Wednesday, February 22, 2017

Colitis

~~~Colitis ( बढ़ी आंत में सूजन )~~~

कोलायटिस पेट से संबंधित रोग है । इसमें पेट की बढ़ी आंत में सूजन हो जाती है । इसे Ulcerative colitis अलसरेटिव कोलाईटिस भी कहते है । मल चिपचिपा सा बदबूदार , पेट में मरोड़ होना , पतले दस्त ,खूनी दस्त,तेज बुखार , नींद की कमी , Weight loss हो जाता है, थकावट, चक्कर ,कमजोरी ,खून की कमी ,चिड़चिड़ापन हो जाता है ।

अकसर खट्टी-तली चीजें , तला भुना खाना,चाय ,कैफीन , तम्बाकू,अलकोहल आदि लेने वालों को यह ज्यादातर होता है । रोग पुराना होने पर पेट का कैंसर भी बन जाता है । इसलिए समय रहते इसका इलाज जरूरी होता है ।

आज कल के डाँ के पास चले गए तो लंबा समय इलाज के लिए बोल देते है । उनके लिए तो यह रोग पहाड़ जैसा है । कई रोगी को तीन से छे महीने की लंबी चिकित्सा बता देते है । बस खाता रह दवाई , जेब भरता रह । लेकिन दोस्तों मेरी नजर में ऐसा कुछ नही कि लंबी चिकित्सा करें । कई ऐसे रोगी आए जो कि 6-6महीने के चिकित्सा करवाकर  रिजल्ट शून्य होता है ,मेरे से संपर्क करते है , कई ऐसे रोगियों को अपनी अनुभूत चिकित्सा से 3-5खुराक में पूर्ण आराम हो जाता है । आज जो नुस्खा आपसे शेयर कर रहा हुँ , मेरा बहुत ही पसंदीदा और अनुभूत नुस्खा है । जो बहुत ही लाभदायक , कारगर , अचूक ,रामबाण है । आप को अगर यह  Ulcerative colitis की समस्या है तो मेरा यह अनुभूत नुस्खा प्रयोग करें , लाभ उठाएं । सेहतमंद हो जाए । फ्री का  नुस्खा समझ कर Ignore न करना , जिंदगी में कभी भी किसी के भी काम आ सकता है ।

*Ulcerative colitis बड़ी आंत की सूजन पर मेरा अनुभूत नुस्खा*

बिल्वादी चूर्ण - ६०ग्राम
ताप्यादि लोह - १५ग्राम
पुनर्नवादि मंडूर-१५ग्राम
कामदोधा रस-१५ग्राम
स्फटिका भस्म-१५ग्राम

~~~बनाने की विधि~~~
सबसे पहले ताप्यादि लौह को पीस लें ,उसके बाद पुनर्नवादि मंडूर पीस लें , फिर इसमें कामदोधा रस डालकर पीसकर कसकर घुटाई करें , उसके बाद आप स्फटिका भस्म फिर बिल्वादी चूर्ण डालकर अच्छी तरह घुटाई करके एकजान करलें। फिर इस मिश्रण की ३० पुड़िया बना लें ।

~~~खाने की विधि~~~
सुबह-दोपहर-शाम एक-एक पुडियाँ ताजा जल से लें ।

यह नुस्खा प्रयोग करके आप बिल्कुल तंदरूसत हो जाएगे , जो डाँ इस रोग से भोले-भाले लोगों को डराकर पैसे बटोरते है । अपनी जेब भरते है । उस से निजात मिलेगी । भविष्य में कोई बढ़ा रोग होने की आशंका भी नही होगी ।इस बार इतना ही । गुस्ताखी माफ। चलता हुँ .....रब्ब राखा । पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर जरूर करें, आगे आपकी मर्जी । “कर भला हो भला ,अंत भले का भला”।

```लेखक
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ,पंजाब
संस्थापक कोहिनूर आयुर्वेदिक दवाख़ाना
WhatsApp 9915136138```

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