Wednesday, October 28, 2020

ताकत के बादशाह ( मेरे अनुभूत महायोग ) भाग-1

Special Honeymoon Course

“ हनीमून महायोग ”

“ मिले न फूल तो काटों से दोस्ती कर ली ”

बहुत समय से मेरे पाठको की मांग थी कि आप हनीमून कोर्स तैयार कैसे करते है। इसे लिखित रूप में पाठकों के लिए पोस्ट करें। समय के अभाव के कारण इस योग को लिखने में समय निकलता गया , मेरा यह योग देश-विदेश में नये शादीशुदा लड़के या जिनकी शादी होने वाली होती है वो काफी पसंद करते है। जिन्होने इसका प्रयोग कर लिया वो अपने दोस्तों को भी इसका प्रयोग करने की सलाह जरूर देते है। यह योग केवल मर्द ही नही लड़कियों के लिए भी उतना ही फायदेमंद है।
यह योग सिर्फ 40दिन का है। जिनके पास समय का अभाव होता है , रिज्लट बहुत जल्दी चाहिए होते है , शादी की तारीख नजदीक होती है या नई शादी हुई होती है , हनीमून जाने का विचार कर रहे होते है , उनके लिए ही मैं इस योग का निर्माण करता हुं। इस योग को बनाने में काफी मेहनत और सावधानी की जरूरत होती है। जिसके कारण यह योग काफी महंगा भी पढ़ता है , लेकिन लाखों रूपए शादी पर खर्च करके अगर खूबसूरत जिंदगी के लिए , अपने जीवन साथी के लिए थोड़ा पैसे और खर्च कर लिए जाए तो खुशियों में चार चांद लगने से कोई नही रोक सकता ।‌

इस योग के फायदे बहुत है जो निम्नलिखित है :-
शादी से घबराहट होना , औरत के नाम से ही डरना ,
शरीर को संभोग में असमर्थ समझना ,
वीर्य में पतलापन होना , संभोग में समय न लगना ,
एक बार करने के बाद दूसरी बार इच्छा ही न होना।

सदैव आपका अपना
लेखक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमाँ , पंजाब
वटस ऐप 9915136138

इस योग के सेवन से काम उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है , किंग कोबरा जैसी फुर्ती आ जाती है। मर्द औरत कामदेव के सामान हो जाते है। संभोगानंद बहुत बढ़ जाता है। इंद्री की मुरझाई हुई नशों में ताकत का तूफान दोड़ने लग जाता है , बार -२ संभोग करने को दिल करता है , लिंग का आकार और मोटापन बढ़ जाता है । संभोग में लंबा समय रूकावट बनती है जिससे आपके जीवन साथी को पूर्ण संतुष्टी मिलती है । इस महायोग के सेवन से नामर्द मर्द कहलाने लायक बन जाता है , आखिर में यही कहुंगा कि हिजड़ा भी संभोग के काबिल हो जाता है। जिनके जीवन साथी को अच्छे दमदार सैक्स पावर वाले जीवन साथी की जरूरत हो उसे एक बार जरूर इस “हनीमून महायोग” का सेवन करना चाहिए। इस “हनीमून महायोग” का सेवन करके हर गृह्स्थी अपने जीवन में खुशियाँ ला सकते है। हर मौस्म में इसका सेवन कर सकते है। हनीमून जाने से दस दिन पहले इसका सेवन शुरू कर दें। बार-बार मैदान में कूदने को मन करेंगा , मन नही भरेगा ।

अब नुस्खा देखें :-
हिंगुल 5-5 ग्राम के 10 पीस लेकर एक मिट्टी के बर्तन में डालें।
इसे चूल्हे पर चड़ाकर , ऊपर किसी बर्तन को लटकाकर
उसमें पाँच लीटर देशी नींबू का रस डालकर नीचे छोटा सा सुराख कर दें, ताकि रस बूंद बूंद टपकता रहे । नीचे‌ आग जलाए। इसमें आग का ही सारा खेल है‌, आग कम या ज्यादा , कब कैसे देनी है , बिना अनुभव के मुशकिल है। जो आयुर्वेद के चिकित्सक है , खुद रसायन योग दवाएं तैयार करते है, वो लोग ही बनाएं। अनजान कोशिश न करें। क्योंकि “नीम हकीम खतरा ए जान” वाला मुहावरा सिद्ध हो जाएगा। नीचे आग जलती रहे , ऊपर से रस टपकता रहे , जब नींबू का रस खत्म हो जाए। फिर सफेद प्याज के पाँच लीटर रस को टपकाकर खुशक कर दें। फिर आर्दक का रस पाँच लीटर टपका कर सुखा दें ।

