Wednesday, February 22, 2017

Prolapse of the uterus बच्चेदानी बाहर निकलना

Prolapse of The Uterus गर्भाशय भ्रंश
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••

यह रोग महिलायों का बहुत दुख:दायक रोग है । इसमें महिला के गुप्त अंग कमजोरी की वजह से ढ़ीले पढ़ जाते है । जिस कारण बच्चेदानी योनि के रास्ते बाहर निकलने लगती है । पेट में दर्द रहता है । बैठते समय बच्चेदानी बाहर आने लगती है । यह खास़कर प्रौढ़ अवस्था में होने वाला रोग है । आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इसका इलाज आप्रेशन है । आप्रेशन करके यूटरस को निकाल दिया जाता है ।आयुर्वेद में इसका बिना आप्रेशन बहुत अच्छा इलाज है । आप्रेशन करवाने की जरूरत नही होगी । इसके  इलाज में भारी काम का परहेज करें , खट्टी-तली चीजें,गैस बनाने वाले पदार्थ , चाय आदि न लें । संभोग से परहेज रखें । यह रोग जड़मूल से नष्ट हो सकता है । मैं आपको घरेलु और आयुर्वेदिक चिकित्सा बता रहा हुँ ।

•••घरेलु इलाज•••
===========

•फिटकरी,माजूफल,सुपारी,गुलाब फूल,हरड़ 20-20ग्राम लेकर मैदे जैसा बारीक चूर्ण बना लें । रात को सोते समय रूई पर दवा लगाकर ,धागा लपेट कर ,योनि में रख दें । थोड़ा धागा बाहर रहने दें । सुबह धागा खीचकर रूई निकाल दें ।

•अशोक,नागकेसर,अशवगंधा,सतावर,मूसली सफेद 4-4तोला लेकर चूर्ण बना कर,इसमें समभाग मिश्री मिलाकर रख लें । सुबह - शाम दूध से एक-एक चम्मच दवा लें ।

•••मेरी अनूभूत आयुर्वेदिक चिकित्सा•••
   =====================

•फिटकरी,माजूफल,सुपारी,गुलाब फूल,हरड़ 20-20ग्राम लेकर मैदे जैसा बारीक चूर्ण बना लें । रात को सोते समय रूई पर दवा लगाकर ,धागा लपेट कर ,योनि में रख दें । थोड़ा धागा बाहर रहने दें । सुबह धागा खीचकर रूई निकाल दें ।  यह घरेलु चिकित्सा में भी बताया है ।

•••योनिभ्रंसहर मेरा अनुभूत योग•••
•पुष्यानुग चूर्ण-१८तोला
•अभ्रक भस्म-५ग्राम
•चंद्राशु रस-१०ग्राम
•मधु मालिनी बसंत-१०ग्राम

सबको अच्छी तरह कसकर घुटाई करके बारीक कर लें। फिर बराबर मात्रा में 60पुड़िया बना लें । सुबह-शाम एक-एक पुडियाँ नीचें बताई गई दवा के साथ खाने के बाद लें।

•अशोकारिष्ट+ बलारिष्ट+ अशवगंधारिष्ट सबको बराबर मात्रा में मिलाकर मिक्स करके रख लें । ४-४ चम्मच दवा पानी में मिलाकर लें । साथ में १ पुडियाँ खाएं ।

•परहेज•
=====
वजन न उठाएं, तनाव मुक्त रहें,संभोग से दूर रहे,वायुकारक चीजें न लें । कब्ज न होने दें । केवल हल्का सुपाचय भोजन ही लें।

•लेखक•
सदैव आपका अपना शुभचिन्तक
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ,पंजाब
संस्थापक कोहिनूर आयुर्वेदा
WhatsApp 9915136138

•विशेष•
इस दवा को मैंने दर्जुनों रोगनियों पर प्रयोग किया बहुत ही सफलता और यश मिला । आप भी इस का प्रयोग करें। लाभ उठाएं। यह रोग ऐसा है कि शर्म की वजह से माताएं ,बहने किसी को बता नही पाती और कष्ट सहन करती रहती है । इसलिए आपका फर्ज बनता है कि यह पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि माताएं बहने तक यह पोस्ट पहुँच जाए और वह अपना इलाज करके इस रोग से छुटकारा पा सके । यह पुन्य का काम है । दुआएं कभी खरीदने से नही मिलती न ही कही बिकती है । चलता हुँ.... रब्ब राखा

No comments:

Post a Comment