कठिन है ,इस दवा के सभी घटक जैसे हीरे की भस्म , मोती पिष्टी , स्वर्ण भस्म आदि बनाने में 6 महीने का समय लग जाता है। अगर यह सब पहले से बना हुआ है तो एक माह फिर भी लग जाता है जो कि ऊपरोक्त मैं बता ही चुका हुं। मेहनत ही इतनी आ जाती है दवा के रेट से भी ज्यादा। 

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शीघ्रपतन ,नामर्दी ,साधारण कमजोरी, शुक्र की कमी , वीर्य का पतलापन , शादी से घबराहट ,शूगर के कारण आई कमजोरी में बहुत ही लाभकारी है । महिलाएं जो कमजोरी थकावट महसूस करती है या संभोग में ठंडी रहती है।‌ संभोग से भागती है वह भी इस नुस्खे का कुछ दिन या रोग अनुसार लंबे समय तक इस्तेमाल करके अपने विवाहित जीवन का आनंद ले सकती है। 

जिनकी शादी हो चुकी है या जो भरपूर संभोग आनंद के इच्छुक लोग है । उनको लिए यह #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW  बहुत ही लाभकारी दवा है ।

शौकीन और पूरे तंदरूसत लोग भी #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW का सेवन बेफिक्र हो कर करें । बहुत अच्छे परिणाम आ रहे है। 

#TOOFANITAQATMAHAYOGNEW का सेवन करने वाला जिस स्त्री से संभोग कर लेगा वो सारी उम्र उसकी दासी बन कर रहेगी । संभोग में की गई एक-एक छोह दोनों को गहरे आनंद में ले जाती है। 

#TOOFANITAQATMAHAYOGNEW 80 साल के बजुर्ग को भी संभोग के काबिल बना देता है , हिजड़ा भी इसके सेवन से संभोग के काबिल बन जाता है। 

बूरे काम या बचपन की गलतियों के कारण जिसने अपनी जिंदगी खराब कर ली हो उन लोगों के लिए यह #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW अमृत समान गुणकारी है ।

#TOOFANITAQATMAHAYOGNEW में जो औष्धियां प्रयोग की जाती है वह कितनी गुणकारी है। इसका अंदाजा जब तक सेवन न कर लिया जाए, तब तक इसकी ताकत का अंदाजा नही लगाया जा सकता। 

अत: कहना चाहुंगा कि यह हर वर्ग के पुरूषों के लिए #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW सेवनीय है और कलयानकारी है । कृपा अनुभवी लोग ही बनाने की कोशिश करें। अनजान लोग बनाने की कोशिश न करें । किसी जानकार से भी तैयार करवा सकते है। जब तक ज्ञान न हो कोशिश न करें। 

आप लोग #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW  कोरियर से अपने पते पर मंगवा सकते है। पेमैंट बैंक अकाऊट में Deposit,Neft,Transfer,Googlepay अडवांस करवानी होती है ।
इस दवा का नाम हमने इसको गुणों को देखते हुए #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW रखा  है | यह तूफान जैसी ताकत देने वाली औष्धि है । इस रेट में इससे बढ़िया और कोई दवा मेरी नजर में कोई नही है । इसके इलावा मेरे द्वारा निर्मित शाही योगों को सेवन करने वाले मर्द अच्छी तरह जानते है । कि आयुर्वेद दवाएं कितनी कारगर है और रामबाण है । मेरे पास अच्छे पैसे वाले शौकीन लोग बहुत महंगे राजा-महाराजाओं वाले नुस्खे तैयार करवाकर सेवन करते है। आपने सुना होगा बुजुर्ग लोगों से कि राजा-महाराजाओं के दर्जुनों , सैकडों औरतों से संबंध होते थे, इस बात का राज शाही नुस्खों का सेवन करना था जो कि कुशल वैद्य से बनवाकर ही किया जाता था । तभी तो राजा लोग कई औरतों से संबंध बनाते थे,कई बार संभोग करने पर भी बिल्कुल भी थकते नही थे। ऐसा आदमी जिस औरत की तृप्ति कर देता है वो दुबारा किसी और मर्द के बारे सोचती भी नही।
मैं एक बहुत पुरानी किताब पढ़ रहा था जिसमें लिखा था कि जंगल में एक संत थे वह दवा भी बनाते थे तो उनके पास एक बुजुर्ग आए 80साल के , उन्होंने अपनी बुढ़ापे की कमजोरी की समस्या बताई तो संत महाराज नया नुस्खा बनाकर फ्री हुए थे तो उन्होंने तीन खुराक पुड़िया में डालकर दे दी , मक्खन से रोज एक-एक पुड़िया बनाकर खाने की सलाह दी। बुजुर्ग ने घर जाकर दवा पुड़िया में देखी , मात्रा थोड़ा समझकर तीनों पुड़िया एकसाथ खा ली । कुछ ही दिन में उस बुजुर्ग की काम उत्तेजना इतनी बढ़ गई कि उस बुजुर्ग को दुबारा शादी करनी पड़ी। 
एक कहानी और है कि एक बार राजा के पान को चोरी से उसके नौकर ने खा लिया ,घर जाकर उसने अपनी पत्नी से ऐसा संभोग रचाया कि उनकी ताकत को संभालना उसकी पार्टनर के लिए बहुत मुश्किल हो गया। दोस्तों यह है आयुर्वेद की ताकत। 

पोस्ट बहुत लंभी हो गई है , अब और ज्यादा न लिखते हुए विदा लेता हुं। बातें तो बहुत है मेरे मन में । शाही नुस्खे गरीब आदमी की पहुंच से बाहर है , अमीर लोगों को शाही नुस्खे राजा-महाराजाओं के नुस्खे लेना कोई मुश्किल नहीं है।  पुरानी कहावत अनुसार  “जितना गुड़ डालोगे उतना मीठा होगा " #TOOFANITAQATMAHAYOGNEW का सेवन एक बार करें। फिर देखें। 

✍️लेखक आपका अपना 
✍️वैद्य अमनदीप सिंह चीमा
संस्थापक AMAN AYURVED PB. 
WhatsApp & Contect 9915136138

कृपया समय लेकर ही बात करें।

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