उसके बाद जायफल , लौंग , जावित्री 50-50 ग्राम का पाउडर बनाकर ,  उसी बर्तन में आधा पाऊडर यानि 75 ग्राम नीचे फिर पांच ग्राम की एक उपरोक्त हिंगुल डली रखकर ऊपर बाकी बचा हुआ पाऊडर डालकर , नीचे आग जला दें । जब सारा पाऊडर राख हो जाए , तो उसके बाद भिलावा , कुचला , वत्सनाभ 50-50 ग्राम अधकुटा करके बीच में एक डली रखकर आग जलाएं जब यह  अधकुटा पाऊडर जल जाए तो डली निकाल कर , फिर इसमें मालकंगनी , अकरकरा , खुरासानी अजवायन 50-50 ग्राम अधकुटा सा करके पहले की तरह बीच में डली रखकर पाऊडर जल जाने के बाद डली निकाल लें।

इसी तरह सभी हिंगुल की डलीयाँ तैयार कर लें ।
जब सारी डलीयाँ इस तरह आप तैयार कर लें।  तो इन्हे सावधानी से साफ करके किसी अच्छे खरल में डालकर अच्छी तरह बारीक करें।
फिर इसमें से 10 ग्राम पाउडर अलग से निकाल कर , उसमें असली 2ग्राम केशर गुलाब के अर्क में बारीक पिसा हुआ डालकर , खूब खरल करके पूरी तरह सुखा दें ।
फिर इसकी एक बोतल अर्क जायफल , फिर अर्क जावित्री में थोड़ा-२ डालकर खूब खरल करें । जब सूख जाए तो इसको खुरासानी अजवायन के एक बोतल अर्क में थोड़ा-२ डालकर खरल करें ।

अब इस तैयार दवा में
हीरक भस्म अच्छी - 500 मिलीग्राम
स्वर्ण भस्म नं:1 - 500मिलीग्राम
मोती पिष्टी नं:1 - 2 ग्राम
प्रवाल पिष्टी नं:1 -2 ग्राम
अभ्रक भस्म सहस्त्रपुटी बाजीकरण-2 ग्राम
( सहस्रपुटी मतलब 1000 बार विशेष विधिपूर्वक भस्म की हुई। )
मिलाकर खूब खरल कर करके रख लें । आपकी दवा तैयार है।

आपका “हनीमून महायोग ” तैयार है।
सुबह - शाम दूध से एक - एक खुराक लें ।
दूध, जूस , फल का खूब प्रयोग करें ।

नोट :- जो मित्र आयुर्वेद की जानकारी नही रखते कृप्या वो इस दवा को खुद बनाने की कोशिश न करें ।
दवा बनाने में अगर असमर्थ है तो आप वटसऐप पर मेरे से संपर्क करके यह दवा कोरियर से देश-विदेश में कहीं भी मंगवा सकते है।

cost 20k for 40 days . 11k for 20days

सदैव आपका अपना
लेखक
वैद्य अमनदीप सिंह चीमाँ , पंजाब
वटस ऐप 9915136138

यह योग मेरी जल्द‌आ रही किताब “ताकत के बादशाह” ( मेरे अनुभूत महायोग ) में से है। जिसमें ताकत के बेहतरीन महायोग आपको मिलेंगें। जो कि मेरी वर्षों की खोज का निचोड़ है। आप किताब अड़वांस में बुक करवा सकते है।

