*दिल की कमजोरी,हृदय की दुर्बलता *
“ मेरा अनुभूत हृदयअमृत योग”
यह पोस्ट बहुत काम की है , कृप्या पूरी पोस्ट पढ़ें,यह कोई कोपी पेस्ट नही ।
आजकल की भागदोड़ की जिंदगी में दिल की कमजोरी होना आम बात है । दिल बढ़े कमजोर हो गए है लोगों के । आदमी खुराक के दम पर जीता है । वो कहते है न “मर्द और घोड़ा ,कभी बुड्डे नही होते ,बस खुराक बुड्डी हो जाती है” । लेकिन जिस देश का किसान ज्यादा पैदावार और ज्यादा लाभ लेने के चक्कर में जब खुराक ही कीटनाशक दवाई युक्त , रेह-सप्रे युक्त ,युरिया,जहरीली दवायें की मार तले पैदा हो रही कर रहा हो तो उस खुराक को खाने वाले के पूरे शरीर का सिसटम ही गड़बढ़ाएंगा । ऊपर से महंगाई ,घर की जिम्मेदारिया और कबीलदारी की टैंशन ,ऐसे में दिल को ज्यादा काम करना पढ़ेगा , तो कमजोर तो होगा ही ।
दिल की कमजोरी में रोगी का हृदय दुर्बल हो जाता है । उसके फलस्वरूप रोगी शारीरिक मानसिक श्रम करने में दिक्कत महसूस करता है । रोगी के श्वास का प्रकोप बढ़ने पर रोगी को कुछ भी अच्छा नही लगता । ऐसे में रोगी को क्या उपचार देना चाहिए ,जिससे रोगी की यह प्रेशानी दूर हो ,और रोगी पूर्ण स्वस्थ होकर अपने काम करने लगे ।
चिकित्सा:-
इसमें रोगी को मेरा निम्न योग देने से कुछ ही दिन में रोगी को आशातीत लाभ दिखाई देगा।
“ मेरा अनुभूत हृदयअमृत योग”
कस्तूरी भैरव रस 30गोली,
हृदयामृत रस -60गोली,
नाग्राजुनाभ्र रस -30गोली,
अर्जुन छाल चूर्ण -60ग्राम ,
मोती पिष्टी- 5ग्राम,
अकीक पिष्टी -5ग्राम,
अभ्रक भस्म सहस्त्रपुटी -3ग्राम
पूरी दवा वैझनाथ/डाबर/धूतपापेश्वर कंपनी की ही लें।
सबको पीसकर 45पुडियाँ बनाकर रख लें ।
खाने की विधि:-
सुबह-दोपहर-शाम दवाउलमिस्क मातदिल जवाहर वाली ख़ास या गाँवजवा अम्बरी जवाहर वाला १ चम्मच से १ पुडियाँ दें । सुबह खाली पेट चयवनप्राश स्पैशल के साथ एक चांदी का वर्क लगाकर रोगी को दें। खाने के बाद द्राक्षारिष्ट + अर्जुनारिष्ट 2-2चम्मच पानी में मिलाकर दें । सेब का मुरूबा या सेब का जूस रोगी को दें । चांदी का वर्क सुबह सेब के मुरूबे से खाली पेट दें सकते है । जीवन में न बच पाने की आशा छोड़ चुका रोगी बिस्तर छोड़ भागने लगेगा। तीसरी खुराक में रोगी को जबरदस्त आराम न मिलें तो मेरी आयुर्वेद विद्या को झूठा कह दें ।
सदैव आपका अपना
डाँ०अमनदीप सिंह चीमाँ नाड़ी वैद्य,पंजाब
WhatsApp 9915136138
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