Monday, January 10, 2022

अस्थमा , दमा , श्वास रोग

•दमा ,अस्थमा ,जमी हुई कफ‌,बलगम को निकालने के लिए नुस्खा•

पंसारी से 100 ग्राम सुहागा खरीदकर लाएं ।‌इसे मुसबर भी बोला जाता है । अंग्रेजी में इसे बोरैक्स भी बोला जाता है ।‌ आयुर्वेद में “टंकण भस्म” इसी से तैयार किया जाता है ।‌

इसे आप खुले मुंह की लोहे के बर्तन पर रखकर फूला बनाकर पीसकर रख लें ।‌
पहली बार जब आप नीचे आग जलाकर बर्तन पर रखेंगे तो इसका पानी बनेगा , फिर कुछ ही देर में देखते ही देखते पानी सूख जाएगा । इसको ठंडा होने पर अच्छी तरह बारीक करके दुबारा बर्तन में डालें , यह फूलकर  काफी मात्रा में बन जाएगा । आप इसे पीसकर साफ डिब्बी में डालकर रख दें । अगर न बना सको तो बना बनाया खरीद लें ।  “वैद्यनाथ टंकण भस्म” ,“व्यास मुलहठी चूर्ण”  , “वैद्यनाथ मकरध्वज या रस सिंदूर”  खरीद लें। 

प्रयोग करने का तरीका :- 
सुहागा का बनाया हुआ पाउडर 30 ग्राम 
मुलहेठी का 30 ग्राम चूर्ण ,
मकरध्वज 2.5ग्राम 3 घंटे घुटाई करके चमकरहत किया हुआ,
अभ्रक भस्म 100 पुट्टी 2.5 ग्राम 

सभी को अच्छी तरह मिलाकर 30 पुड़िया बना लें । सुबह,शाम 
शहद से चाटकर गरम पानी या गर्म दूध लें । 

अगर रोज एक “स्वर्ण वर्क” भी दवा में मिला लिया जाए या तिल के दाने जितनी “स्वर्ण भस्म” मिला ली जाए तो रिजल्ट बहुत तेजी से मिलते हैं । 

वैसे मूल नुस्खे में टंकण और मुलहेठी ही है । आयुर्वेद के किसी -2 ग्रंथ में ही यह नुस्खा मिलता है । जोकि “सुधायष्टी चूर्ण, सुधायष्टी योग” नाम से मिलता है । मैंने अपने अनुभव अनुसार जिन दमा रोगियों को मकरध्वज और अभ्रक भस्म मिलाकर सेवन करवाया , उन्हे बहुत तेजी से रिजल्ट मिला। 

जिन्हें केवल जमी कफ की शिकायत है वह मुलहठी और टंकण सिर्फ दोनों को मिलाकर ही प्रयोग करें । दमा वाले रोगी मकरध्वज , अभ्रक भस्म मिला लें। 

मेरे पास एक दमें का बहुत पुराना रोगी आया जो बहुत कमजोर था , थोड़ा सा चलकर ही बैठ जाया करता था , सांस फूल जाता था । 
मैंने उसे इस दमा वाले मिश्रण में स्वर्ण भस्म मिलाकर दे दी । 
रोगी को पहली पुड़िया खाने के बाद शरीर में ताकत महसूस हुई, दो दिन बाद शरीर में चलने फिरने की ताकत लौट आई ,कुछ ही दिन दवा लेने के बाद काफी चलने के बाद भी नामातर ही सांस फूलता था । 15 दिन की दवा से घर के काम करने लग गया।  दो महीने चिकित्सा के बाद रोगी की दवा बंद कर दी , अब रोगी बिल्कुल ठीक है । 

अपनी सूझबूझ अनुसार यह नुस्खा तैयार करके प्रयोग करें । उससे पहले अच्छे आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह जरूर लें ।‌

सदैव आपका अपना 
डाँ० अमनदीप सिंह चीमाँ, पंजाब
कोहिनूर आयुर्वेद
Whatsapp 9915136138

मेरा नाम हटाकर कापी पेस्ट न किया जाए।