#हनीमून_महायोग #Honeymoon_Mahayog

Thursday, June 4, 2020

Ashwgandha, अश्वगंधा

★ अश्वगंधा Withania somnifera के बारे जानकारी ★

★Common name: Ashwagandha, Indian ginseng, Poison gooseberry, Winter Cherry
• Assamese: অশ্বগন্ধা asbagandha
• Bengali: অশ্বগন্ধা asbagandha
• Gujarati: આકસંદ aksand, અશ્વગંધા asvagandha
• Hindi: असगन्ध asgandh, अश्वगंधा ashwagandha
• Kachchhi: આસુન aasun, આસુંઢ aasund
• Kannada: ಅಂಗಾರ ಬೇರು angara beru, ಅಶ್ವಗಂಧ ashwagandha, ಹಿರೇಮದ್ದಿನ ಗಿಡ hiremaddina gida, ಪನ್ನೇರು panneru, ಸೊಗದೆ ಬೇರು sogade beru
• Malayalam: അമുക്കുരം amukkuram, പേവെട്ടി pevetti • Marathi: अश्वगंधा ashwagandha, आस्कंद askanda
• Nepali: अश्वगन्धा ashwagandha
• Oriya: ଅଶ୍ବଗନ୍ଧା ashwagandha
• Punjabi: ਅਸਗੰਧ असगंध asgandh, ਅਸ਼ਵਗੰਧਾ अश्वगंधा ashwagandha ,Aksin ਅੱਕਸਿਨ अँकसिन
• Sanskrit: अश्वगन्धा ashvagandha
• Tamil: அமுக்கிரா amukkira
• Telugu: అశ్వగంధ ashwagandha
• Tibetan: a swa ga ndhi, ba-dzi-ga-ndha
• Tulu: ಅಶ್ವಗಂಧೊ ashwagandho
• Urdu: اسگندهہ asgandh
Botanical name: Withania somnifera
  Family: Solanaceae (Potato family)

अश्वगंधा, भारत के सूखे भागों में ज़्यादातर पाया जाता है।  यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है जो प्रकृति में लगभग 6 फीट तक बढ़ती है।  यह 35-75 सेमी लंबा बढ़ जाती है ।   फूल छोटे, हरे और घंटी के आकार का होता है।‌ इसकी फोटो से आप आसानी से पहचान कर सकते हैं।

•औषधीय उपयोग•
अश्वगंधा 3000-4000 वर्ष से भारत में एक बेशकीमती adaptogenic टॉनिक रहा है।  पौधों में एल्कलॉइड विथेनिन और सोमनीफेरिन होते हैं, जो तंत्रिका विकारों, आंतों के संक्रमण और कुष्ठ रोग के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं।  सभी पौधे के भागों का उपयोग जड़ों, छाल, पत्तियों, फलों और बीज सहित किया जाता है।

★ अशवगंधा पर मेरे अनुभव ★

जो मनुष्य अशवगंधा को रोजाना एक ग्राम चूर्ण  दूध के साथ लेता है , उसे कभी हड्डियों के रोग , जोड़ों का दर्द , कमर दर्द  नही सताते, शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी पास नही फटकती , दिमागी काम करने वाले अगर रोजाना की खुराक में इसे शामिल कर लें , तो उन्हें दिमागी कमजोरी महसूस नहीं होती है। अगर इसे रोजाना अपनी खुराक में शामिल कर लिया जाए तो जिंदगी भर पागलपन , डिप्रैशन आदि किसी भी प्रकार का दिमाग का रोग जीवन में पास नही फटकता।  इस से सस्ती , आसान , सर्व सुलभ औषधि अपने चिकित्सा काल, जीवन  में मैंने कभी नही देखी। जिसका जीवन भर सेवन करने से कोई नुकसान नही। पंसारी से आसानी से मिलती है।  असगंध नागौरी के नाम से लें । ध्यान रखें कीड़ा न लगा हो, पुरानी न हो। नहीं तो लाभ की आशा न रखें।

★साधारण जन जो इसके गुणों का लाभ लेना चाहते हैं। उनके लिए मैं निम्न सरल , सुलभ योग बता रहा हुं। ★
100 ग्राम अश्वगंधा की जड़ ,100 ग्राम मिश्री मिलाकर 2 ग्राम रोज पानी से या दूध से लें।  इतनी मात्रा आम इंसान के लिए बताई है।  मौस्म अनुसार अनुपान बदल सकते है । यानि गर्मी में मलाई , मक्खन या मोती पिष्टी या प्रवाल पिष्टी एक-एक रत्ती मिलाकर ।
सर्दी में मिश्री की जगह शहद , गुड़ के साथ लें सकते हैं।

