Wednesday, February 22, 2017

Mumps

Mumps गलदण्ड रोग

गलदण्ड एक संक्रामक है, विषाणु जनित रोग है।इस रोग में मुंह की लार ग्रंथियों में सूजन आ जाती है । जिसके कारण जबड़े का हिस्सा बहुत सूजा हुआ दिखता है। इसका खतरा वयस्कों में अधिक होता है और इसके कारण पुरुषों में अनुर्वरता हो सकती है। यह रोग बलगम और लार के जरिये फैलता है। इस रोग में नाक, मुंह और गले में विषाणु के कारण कफ,  पास में बैठकर बातचीत करने और छींकने के द्वारा यह दूसरों को संक्रमित कर सकता है। अगर आप Mumps के रोगी के बर्तन साझा करते है तो आपको यह रोग हो सकता है। इसी तरह, अगर आपको यह रोग है तो आपके द्वारा स्पर्श की गई चीज़ें बाद में स्पर्श करने से दूसरे को भी यह रोग हो सकता है।

इस रोग का पहले या दूसरे हफ्ते पता चल जाता है । पहले इस रोग के रोगी की लार ग्रंथियों में संक्रमण के कारण जबड़े के आसपास का हिस्सा सूजा दिखता है।
रोगी को हल्का बुखार रहता है ।
सिरदर्द बना रहता है ।
रोगी हरपल थकान या आलस महसूस करता है ।
  रोगी को भूख की कमी हो जाती है ।
  रोगी की मांसपेशियों में दर्द रहता है । कानों के पास दर्द ,चबाने और निगलनें में बहुत समस्या आती है ।
वयस्क पुरुषों के इस विषाणु के कारण उनके वृषण भी प्रभावित हो सकते हैं और उनमें सूजन हो सकती है। इस विषाणु संक्रमण के कारण एनसेफलाइटिस (मस्तिष्क में होने वाली जलन), मेनिनजाइटिस, बहरापन, महिलाओं में, अंडकोष में जलन (इसे ऊफॉराइटिस कहते हैं) और मैस्टाइटिस भी हो सकती है ।

इलाज :-
इसमें बर्फ की सिकाई या गर्दन व सूजे हिस्सों पर गर्म सिकाई, दर्द निवारक दवाएं, विशेष भोजन जो जबड़ों पर ज़्यादा ज़ोर न डाले, वही दें । खिचडी ,दलिया दे सकते है । सूप बहुत अच्छा है । लहसुन की पेस्ट या सोंठ की पेस्ट बनाकर लेप करें।
फिटकरी भस्म -टंकण भस्म ½-½ ग्राम गर्म जल से ग्रहण करें । आशातीत लाभ होगा।

*मेरी आयुर्वेदिक अनूभूत चिकित्सा*

गण्डमाला कंडन रस-5ग्राम
ताप्यादि लोह-8ग्राम
खदिरादि वटी-8ग्राम
अरोग्यावर्धनी वटी-5ग्राम
कचनार गुगल-15ग्राम
त्रिभुवनकीर्ति रस-5ग्राम
लक्षमी विलास रस नारदीय -5ग्राम
यह सब दवा किसी अच्छी कंपनी की लेकर अच्छी तरह कसकर घुटाई करके 45पुड़िया बना लें । सुबह-दोपहर-शाम 1-1-1पुड़िया शहद से चटवाएं । ऊपर से गुनगुना पानी पिएं । 15दिन में रोग जड़ से नष्ट हो जाएगा। 2-3खुराक में रिजल्ट मिल जाता है। आप यह दवा प्रयोग करें, शेयर भी करें । बस दुआ में जरूर याद रखना । चलता हुँ.... फ्री का ज्ञान समझकर Ignore मत करना । रब्ब राखा ....

लेखक
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ ,पंजाब
संस्थापक कोहिनूर आयुर्वेदिक दवाख़ाना
WhatsApp 9915136138

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