Wednesday, February 22, 2017

Teeth Problem's

* दांतों के लिए उपयोगी बातें + मेरा अनुभूत नुस्खा *

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दांतों में अगर ठंडा-गरम लगता है तो हो सकता है कि आपके दांतों पर लगी कोटिंग जिसे हम इनेमल कहते हैं, घिस चुकी हो। इनेमल दांतों का सुरक्षा कवच होता है जो उसे कठोर चीजों से बचाने का काम करता है। अगर आप सुबह जोर-जोर से टूथब्रश करते हैं तो दांतों का संवेदन होना जाहिर सी बात हो जाती है। दांतों का संवेदनशील बना रहना महीने भर से ले कर सालों-साल तक चल सकता है। जब दांतों से इनेमल की कोटिंग हट जाती है तब दांतों में कुछ भी ठंडा या गर्म खाने पर बड़ी जोरी की टीस मचती है।

::दांतों की देखभाल के लिए घरेलू उपचार::

:विशेष टूथपेस्ट:
संवेदनशील दांतों के लिए विशेष टूथपेस्ट उपलब्ध हैं। साधारण टूथपेस्ट के बजाय इनका उपयोग करें। व्हाइटनरयुक्त टूथपेस्ट का उपयोग नहीं करें, यह दांतों पर कठोरता से काम करते हैं। इनसे तकलीफ बढ़ जाती है।

:नरम ब्रश का प्रयोग:
नरम ब्रश का प्रयोग करें जिससे दांतों और मसूढ़ों पर जोर ना पड़े। ब्रश को हल्‍के हल्‍के हाथों से दांतों पर चलाएं।

:फ्लोराइड माउथवॉश और टूथपेस्‍ट:
फ्लोराइड हमें दांतों की सड़न और टूथ इनेमल को डैमेज होने से बचाता है। ऐसे माउथवॉश और टूथपेस्‍ट का प्रयोग करें जिसमें फ्लोराइड शामिल हो।

:मुंह की सफाई:
दिन में दो बार ब्रश करें। रात को सोने से पहले जरुर ब्रश करें। इसके अलावा दिन में एक बार फ्लॉस करें।

:संवेदना पहुंचाने वाले आहार न खाएं:
बहुत ज्‍यादा ठंडा या गरम ना खाएं। बहुत अधिक चीनी युक्‍त आहार न खाएं क्‍योंकि यह दांतों में बड़ी ही तेजी के साथ लगती है। ऐसे आहारों को पहचाने जो दांतों में लगते हैं और उन्‍हें न खाएं।

:अम्लीय खाद्य पदार्थ और पेय :
फलों के रस, शीतल पेय, सिरका, रेड वाइन, चाय, आइसक्रीम और अम्लीय खट्टे फल टमाटर, सलाद ड्रेसिंग और अचार आदि न खाएं। अगर आप इन्‍हें खाते भी हैं तो बाद में ब्रश कर लें। ये आहार दांतों के इनेमल को घिस देते हैं।

: नमक और पानी उपचार:
हल्‍के गरम पानी में 2 चम्‍मच नमक मिक्‍स करें। इस घोल से सुबह और रात को सोने जाने के वक्‍त कुल्‍ला करें। यह एक आयुर्वेदिक उपचार है जो काफी काम आता है।

: सरसों का तेल और सेंधा नमक:
1 चम्‍मच सरसों के तेल में 1 छोटा चम्‍मच सेंधा नमक मिलाएं। इस मिश्रण से दांतों और मसूढ़ों की हल्‍के हल्‍के मसाज करें। फिर 5 मिनट के बाद मुंह धो लें।

* मेरा सिद्ध आयुर्वेदिक योग - मेरा अनुभूत *

त्रिफला -2ग्राम
स्वर्णमाक्षिक भस्म -125 मि.ग्रा .
फिटकरी-250मिली ग्राम ,
गंधक रसायन 125 मि.ग्रा ,
अरोग्यावर्धनी वटी - 300 मि.ग्रा ।

यह सिर्फ एक खुराक की मात्रा बताई गई है | रोगाणुसार दो या तीन खुराक दिन में लें | पहली खुराक ही असर न दिखाएं तो कहना ।

यह पायरिया ,ठंडा गर्म लगना और दांत दर्द का बहुत ही अचूक दवा है मैं कई सालों से अपनी चिकित्सा में प्रयोग करता आ रहा हुँ । एक दो खुराक में ही रोगी आराम बताता है |

सदैव आपका अपना
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ,पंजाब
WHATSAPP 9915136138

1 comment:

  1. सर् ये दवाई खानी है या दाँत पे लगानी है

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