विशेष सूचना:-
अगर आप नहीं चाहते कि अपने हाथों से दवा तैयार करें तो
Single Ashwgandha herb कई कंपनियां गोली , कैप्सूल में बनाकर भी बेच रही है। इसके लिए आप Himalaya company का अश्वगंधा गोली के रूप में भी प्रयोग कर सकते है।

बहुत सी कंपनियां पाउडर में भी पैकिंग करके बेचती है।

( विदेशी जिन्सेंग की जगह अगर आप इसे सेवन करें तो जिन्सेंग को लेना भूल जाएंगे। विदेशी लोगों और मल्टीनेशनल कंपनियों वाले मोटे मुनाफे के लिए अपने विदेशी जिन्सेंग का बहुत प्रचार करते हैं। लेकिन मैंने अपने ऊपर और कुछ लोगों पर जो तजुर्बा किया है , उससे बेहतर हमारा अश्वगंधा है। )

इसके सेवनकाल में अगर कोई  मौस्मी रोग सताएं उसके अनुसार सहायक औषधि ले सकते है।

उपरोक्त योग में दो ग्राम की कम मात्रा रसायन गुण लेने के लिए दी गई है। अगर किसी रोग में प्रयोग करना है तो 3-6 ग्राम तक सुबह -शाम ले सकते है। 40 दिन से 90 दिन तक। इस से सस्ता दवा कोई नही है। यह एक आहार रूपी दवा है। अगर बच्चों को बचपन से शुरू करवा दिया जाए , उनकी हड्डियाँ फैलाद जैसी ताकतवर रहेगी । दिमाग कंप्यूटर जैसा , कद भी अच्छा निकलता है।बुजुर्ग लोगों को कभी बुढ़ापे के रोग नही सताते। जवान लोगों को ग्रहस्थ की परेशानिया जैसे कमजोरी , नामर्दी , शुक्राणु आदि कोई समस्या नही आएगी ।न कोई थकावट।
अश्वगंधा का निरंतर सेवन करने वाले को किसी डुप्लीकेट मल्टीविटामिन आदि के सेवन की जरूरत नहीं है। रोग प्रतिरोधक immunity power बहुत अच्छी रहती है। वायरल रोग सेवनकर्ता के पास कभी भी फटकते।

इसकी तासीर गर्म है। यह वात कफ नाशक है। पचने में भारी है। कमजोर पाचन वाले पहले अपने पाचन शक्ति को बढ़ाए या इसकी मात्रा का ख्याल रखें।  गर्मी के मौसम में और गर्मी वाले रोगियों को कई बार माफिक नही रहता । उपरोक्त मैंने मोती पिष्टी और प्रवाल पिष्टी का योग तो बताया ही , अब कुछ और कंबीनेसन बता देता हुं । जो तैयार करके आप बिना डर के सेवन कर सकते हैं। यह कंबीनेशन उन दोस्तों और पाठकों के लिए है जिन्हें शरीर में गर्मी या गर्मी के मौसम में गर्मी से समस्या आती हो।‌जिनके वात - पित्त - कफ ठीक हो या जिनको कोई गर्मी -सर्दी-खुश्की की कोई समस्या न हो वह भी निम्नलिखित नुस्खों में से कोई एक आजमा सकते है या मुझसे संपर्क करके अपनी तासीर अनुसार तैयार करवा सकते हैं। ताकि कोई भी सज्जन लाभ से वंचित न रह जाए । आप सब गर्मी में भी बिना डर ले सकते है। जिन्हे दूध माफक नही वह पानी से भी ले सकते है । वैसे तो अशवगंधा के अनेको प्रयोग है , उनमें से मेरे कुछ अनुभूत आपकी सेवा में हाजिर कर रहा हुँ ।

१. नुस्खा
अशवगंधा 5 तोला यानि पचास ग्राम ,
मुलहठी पांच तोला ,
आँवला पांच तोला ,
गिलोय का चूर्ण 5 तोला
सबको मिलाकर एक डिब्बे में संभाल लें .
इसके बराबर वजन मिश्री भी मिला सकते है.
अगर मिश्री मिलाना है तो 6 ग्राम पानी से जब दिल करें दिन में एक बार ले सकते है. अगर शूगर वाले मरीज है तो मिश्री के बिना बने मिश्रण को तीन ग्राम ले सकते है.

२. नुस्खा
अशवगंधा - 100 ग्राम ,
मुलहठी - 100 ग्राम,
गिलोय - 100 ग्राम
मिश्री - 300 ग्राम
मिलाकर सबको एकजान कर लें . डिब्बे में संभालकर रख लें .
एक चम्मच ताजे जल से लें .

३. अशवगंधा चूर्ण - 60 ग्राम ,
गिलोय सत - 20 ग्राम ,
प्रवाल पिष्टी - 10 ग्राम
सबको मिलाकर रख लें .
3 ग्राम की मात्रा दूध या जल से लें . दिन में एक बार .

४. दिमागी कमजोरी के लिए
अशवगंधा , बच , ब्राह्मी , शंखपुष्पी
20-20 ग्राम मिलाकर रख लें.
2-2 ग्राम सुबह-शाम मलाई,मक्खन या शहद या दूध से ले सकते है. जल से भी लिया जा सकता है.

५. दिमागी तेज करने के लिए
अशवगंधा 10 ग्राम,
बच-10 ग्राम,
मांलकंगणी-10 ग्राम,
ब्राह्मी -20 ग्राम,
रजत भस्म - 6 ग्राम ,
मोती पिष्टी नं १ - 3 ग्राम

सबको मिलाकर रख लें . 80 पुड़िया बनाकर रख लें .
सुबह-शाम एक-एक पुड़िया मलाई,मक्खन या दूध से लें.
यह मेरा पसंदीदा नुस्खा है. इसके 40 दिन सेवन करने से दिमागी कमजोरी दूर होती है. हर ग्रंथ को याद करने की ताकत देता है. आपका बच्चा अगर बार-2 पढ़ने पर भी भूल जाता है तो इसके सेवन से आपका बच्चा एकबार पढ़ कर दुबारा नही भूलेगा, हमेशा याद रहेगा. बढ़िया नंबर लेकर पास होगा. दिमागी काम करने वाले लोगों को भी यह बहुत अच्छा लाभ देता है.

पहले तीन नुस्खे मैंने यहां डाले है , यह गर्मी में जल या दूध , मलाई , मक्खन से लें।
सर्दी में गर्म जल , केसर मिले दूध, शहद , गुड़ , अदरक , पान के रस से लें सकते हैं।

कोई भी नुस्खा लेने से पहले एक बार मुझसे परामर्श जरूर लें ।

जिन योगों में मैं अश्वगंधा का प्रयोग करता हुं जैसे पुरुषों के मेरे द्वारा निर्मित “शाही तिला ख़ास” , “तूफानी ताकत महायोग”, “जीवन जौश महायोग”, “गाइनोमेस्टीया”, “दिमागी रोग”, “सोरेबर्ल पलसी”, “मसकूलर डिसट्राफी”, “घुटने बदलना, जोडों में ग्रीस खत्म हो जाना”, “गंठिया”, “बांझपन” “कद बढ़ाना” आदि जो मेरे वर्षों की मेहनत से अपने अनुभव के अनुसार तैयार किए हैं , सफलता पूर्वक अच्छे रिजल्ट दें रहे हैं।
यह योग बार-बार मैं पोस्ट कर चुका हुं। इच्छुक पाठक मेरे ब्लॉग https://drascheema.blogspot.in पर दुबारा पढ़ सकते है।

अश्वगंधा के कुछ सरल योग मैं अपने पाठकों के लिए लिखूंगा जोकि साधारण जन हर कोई घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकता है । मैं नहीं चाहता कि मेरे पाठकों को ऐसी महान औषधि की जानकारी के बाद वो किसी भी तरीके से किसी लाभ से वंचित रह जाएं। ऊपर जिन रोगों के योग मैंने बताएं है जिसमें अश्वगंधा का इस्तेमाल भी होता है। रोग अनुसार आप मुझसे मंगवा सकते है।

अब जो योग दूंगा सर्व सुलभ , सरल योग लिखूंगा । आप इस्तेमाल करें।
ऐसी महान औषधि के गुणों से अपने आसपास लोगों को बताएं और आयुर्वेद का प्रचार करें।

1.बांझपन के लिए एक चम्मच अश्वगंधा दूध से माहवारी खत्म होने के अगले दिन एक हफ्ता लें। उसके बाद समागम से आपकी मनोकामना पूरी होगी।

2. अश्वगंधा , विदारी कंद 100-100ग्राम , मिश्री 200 ग्राम मिलाकर रख लें। एक चम्मच सुबह-शाम दूध या पानी से लेने से सफेद प्रदर,छोटे स्तन, दूध की कमी , कमर दर्द , धांतु रोग , शुक्राणु कमी , साधारण कमजोरी में लाभ होता है।

3. अश्वगंधा 100 ग्राम , मीठी सुरंजान 50 ग्राम , सोंठ 25 ग्राम मिलाकर रख लें।‌गर्म पानी या दूध से एक चम्मच लें।
यह गंठिया,कमर दर्द, जोड़ों का दर्द में बहुत लाभकारी है।

4.अशवगंधा , ब्राह्मी 1-1 ग्राम मलाई से चाटने से दिमागी ताकत बढ़ाने के लिए लाभकारी है।

5. अश्वगंधा , सतावर , विदारी कंद, सफेद जीरा 50-50 ग्राम लेकर चूर्ण करें।‌ एक-एक चम्मच उन माताओं के लिए जिन्हें दूध कम बनता है। इससे दूध बढ़ता है , बच्चा भी मोटा ताजा होता है। बिमार कम होता है।

6.अशवगंधा , सोंठ , जायफल , लहसुन , अजवाइन ,केसर, मालकांगनी  10-10 ग्राम , लेकर दरदरा सा कूट लें।‌ 200 मिलीलीटर तिल तैल में पकाकर जला लें। छानकर रख लें। इस तैल को मांसपेशियों के दर्द, जोड़ दर्द , इंद्री पर मालिश के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

•लेखक - वैद्य•
!! सदैव आपका अपना शुभचिंतक !!
:: वैद्य अमनदीप सिंह चीमाँ , पंजाब ::
**संस्थापक कोहिनूर आयुर्वेद**
--Whatsapp 9915136138--

Wednesday, January 8, 2020

योनांगों को बेहद टाईट करने वाला नुस्खा

सहवास करते समय सुख एवं आनन्द की अनुभूति नहीं होती ?

पति सहवास में अति करने, अप्राकृतिक एवं असुविधापूर्ण आसनों में अति वेग के साथ सहवास करने, अति प्रसव करने और शरीर के कमजोर एवं शिथिल होने के कारण स्त्रियों का योनि मार्ग ढीला, पोला और विस्तीर्ण हो जाता है, जिससे सहवास करते समय सुख एवं आनन्द की अनुभूति नहीं होती।ऐसी स्थिति में प्रायः पति लोग सहवास क्रिया में रुचि नहीं ले पाते और कोई-कोई पति परस्त्रीगमन की ओर उन्मुख हो जाते हैं। विलासी एवं रसिक स्वभाव के पति घर की सुन्दर नौकरानियों से ही यौन संबंध कायम कर लेते हैं। इस व्याधि को दूर करने के लिए मेरा अनुभूत , सैकड़ों रोगिनियों पर आजमाया हुआ निम्नलिखित उपाय उपयोगी एवं कारगर सिद्ध हुए हैं। आप घर बैठे कोरियर से भी मंगवा सकते है . 21 दिन के प्रयोग से योनि कुंवारी कन्या जैसी हो जाती है , जिनके मर्द कमजोर है या इंद्री में ढ़ीलापन है वह यह प्रयोग न करें . इसके लिए उनहें अपनी चिकित्सा करवाना चाहिए , उसके लिए 35+ मर्द मेरा जीवन जौश महायोग कोर्स ले सकते है . दवा के समय खट्टी-तली चीजें , संभोग वर्जित है .

नुस्खा देखें :-
असली माजूफल ,
सुपारी ,
जंग हरड़ ,
माई ,
अनार का छिलका ,
कत्था,
फिटकरी
सबका 2-2 तोला बारीक महीन मैदा जैसा बारीक पाउडर बना लें . फिर इसे भांग के पत्तों का रस एक लीटर , पलाश के ताजा फूलों का रस , गुलाब के फूलों का रस आधा लीटर , अनार के फूलों का रस 250 मिलीलिटर निकाल लें .
फिर सब बारीक किए हुए घटक रस में अच्छी तरह से घोल लें . उसके बाद कांच की बोतल में डालकर , या किसी मिट्टी के बर्तन में डालकर धीमी आंच पर रखकर सुखाकर पाउडर बना लेना है . आपकी दवा तैयार है . प्रयोग करें . और जिंदगी भर मुझे दुआ में याद रखें. बनाने में तो काफी मेहनत है , मेहनत के बाद रिज्लट देखकर पैसा , मेहनत सब भूल जाता है . दवा का रस निकालना , ढूढ़ना , कूटना , पीसना , पूरा माप तोल रखना आसान काम नही है . एक मरीज की दवा को एक हफ्ता लग जाता है .मेहनत ज्यादा है .
प्रयोग करने का तरीका:-
एक महीन मलमल के साफ सफेद कपड़े पर रखकर छोटी सी पोटली बनाकर मजबूत धागे से बांध दें। धागा लम्बा रखें, ताकि धागे को खींचकर पोटली बाहर खींची जा सके। रात को सोते समय इस पोटली को पानी में डुबोकर गीली कर लें एवं योनि मार्ग में अन्दर तक सरकाकर रख लें और सुबह निकालकर फेंक दें। लाभ न होने तक यह प्रयोग जारी रखें। ज्यादा जानकारी के लिए मेरे वटसऐप पर संपर्क कर लें. जानकारी गुप्त रहती है . छाती का ढ़ीलापन , इंद्री पतली , छोटी , टेडी के लिए भी आप बिना झिझकाहट बात कर सकते है .

लेखक
सदैव आपका अपना
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ , पंजाब
वटसऐप 9915136138

कृपा इस पोस्ट को शेयर न करें . कई लोगों को अच्छा नही लगेगा. धन्यवाद

हनीमून कोर्स खाओ Playboy बन जाओ .

Special Honeymoon Course

“ हनीमून महायोग ”

“ मिले न फूल तो काटों से दोस्ती कर ली ”

बहुत समय से मेरे पाठको की मांग थी कि आप हनीमून कोर्स तैयार कैसे करते है। इसे लिखित रूप में पाठकों के लिए पोस्ट करें। समय के अभाव के कारण इस योग को लिखने में समय निकलता गया , मेरा यह योग देश-विदेश में नये शादीशुदा लड़के या जिनकी शादी होने वाली होती है वो काफी पसंद करते है। जिन्होने इसका प्रयोग कर लिया वो अपने दोस्तों को भी इसका प्रयोग करने की सलाह जरूर देते है। यह योग केवल मर्द ही नही लड़कियों के लिए भी उतना ही फायदेमंद है।
यह योग सिर्फ 40दिन का है। जिनके पास समय का अभाव होता है , रिज्लट बहुत जल्दी चाहिए होते है , शादी की तारीख नजदीक होती है या नई शादी हुई होती है , हनीमून जाने का विचार कर रहे होते है , उनके लिए ही मैं इस योग का निर्माण करता हुं। इस योग को बनाने में काफी मेहनत और सावधानी की जरूरत होती है। जिसके कारण यह योग काफी महंगा भी पढ़ता है , लेकिन लाखों रूपए शादी पर खर्च करके अगर खूबसूरत जिंदगी के लिए , अपने जीवन साथी के लिए थोड़ा पैसे और खर्च कर लिए जाए तो खुशियों में चार चांद लगने से कोई नही रोक सकता ।‌

इस योग के फायदे बहुत है जो निम्नलिखित है :-
शादी से घबराहट होना , औरत के नाम से ही डरना ,
शरीर को संभोग में असमर्थ समझना ,
वीर्य में पतलापन होना , संभोग में समय न लगना ,
एक बार करने के बाद दूसरी बार इच्छा ही न होना।

इस योग के सेवन से काम उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है , किंग कोबरा जैसी फुर्ती आ जाती है। मर्द औरत कामदेव के सामान हो जाते है। संभोगानंद बहुत बढ़ जाता है। इंद्री की मुरझाई हुई नशों में ताकत का तूफान दोड़ने लग जाता है , बार -२ संभोग करने को दिल करता है , लिंग का आकार और मोटापन बढ़ जाता है । संभोग में लंबा समय रूकावट बनती है जिससे आपके जीवन साथी को पूर्ण संतुष्टी मिलती है । इस महायोग के सेवन से नामर्द मर्द कहलाने लायक बन जाता है , आखिर में यही कहुंगा कि हिजड़ा भी संभोग के काबिल हो जाता है। जिनके जीवन साथी को अच्छे दमदार सैक्स पावर वाले जीवन साथी की जरूरत हो उसे एक बार जरूर इस “हनीमून महायोग” का सेवन करना चाहिए। इस “हनीमून महायोग” का सेवन करके हर गृह्स्थी अपने जीवन में खुशियाँ ला सकते है। हर मौस्म में इसका सेवन कर सकते है। हनीमून जाने से दस दिन पहले इसका सेवन शुरू कर दें। बार-बार मैदान में कूदने को मन करेंगा , मन नही भरेगा ।

अब नुस्खा देखें :-
हिंगुल 5-5 ग्राम के 10 पीस लेकर एक मिट्टी के बर्तन में डालें।
इसे चूल्हे पर चड़ाकर , ऊपर किसी बर्तन को लटकाकर
उसमें पाँच लीटर देशी नींबू का रस डालकर नीचे छोटा सा सुराख कर दें, ताकि रस बूंद बूंद टपकता रहे । नीचे‌ आग जलाए। इसमें आग का ही सारा खेल है‌, आग कम या ज्यादा , कब कैसे देनी है , बिना अनुभव के मुशकिल है। नीचे आग जलती रहे ऊपर से रस टपकता रहे , जब नींबू का रस खत्म हो जाए। फिर सफेद प्याज के पाँच लीटर रस को टपकाकर जला दें। फिर आर्दक का रस पाँच लीटर टपका कर सुखा दें ।
उसके बाद जायफल , लौंग , जावित्री 50-50 ग्राम का पाउडर बनाकर ,  उसी बर्तन में आधा पाऊडर यानि 75 ग्राम नीचे फिर पांच ग्राम की एक उपरोक्त हिंगुल डली रखकर ऊपर बाकी बचा हुआ पाऊडर डालकर , नीचे आग जला दें । जब सारा पाऊडर राख हो जाए , तो उसके बाद भिलावा , कुचला , वत्सनाभ 50-50 ग्राम अधकुटा करके बीच में एक डली रखकर आग जलाएं जब यह  अधकुटा पाऊडर जल जाए तो डली निकाल कर , फिर इसमें मालकंगनी , अकरकरा , खुरासानी अजवायन 50-50 ग्राम अधकुटा सा करके पहले की तरह बीच में डली रखकर पाऊडर जल जाने के बाद डली निकाल लें।

इसी तरह सभी हिंगुल की डलीयाँ तैयार कर लें ।
जब सारी डलीयाँ इस तरह आप तैयार कर लें।  तो इन्हे सावधानी से साफ करके किसी अच्छे खरल में डालकर अच्छी तरह बारीक करें।
फिर इसमें से 10 ग्राम पाउडर अलग से निकाल कर , उसमें असली 2ग्राम केशर गुलाब के अर्क में बारीक पिसा हुआ डालकर , खूब खरल करके पूरी तरह सुखा दें ।
फिर इसकी एक बोतल अर्क जायफल , फिर अर्क जावित्री में थोड़ा-२ डालकर खूब खरल करें । जब सूख जाए तो इसको खुरासानी अजवायन के एक बोतल अर्क में थोड़ा-२ डालकर खरल करें ।

अब इस तैयार दवा में
हीरक भस्म अच्छी - ½ ग्राम
स्वर्ण भस्म नं:१ -  ½ ग्राम
मोती पिष्टी नं:१ - 2 ग्राम
प्रवाल पिष्टी नं:१ -2 ग्राम
अभ्रक भस्म सहस्त्रपुटी -2 ग्राम
मिलाकर खूब खरल कर करके रख लें । आपकी दवा तैयार है।
आपका “हनीमून महायोग ” तैयार है।
सुबह - शाम दूध से एक - एक खुराक लें ।
दूध, जूस , फल का खूब प्रयोग करें ।

नोट :- जो मित्र आयुर्वेद की जानकारी नही रखते कृप्या वो इस दवा को खुद बनाने की कोशिश न करें ।
दवा बनाने में अगर असमर्थ है तो आप वटसऐप पर मेरे से संपर्क करके यह दवा कोरियर से देश-विदेश में कहीं भी मंगवा सकते है।

सदैव आपका अपना
वैद्य अमनदीप सिंह चीमाँ , पंजाब
वटस ऐप 9915136138